कोरबा: काेरोना संक्रमण काल में लोक आस्था और सूर्य उपासना का महापर्व छठ व्रत बुधवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है. छठ पर्व को लेकर व्रतियों ने इसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली है. इस बार प्रशासन कोरोना के मद्देनजर तालाब, नदी और जलाशयों पर अर्घ्य अर्पित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. साथ ही पूजा समितियों और श्रद्धालुओं ने छठ घाटों पर अर्घ्य अर्पित करने की तैयारी पूरी कर ली है.
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छठ महापर्व के दूसरे दिन गुरुवार की शाम छठव्रती पंच देवता और नवग्रह की पूजा करती हैं. साथ ही लोहंडा (खरना) करेगी, जिसमें गुड़ के बने खीर का प्रसाद भगवान भास्कर को अर्पित करती हैं. इसी के साथ व्रतियों का 36 घंटे का उपवास शनिवार को उदीयमान भास्कर को अर्ध्य अर्पित कर समाप्त होगा. खरना के बाद शुक्रवार की शाम व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य अर्पित करेंगे.
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अर्घ्य देने के लिए घाटों को बनाने का काम शुरू
इसके साथ ही छठ को लेकर छठ घाटों की सफाई और सजावट का कार्य जोरों पर है. SECL शिव मंदिर तालाब, मुड़ापार तालाब, सर्वमंगला मंदिर हसदेव नदी घाट, डेंगुरनाला छठ घाट में भी छठ को लेकर व्रतियों ने तैयारी पूरी कर ली है. वहीं अर्ध्य देने के लिए घाटों को बनाने का काम शुरू कर दिया है. वहीं कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार घाटों में भीड़ कम होगी.
छोटे तालाब बनाकर पूजा की तैयारी
बता दें कि कलेक्टर ने छठ पूजा समितियों को नियम शर्तों के साथ निर्देशों का पालन करने के आदेश दिए हैं. साथ ही जिसके घर पर व्रत करने की प्रयाप्त सुविधा है, वह घरों में ही छोटे तालाब बनाकर पूजा की तैयारी में लगे हुए हैं. इससे कोरोना काल के बीच छठ व्रतियों को कोरोना का खतरा भी नहीं रहेगा.