कोरबाः बुधवार की शाम पुलिस अधिक्षक कार्यालय में स्पीड रडार गन का आधिकारिक तौर पर शुभारंभ किया गया. फिलहाल इस सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शासन ने लागू किया है. एक वाहन में पूरा सिस्टम पुलिस को प्रदान किया गया है. साथ ही पुलिस जवानों को इसे संचालित करने के लिए ट्रेनिंग दी गई है.
तेज रफ्तार वाहन चालकों पर रोक लगाने के लिए राज्य शासन ने पुलिस विभाग को स्पीड रडार गन सिस्टम दिया है. इस सिस्टम का इस्तेमाल खासतौर से जिले के उन मार्गों पर किया जाएगा, जहां रफ्तार की वजह से दुर्घटना में ज्यादा मौत हो रही है. तेज रफ्तार वाहन पर ठोस कार्रवाई करने और सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए यह सिस्टम कारगर साबित होगा.
कोर्ट से स्वीकृत
यहां मौजूद एसपी मीणा ने बताया कि इस सिस्टम के जरिए पुलिस के पास कार्रवाई के लिए एक ठोस आधार और डाटा हमेशा मौजूद रहेगा. इससे वाहन चालक तेज रफ्तार वाहन चलाने की बात पर झूठ नहीं बोल पाएंगा. स्पीड रडार गन सिस्टम कोर्ट से स्वीकृत है.
यहां जिले के होते है एक तिहाई हादसे
इस सिस्टम को कटघोरा और बांगो थाना क्षेत्र के सड़क मार्गों पर लगाया जाएगा. आंकड़े के मुताबिक इन मार्गों पर लगातार जिले की एक तिहाई सड़क दुर्घटना हुई है. इसके अलावा चलानी कार्रवाई में पारदर्शिता लाने के लिए प्रशासन ने बॉडी वॉर्न कैमरा दिया है, जिससे पुलिस जवानों के कंधे पर फिट किया जाएगा. इससे पुलिस के पास चालान काटने के समय का रिकॉर्ड रहेगा. ओवर स्पीड पर जुर्माना लेने के साथ ही लाइसेंस रद्द करने का भी सिस्टम है.
1 किलोमीटर दूर से पता चलेगी वाहन की रफ्तार
स्पीड रडार गन में 1 किलोमीटर की दूरी से वाहन की रफ्तार का आकलन किया जा सकता है. मशीन पलक झपकते तेज रफ्तार वाहन का उसके नंबर सहित पूरा डाटा इक्कठा कर लेगी. इससे पुलिस को कार्रवाई करने में आसानी होगी. वाहन चालक अगर मौके से किसी तरह बच कर निकल भी गए, तो वाहन नंबर के आधार पर कार्रवाई की जा सकती है.