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तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने वालों की अब नहीं खैर, पुलिस रख रही है इस मशीन से निगरानी

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Published : Oct 31, 2019, 8:54 AM IST

Updated : Oct 31, 2019, 12:48 PM IST

कोरबा में तेज रफ्तार वाहनों पर रोक लगाने के लिए राज्य शासन ने पुलिस विभाग को स्पीड रडार गन सिस्टम दिया है. इस सिस्टम का इस्तेमाल खासतौर से जिले के उन मार्गों पर किया जाएगा, जहां रफ्तार की वजह से दुर्घटना में ज्यादा मौत हो रही है.

कोरबा में स्पीड राडार गन का आधिकारिक तौर पर शुभारंभ

कोरबाः बुधवार की शाम पुलिस अधिक्षक कार्यालय में स्पीड रडार गन का आधिकारिक तौर पर शुभारंभ किया गया. फिलहाल इस सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शासन ने लागू किया है. एक वाहन में पूरा सिस्टम पुलिस को प्रदान किया गया है. साथ ही पुलिस जवानों को इसे संचालित करने के लिए ट्रेनिंग दी गई है.

कोरबा में स्पीड राडार गन का आधिकारिक तौर पर शुभारंभ

तेज रफ्तार वाहन चालकों पर रोक लगाने के लिए राज्य शासन ने पुलिस विभाग को स्पीड रडार गन सिस्टम दिया है. इस सिस्टम का इस्तेमाल खासतौर से जिले के उन मार्गों पर किया जाएगा, जहां रफ्तार की वजह से दुर्घटना में ज्यादा मौत हो रही है. तेज रफ्तार वाहन पर ठोस कार्रवाई करने और सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए यह सिस्टम कारगर साबित होगा.

कोर्ट से स्वीकृत
यहां मौजूद एसपी मीणा ने बताया कि इस सिस्टम के जरिए पुलिस के पास कार्रवाई के लिए एक ठोस आधार और डाटा हमेशा मौजूद रहेगा. इससे वाहन चालक तेज रफ्तार वाहन चलाने की बात पर झूठ नहीं बोल पाएंगा. स्पीड रडार गन सिस्टम कोर्ट से स्वीकृत है.

यहां जिले के होते है एक तिहाई हादसे
इस सिस्टम को कटघोरा और बांगो थाना क्षेत्र के सड़क मार्गों पर लगाया जाएगा. आंकड़े के मुताबिक इन मार्गों पर लगातार जिले की एक तिहाई सड़क दुर्घटना हुई है. इसके अलावा चलानी कार्रवाई में पारदर्शिता लाने के लिए प्रशासन ने बॉडी वॉर्न कैमरा दिया है, जिससे पुलिस जवानों के कंधे पर फिट किया जाएगा. इससे पुलिस के पास चालान काटने के समय का रिकॉर्ड रहेगा. ओवर स्पीड पर जुर्माना लेने के साथ ही लाइसेंस रद्द करने का भी सिस्टम है.

1 किलोमीटर दूर से पता चलेगी वाहन की रफ्तार
स्पीड रडार गन में 1 किलोमीटर की दूरी से वाहन की रफ्तार का आकलन किया जा सकता है. मशीन पलक झपकते तेज रफ्तार वाहन का उसके नंबर सहित पूरा डाटा इक्कठा कर लेगी. इससे पुलिस को कार्रवाई करने में आसानी होगी. वाहन चालक अगर मौके से किसी तरह बच कर निकल भी गए, तो वाहन नंबर के आधार पर कार्रवाई की जा सकती है.

कोरबाः बुधवार की शाम पुलिस अधिक्षक कार्यालय में स्पीड रडार गन का आधिकारिक तौर पर शुभारंभ किया गया. फिलहाल इस सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शासन ने लागू किया है. एक वाहन में पूरा सिस्टम पुलिस को प्रदान किया गया है. साथ ही पुलिस जवानों को इसे संचालित करने के लिए ट्रेनिंग दी गई है.

कोरबा में स्पीड राडार गन का आधिकारिक तौर पर शुभारंभ

तेज रफ्तार वाहन चालकों पर रोक लगाने के लिए राज्य शासन ने पुलिस विभाग को स्पीड रडार गन सिस्टम दिया है. इस सिस्टम का इस्तेमाल खासतौर से जिले के उन मार्गों पर किया जाएगा, जहां रफ्तार की वजह से दुर्घटना में ज्यादा मौत हो रही है. तेज रफ्तार वाहन पर ठोस कार्रवाई करने और सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए यह सिस्टम कारगर साबित होगा.

कोर्ट से स्वीकृत
यहां मौजूद एसपी मीणा ने बताया कि इस सिस्टम के जरिए पुलिस के पास कार्रवाई के लिए एक ठोस आधार और डाटा हमेशा मौजूद रहेगा. इससे वाहन चालक तेज रफ्तार वाहन चलाने की बात पर झूठ नहीं बोल पाएंगा. स्पीड रडार गन सिस्टम कोर्ट से स्वीकृत है.

यहां जिले के होते है एक तिहाई हादसे
इस सिस्टम को कटघोरा और बांगो थाना क्षेत्र के सड़क मार्गों पर लगाया जाएगा. आंकड़े के मुताबिक इन मार्गों पर लगातार जिले की एक तिहाई सड़क दुर्घटना हुई है. इसके अलावा चलानी कार्रवाई में पारदर्शिता लाने के लिए प्रशासन ने बॉडी वॉर्न कैमरा दिया है, जिससे पुलिस जवानों के कंधे पर फिट किया जाएगा. इससे पुलिस के पास चालान काटने के समय का रिकॉर्ड रहेगा. ओवर स्पीड पर जुर्माना लेने के साथ ही लाइसेंस रद्द करने का भी सिस्टम है.

1 किलोमीटर दूर से पता चलेगी वाहन की रफ्तार
स्पीड रडार गन में 1 किलोमीटर की दूरी से वाहन की रफ्तार का आकलन किया जा सकता है. मशीन पलक झपकते तेज रफ्तार वाहन का उसके नंबर सहित पूरा डाटा इक्कठा कर लेगी. इससे पुलिस को कार्रवाई करने में आसानी होगी. वाहन चालक अगर मौके से किसी तरह बच कर निकल भी गए, तो वाहन नंबर के आधार पर कार्रवाई की जा सकती है.

Intro:कोरबा। तेज रफ्तार वाहन चालकों पर ठोस कार्यवाही के लिए पुलिस को राज्य शासन ने स्पीड रडार गन सिस्टम प्रदान किया है।
इस सिस्टम का उपयोग पुलिस द्वारा खासतौर से जिले के उन सड़क मार्गों पर किया जाएगा। जहां रफ्तार की वजह से दुर्घटना में लोगों की अधिक मौत हो रही है। ठोस कार्रवाई के साथ ही सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए यह सिस्टम पुलिस के लिए कारगर सिद्ध होगा। Body:फिलहाल इसे पायलट प्रोजेक्ट के तहत शासन द्वारा लागू किया है। एक बोलेरो वाहन में पूरा सिस्टम पुलिस को प्रदान किया गया है। जवानों को ट्रेनिंग भी दी गयी है। पइस वाहन का उपयोग सिर्फ और सिर्फ ओवर स्पीड वाहनों पर कार्रवाई के लिए किया जाएगा।

बुधवार की शाम पुलिस अधीक्षक कार्यालय में स्पीड राडार गन का आधिकारिक तौर पर शुभारंभ किया गया इस दौरान एसपी जितेंद्र सिंह मीणा के साथ ही डीएसपी मुख्यालय रामगोपाल करियारे इस सिस्टम के नोडल सूबेदार कश्यप ट्रेफिक इंस्पेक्टर प्रमोद सिंह व ट्रैफिक पुलिस का अमला मौजूदा
Conclusion:उपलध रहेगा ठोस आधार
एसपी ने बताया कि इस सिस्टम के जरिए पुलिस के पास कार्यवाही के लिए एक ठोस आधार व डाटा सदैव उपलब्ध रहेगा। जिससे कि वाहन चालक झूठ नहीं बोल पाएंगे कि वह वाहन तेज रफ्तार में नहीं चला रहे थे। यह तरीका कोर्ट द्वारा भी अदिकृत है।

यहां जिले के एक तिहाई हादसे
फिलहाल इस सिस्टम को कटघोरा और बांगो थाना क्षेत्र के सड़क मार्गों पर लगाया जाएगा। यही वह मार्ग है, जहां जिले की एक तिहाई सड़क दुर्घटनाएं तेज रफ्तार वाहन की वजह से हो रही हैं। इस सिस्टम के साथ ही पुलिस को बॉडी वॉर्न कैमरा भी मिला है। जिसे पुलिस के जवान अपने कंधे पर फिट करके रखेंगे। चलानी कार्रवाई के साथ ही अन्य मामलों में पारदर्शी तरीके से रिकॉर्डिंग पुलिस के पास उपलब्ध होगी। ओवर स्पीडिंग के विरुद्ध जुर्माने के साथ ही लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई की करने के भी प्रावधान हैं।
1 किलोमीटर दूर से पता चलेगी वाहन की रफ्तार
स्पीड रडार गन 1 किलोमीटर की दूरी से किसी भी वाहन की रफ्तार का आकलन करने में सक्षम है। मशीन पालक झपकते तेज रफ्तार वाहन का उसके नंबर सहित संपूर्ण डाटा एकत्र कर लेगी। जिससे की कार्यवाही में आसानी होगी। वाहन चालक अगर मौके से किसी तरह बच कर निकल भी गए, तो वाहन नंबर के आधार पर कार्रवाई की जा सकती है।

बाइट
जितेंद्र सिंह मीणा, एसपी, कोरबा

विजुअल
Last Updated : Oct 31, 2019, 12:48 PM IST
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