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किसान आंदोलन के समर्थन में मजदूर संगठन का धरना प्रदर्शन - मजदूर संगठन सीटू

किसान आंदोलन के समर्थन में मजदूर संगठन सीटू ने विरोध प्रर्दशन किया.बड़ी संख्या में सीटू कार्यकर्ताओं और किसान सभा के प्रदर्शनकारियों ने अपनी गिरफ्तारी दी.

protest of Labor organization
मजदूर संगठन का धरना प्रदर्शन
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Published : Jan 8, 2021, 4:19 AM IST

कोरबा: किसान आंदोलन के समर्थन में मजदूर संगठन सीटू ने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान बड़ी संख्या में सीटू कार्यकर्ताओं और किसान सभा के प्रदर्शनकारियों ने अपनी गिरफ्तारी दी. कोरबा सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में केंद्र सरकार से नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की जा रही है.

घंटाघर के आगे आंदोलन पर बैठे सीटू नेता वीएम मनोहर ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को कुचलने पर आमादा है. मोदी सरकार की ओर से लाए गए तीन नए कृषि कानून किसान विरोधी हैं. किसानों की फसलों को कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए विदेशी, देशी कंपनियों और पूंजीपतियों के हवाले करने की साजिश रची जा रही है. आवश्यक वस्तु अधिनियम कानून खत्म करने से जमाखोरी, कालाबाजारी और मुनाफाखोरी बढ़ेगी.इससे बाजार में खाद्य सामानों की बनावटी कमी पैदा होगी. खाद्य पदार्थ महंगे हो जाएंगे.

पढ़ें-केशकाल: किसानों के समर्थन में NSUI का अभियान

कृषि कानूनों में बदलाव से बड़े पूंजीपतियों और देशी-विदेशी कंपनियों का कृषि पर कब्जा हो जाएगा. सीटू नेता सीएम मनोहर ने यह भी कहा कि देशभर में किसान आंदोलन शुरू हो चुका है. आगे यदि केंद्र सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं लेती है तो पूरे देश में उग्र आंदोलन किया जाएगा.

कोरबा: किसान आंदोलन के समर्थन में मजदूर संगठन सीटू ने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान बड़ी संख्या में सीटू कार्यकर्ताओं और किसान सभा के प्रदर्शनकारियों ने अपनी गिरफ्तारी दी. कोरबा सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में केंद्र सरकार से नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की जा रही है.

घंटाघर के आगे आंदोलन पर बैठे सीटू नेता वीएम मनोहर ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को कुचलने पर आमादा है. मोदी सरकार की ओर से लाए गए तीन नए कृषि कानून किसान विरोधी हैं. किसानों की फसलों को कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए विदेशी, देशी कंपनियों और पूंजीपतियों के हवाले करने की साजिश रची जा रही है. आवश्यक वस्तु अधिनियम कानून खत्म करने से जमाखोरी, कालाबाजारी और मुनाफाखोरी बढ़ेगी.इससे बाजार में खाद्य सामानों की बनावटी कमी पैदा होगी. खाद्य पदार्थ महंगे हो जाएंगे.

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कृषि कानूनों में बदलाव से बड़े पूंजीपतियों और देशी-विदेशी कंपनियों का कृषि पर कब्जा हो जाएगा. सीटू नेता सीएम मनोहर ने यह भी कहा कि देशभर में किसान आंदोलन शुरू हो चुका है. आगे यदि केंद्र सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं लेती है तो पूरे देश में उग्र आंदोलन किया जाएगा.

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