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SPECIAL: पॉल्ट्री व्यवसाय पर पड़ी बर्ड फ्लू की 'काली परछाईं' !

बर्ड फ्लू की दहशत के कारण चिकन की ब्रिकी में भारी गिरावट आई है. पशुधन विभाग पॉल्ट्री फॉर्म व्यवसायियों को कई दिशा निर्देश दे रहा है. पॉल्ट्री फॉर्म संचालकों से भी सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है.

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पॉल्ट्री व्यवसाय पर पड़ी बर्ड फ्लू की 'काली परछाई'
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Published : Jan 23, 2021, 1:54 PM IST

कोरबा: कोरोना वायरस के बाद अब बर्ड फ्लू ने पॉल्ट्री फॉर्म व्यवसाय की कमर तोड़कर रख दी है. बर्ड फ्लू की आहट के बीच पॉल्ट्री फॉर्म व्यवसाय दोहरी मार झेल रहा है. चिकन के दाम में रोजाना 10 से 20 रूपये प्रति किलो की गिरावट आ रही है. पशुधन विभाग ने भी पॉल्ट्री फॉर्म संचालकों का हौसला बढ़ाने के लिए कमर कस ली है. अफसर चिकन व्यवसायियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. उन्हें जागरूक करने के साथ ही एहतियात बरतने की अपील कर रहे हैं.

पॉल्ट्री व्यवसाय पर पड़ी बर्ड फ्लू की 'काली परछाई'

पढ़ें: बर्ड फ्लू के दहशत से चिकन बिक्री में आई गिरावट

चिकन की बिक्री में भारी गिरावट

कोरबा में बर्ड फ्लू की आहट से ज्यादातर लोगों ने चिकन का त्याग कर दिया है. कुछ लोगों का कहना है कि जब तक इस बीमारी की पुष्टि न हो, तब तक हम चिकन खाना बंद नहीं करेंगे. पॉल्ट्री फार्म व्यवसाय में लगे लोगों का कहना है कि कोरोना काल में भी इस तरह की अफवाह फैली थी. हालांकि पक्षियों या चिकन से कोरोना वायरस के फैलने की अब तक कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन तब लोगों ने चिकन खाना छोड़ दिया था.

Chicken sales fall drastically due to bird flu in korba
बर्ड फ्लू के कारण चिकन की बिक्री में भारी गिरावट

पढ़ें: कोरोना वायरस: 80 रुपये से घटकर 10 रुपये प्रति किलो हुआ चिकन

बर्ड फ्लू से लोगों में भय का माहौल

पॉल्ट्री फॉर्म व्यवसायियों का कहना है कि उनका कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. कोरोना ने पहले ही पॉल्ट्री व्यवसाय की कमर तोड़ रखी है. अब बर्ड फ्लू ने भी दस्तक दे दी है. हालांकि फिलहाल प्रदेश के 3 या 4 जिलों में ही इसकी पुष्टि हुई है. लोगों में भय का माहौल है. लोग आकर बर्ड फ्लू के बारे में पूछ रहे हैं. चिकन की बिक्री में भारी गिरावट आई है. इसकी वजह से दाम भी कम करने पड़े हैं.

Chicken sales fall drastically due to bird flu in korba
चिकन की ब्रिकी में भारी गिरावट

70 डिग्री सेल्सियस पर पकाने से मर जाता है वायरस

आमतौर पर भारतीय व्यंजन अधिक तापमान पर पकाये जाते हैं. भारतीयों के खानपान के तरीके सदियों से ऐसे ही हैं. विशेषज्ञ भी यही बात कह रहे हैं. वर्तमान में पशुधन विभाग ने पॉल्ट्री फॉर्म संचालकों और चिकन व्यवसायियों को भी यही बात बताई है. 70 डिग्री सेल्सियस पर पकाने से चिकन के सभी वायरस मर जाते हैं. किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं रह जाता. पॉल्ट्री फॉर्म संचालक भी यही बात ग्राहकों को बता रहे हैं. यहां यह भी बताना होगा कि फिलहाल छत्तीसगढ़ के तीन या चार जिलों में ही बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. कोरबा जिले में किसी भी तरह का प्रकरण सामने नहीं आया है.

Chicken sales fall drastically due to bird flu in korba
पोल्ट्री फॉर्म संचालकों से सतर्कता की अपील
बाहर के व्यक्ति को फॉर्म में ना दें प्रवेश

प्रशिक्षण के दौरान विभाग ने पॉल्ट्री फॉर्म संचालकों से अपील की है. अधिकारियों ने कहा है कि पॉल्ट्री फॉर्म में फिलहाल कुछ समय तक के लिए बाहर के किसी भी व्यक्ति को प्रवेश ना दें. विभाग द्वारा सुझाए गए केमिकल का उपयोग करें. नियमित तौर पर दवा का छिड़काव करें, जिससे संक्रमण आता भी है, तो वह फॉर्म के भीतर प्रवेश न कर सके.

वेस्ट मटेरियल का करें उचित निपटान

मुर्गी पालक किसान औए पॉल्ट्री फार्म संचालकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. पशुधन विभाग पॉल्ट्री फॉर्म पर सबसे अधिक फोकस कर रहा है, ताकि वेस्ट मटेरियल का उचित तरह से निपटान किया जा सके. विभाग के चिकित्सक फॉर्म संचालकों को स्पष्ट शब्दों में कह रहे हैं. पॉल्ट्री फॉर्म से जो भी वेस्ट मटेरियल निकलता है, उसे खुले में फेंकने से बचें. वेस्ट मटेरियल को गड्ढा खोदकर दबा दें. गड्ढे के ऊपर से चूना भी डालें, ताकि किसी मुर्गे में संक्रमण हो, तो यह बाहर ना फैलने पाए.

कोरबा: कोरोना वायरस के बाद अब बर्ड फ्लू ने पॉल्ट्री फॉर्म व्यवसाय की कमर तोड़कर रख दी है. बर्ड फ्लू की आहट के बीच पॉल्ट्री फॉर्म व्यवसाय दोहरी मार झेल रहा है. चिकन के दाम में रोजाना 10 से 20 रूपये प्रति किलो की गिरावट आ रही है. पशुधन विभाग ने भी पॉल्ट्री फॉर्म संचालकों का हौसला बढ़ाने के लिए कमर कस ली है. अफसर चिकन व्यवसायियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. उन्हें जागरूक करने के साथ ही एहतियात बरतने की अपील कर रहे हैं.

पॉल्ट्री व्यवसाय पर पड़ी बर्ड फ्लू की 'काली परछाई'

पढ़ें: बर्ड फ्लू के दहशत से चिकन बिक्री में आई गिरावट

चिकन की बिक्री में भारी गिरावट

कोरबा में बर्ड फ्लू की आहट से ज्यादातर लोगों ने चिकन का त्याग कर दिया है. कुछ लोगों का कहना है कि जब तक इस बीमारी की पुष्टि न हो, तब तक हम चिकन खाना बंद नहीं करेंगे. पॉल्ट्री फार्म व्यवसाय में लगे लोगों का कहना है कि कोरोना काल में भी इस तरह की अफवाह फैली थी. हालांकि पक्षियों या चिकन से कोरोना वायरस के फैलने की अब तक कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन तब लोगों ने चिकन खाना छोड़ दिया था.

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बर्ड फ्लू के कारण चिकन की बिक्री में भारी गिरावट

पढ़ें: कोरोना वायरस: 80 रुपये से घटकर 10 रुपये प्रति किलो हुआ चिकन

बर्ड फ्लू से लोगों में भय का माहौल

पॉल्ट्री फॉर्म व्यवसायियों का कहना है कि उनका कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. कोरोना ने पहले ही पॉल्ट्री व्यवसाय की कमर तोड़ रखी है. अब बर्ड फ्लू ने भी दस्तक दे दी है. हालांकि फिलहाल प्रदेश के 3 या 4 जिलों में ही इसकी पुष्टि हुई है. लोगों में भय का माहौल है. लोग आकर बर्ड फ्लू के बारे में पूछ रहे हैं. चिकन की बिक्री में भारी गिरावट आई है. इसकी वजह से दाम भी कम करने पड़े हैं.

Chicken sales fall drastically due to bird flu in korba
चिकन की ब्रिकी में भारी गिरावट

70 डिग्री सेल्सियस पर पकाने से मर जाता है वायरस

आमतौर पर भारतीय व्यंजन अधिक तापमान पर पकाये जाते हैं. भारतीयों के खानपान के तरीके सदियों से ऐसे ही हैं. विशेषज्ञ भी यही बात कह रहे हैं. वर्तमान में पशुधन विभाग ने पॉल्ट्री फॉर्म संचालकों और चिकन व्यवसायियों को भी यही बात बताई है. 70 डिग्री सेल्सियस पर पकाने से चिकन के सभी वायरस मर जाते हैं. किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं रह जाता. पॉल्ट्री फॉर्म संचालक भी यही बात ग्राहकों को बता रहे हैं. यहां यह भी बताना होगा कि फिलहाल छत्तीसगढ़ के तीन या चार जिलों में ही बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. कोरबा जिले में किसी भी तरह का प्रकरण सामने नहीं आया है.

Chicken sales fall drastically due to bird flu in korba
पोल्ट्री फॉर्म संचालकों से सतर्कता की अपील
बाहर के व्यक्ति को फॉर्म में ना दें प्रवेश

प्रशिक्षण के दौरान विभाग ने पॉल्ट्री फॉर्म संचालकों से अपील की है. अधिकारियों ने कहा है कि पॉल्ट्री फॉर्म में फिलहाल कुछ समय तक के लिए बाहर के किसी भी व्यक्ति को प्रवेश ना दें. विभाग द्वारा सुझाए गए केमिकल का उपयोग करें. नियमित तौर पर दवा का छिड़काव करें, जिससे संक्रमण आता भी है, तो वह फॉर्म के भीतर प्रवेश न कर सके.

वेस्ट मटेरियल का करें उचित निपटान

मुर्गी पालक किसान औए पॉल्ट्री फार्म संचालकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. पशुधन विभाग पॉल्ट्री फॉर्म पर सबसे अधिक फोकस कर रहा है, ताकि वेस्ट मटेरियल का उचित तरह से निपटान किया जा सके. विभाग के चिकित्सक फॉर्म संचालकों को स्पष्ट शब्दों में कह रहे हैं. पॉल्ट्री फॉर्म से जो भी वेस्ट मटेरियल निकलता है, उसे खुले में फेंकने से बचें. वेस्ट मटेरियल को गड्ढा खोदकर दबा दें. गड्ढे के ऊपर से चूना भी डालें, ताकि किसी मुर्गे में संक्रमण हो, तो यह बाहर ना फैलने पाए.

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