कोरबा: सोमवार की दोपहर टीपी नगर के कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में सोमवार को दोपहर सवा एक बजे शार्ट सर्किट से आग लगने की शुरुआत हुई. 10 मिनट में ही आग ऐसी भड़की कि जो अंदर था, वह अंदर और बाहर वाले बाहर ही फंसे रह गए. दमकल और बचाव कर्मियों को यहां पहुंचने में लगभग 40 मिनट का समय लगा. इस दौरान दुकानों में काम करने वाले स्थानीय युवा और हैंडलूम दुकान संचालक की सूझबूझ से 30 लोगों की जान बच गई. यदि वह तत्पर नहीं होते, तो यह हादसा एक बड़ी त्रासदी बन सकता था.
दिल दहला देने वाला था मंजर: स्थानीय युवक सज्जाद आलम कमर्शियल कॉन्प्लेक्स के ही एक दुकान में काम करते हैं. सज्जाद ने आलम ने बताया कि "मैं यही से गुजर रहा था. देखा कि नीचे आग पूरी तरह से भड़क चुकी है. प्रथम तल पर एक खिड़की से एक व्यक्ति मदद के लिए चिल्ला रहा है. हम सभी अन्य युवा भी वहां एकत्र हुए और बगल की हैंडलूम दुकान से फटाफट गद्दे निकाले. गद्दे की 2 से 3 लेयर जमीन पर बिछा दी और गोल घेरा बनाकर हम चारों तरफ खड़े हो गए. प्रथम तल की एक खिड़की पर ग्रिल नहीं लगा हुआ था. जहां से लोग आसानी से पार हो सकते थे. हमने लोगों को ऊपर से कूदने के लिए कहा, ताकि वह कूदकर सीधे गद्दे पर गिरें और उन्हें चोट ना लगे. अंदर आग भड़क चुकी थी. धुआं लगातार भर रहा था. लोग ऊपर से नीचे कूदने लगे, इस तरह लगभग 30 लोग खिड़की से नीचे गद्दे पर कूदे. हालांकि कुछ लोग प्रथम तल से नीचे कूदने की हिम्मत नहीं जुटा पाए. जो ऊपर ही फंसे रह गए. दमकल और बचाव कर्मियों को घटनास्थल तक पहुंचने में लगभग 30 से 40 मिनट का समय लग गया था."
खिड़की से गद्दे पर कूदे लोग: कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के ग्रउंड फ्लोर पर हैंडलूम की दुकान संचालित है. इसके संचालक अमृतलाल बत्रा की दुकान से सटी हुई दुकानों को आग ने अपनी चपेट में ले लिया था. बत्रा की दुकान खुशकिस्मती से सुरक्षित है. बत्रा ने बताया कि "लोग ऊपर से चिल्ला रहे थे और नीचे हम सभी मौजूद थे. मैंने मौके पर मौजूद युवाओं से कहा कि गद्दे लेकर जमीन पर बिछा दें, ताकि लोग ऊपर से कूदकर अपनी जान बचा सकें. जिसके बाद युवाओं के साथ मिलकर हम सभी ने जमीन पर नीचे गद्दे लगा दिए. इसके बाद लोग एक-एक कर इन्हीं गद्दों पर कूदते चले गए. ऊपर से नीचे कूदने के दौरान कुछ लोगों को चोट भी आई है. लेकिन उन सभी की जान बच गई है." कोरबा के इतिहास में इसे आगजनी की सबसे बड़ी घटना बताई जा रही है.