कोरबा: औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण यहां लोगों का खदानों में आना जाना लगा रहता है. करोना के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए कोरबा जिला प्रशासन अब सख्ती से कोविड-19 के नियमों का पालन करा रहा है. जिले में फिलहाल लॉकडाउन भी लागू कर दिया गया है. ऐसे में पुलिस और प्रशासन दीपका में खदान आने-जाने वाले लोगों पर भी नजर बनाए रखे हैं. गुरुवार को बिना पास के खदान जा रहे एसईसीएल कर्मियों (South Eastern Coalfields Limited) को पुलिस ने रोक दिया.
लॉकडाउन के दूसरे दिन कोरबा की सड़कें वीरान
पुलिस ने एसईसीएल कर्मचारियों को रोका
गुरुवार सुबह से रीजनल स्टोर के सामने पुलिस ने सभी वाहनों की जांच की है. इस दौरान एसईसीएल के विभागीय अधिकारी भी अपनी ड्यूटी पर जा रहे थे. पुलिस ने सभी अधिकारी और कर्मचारियों को रोक दिया. क्योकि जिले में लॉकडाउन है तो पुलिस ने सभी से पास मांगा. जिससे नाराज होकर एसईसीएल के अधिकारियों ने अपनी वाहनों को सड़क किनारे खड़ा कर विरोध जताया.
महासमुंद में ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर 3 घंटे तक बैठा रहा कोरोना मरीज
नहीं था किसी अधिकारी के पास जरूरी कागज
पुलिस की माने तो दिनांक 10 अप्रैल को ही एसईसीएल के अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया था, कि उन्हें विभाग की ओर से इमरजेंसी पास जारी करनी होगी. लॉकडाउन के दौरान पास गले में लटकाना होगा. मगर अधिकारियों ने नियम का उल्लंघन किया. वहीं अधिकारियों की माने तो पास होने के बावजूद पुलिस ने उन्हें रोका था.
राहत: रायपुर पहुंची करीब 2 लाख कोरोना वैक्सीन
पुलिस नगर अधीक्षक गेवरा ने दीपका के सीजीएम को फोन पर अधिकारी और कर्मचारियों को पास जारी करने की हिदायत दी थी. लेकिन एसईसीएल के अधिकारियों ने अबतक पास जारी नहीं किया है. दीपका टीआई ने सभी अधिकारी और कर्मचारी को रीजनल स्टोर के पास रोका और उन्हें वापस घर भेज दिया. जब तक पास नहीं बन जाता तब तक घर पर ही रहने की सलाह दी है. बाहर निकलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.