कोरबाः केंद्र सरकार एक राष्ट्र एक टैक्स की परिकल्पना को साकार करने के लिए GST का 'concept' लाई थी. लेकिन GST के नियम प्रभावशील होते ही कई तरह की विसंगतियां अब बरकरार है. कोरबा जिले में वरिष्ठ GST सलाहकार और 'Chartered accountant' मो. रफीक मेमन ने बाहर की कंपनियों द्वारा नियमों की अवहेलना किए जाने की आशंका व्यक्त की है.
पत्र में उन्होंने कहा कि GST प्रावधानों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति या संस्था एक ही PAN number से अलग-अलग राज्यों में अपना व्यवसाय करती हैं, तो उन्हें संबंधित राज्य का पृथक GST नंबर लेना होगा. वह GST- SGST की धारा 22 के तहत GST भुगतान के लिए उत्तरदायी हैं.
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करीब दर्जन भर एजेंसियां सक्रिय
पूरे देश में GST 1 जुलाई 2017 से लागू किया गया है. जिसके बाद छत्तीसगढ़ राज्य में खासतौर पर एसईसीएल, एनटीपीसी के अधीन कई औद्योगिक उपक्रम सक्रिय हैं. यह कंपनियां work contract के आधार पर अरबों रुपए का कार्य कर रही हैं. अन्य राज्य की कंपनियों के द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में आकर कई तरह के कार्य संपादित किये जा रहे हैं. लेकिन यह कंपनियां GST प्रावधानों के अनुसार पृथक GST नंबर नहीं लेतीं.
1 जुलाई 2017 से छत्तीसगढ़ के बाहर से जो भी कंपनियां काम कर रही हैं. उन्होंने tax के रूप में पैसे छत्तीसगढ़ को अदा नहीं किए हैं. छत्तीसगढ़ सरकार को इससे लगभग 100 करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान होने का अनुमान है.
अफसर भी नहीं देते कोई जवाबः
इधर, राज्य GST कार्यालय में उपायुक्त स्तर और केंद्र कार्यालय में सहायक आयुक्त स्तर के अधिकारियों की तैनाती है. GST को लेकर किए गए सवाल पर यह अधिकारी भी कुछ स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रहे हैं. अधिकारियों ने दो टूक कहा कि इस पर उच्चाधिकारी ही कुछ बोल पाएंगे. हालांकि इन अधिकारियों ने स्वीकार किया कि यदि राज्य के बाहर से कोई भी कंपनी जिले में काम करने आती है तो उसे पृथक से स्थानीय स्तर पर एक जीएसटी नंबर लेना होगा, जो कि यहां नहीं हो रहा है.