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Padyatra to Ramdhun: लागी राम धुन, जयप्रकाश कोरबा से अयोध्या की पदयात्रा पर निकले, 640 किलोमीटर का सफर पैदल करेंगे तय

सनातन धर्म में राम का अलग स्थान है. अब इसका राजनीतिकरण भी हुआ है. लेकिन जो सही मायनों में राम को अपना आराध्य मानते हैं. वे दिखावा नहीं करते. राम के सच्चे भक्त उन्मादी नहीं, सौम्य और सरल होते हैं. ऐसे ही एक रामभक्त हैं जयप्रकाश पटेल, जिन्हें राम नाम की ऐसी लगन लगी कि पदयात्रा करके कोरबा से अयोध्या तक जाने का हठ पाल लिया है. padyatra from Korba to Ayodhya

Padyatra to Ramdhun
जयप्रकाश पटेल पदयात्रा पर निकले
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Published : Feb 28, 2023, 5:51 PM IST

जयप्रकाश कोरबा से अयोध्या की पदयात्रा पर निकले

कोरबा: जिले के जयप्रकाश पटेल केएन कॉलेज में एनएसएस के एक स्वयंसेवक हैं. जिन्होंने कोरबा से अयोध्या तक की 640 किलोमीटर की यात्रा को पैदल तय करने का निर्णय लिया है. सोमवार की सुबह जयप्रकाश कोरबा के राम जानकी मंदिर से अपनी यात्रा शुरू कर चुके हैं. 16 दिन पैदल चलकर ने अयोध्या पहुंचेंगे. इसके लिए बकायदा रूट चार्ट भी बनाया है. 15 पड़ाव से होते हुए जयप्रकाश 16वें दिन अयोध्या पहुंचेंगे. यहां निर्माणाधीन राम मंदिर के दर्शन करेंगे और उसके बाद बस से वापस कोरबा लौटेंगे. पदयात्रा के सवाल पर जयप्रकाश कहते हैं कि "यह तो श्री राम के प्रति मेरी भक्ति है, जिस पर प्रश्न उठाना ठीक नहीं है."

धर्म के प्रचार के लिए कर रहा हूं यात्रा : जयप्रकाश कोरबा शहर से होते हुए जमनीपाली पहुंचे, जहां उनका स्वागत भी किया गया. बस या ट्रेन से आयोध्या जाने के सवाल पर जयप्रकाश ने कहा कि "मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक इकाई का छात्र हूं और फिलहाल युवा भी हूं. अभी मैं यह यात्रा कर सकता हूं और लोगों को सनातन धर्म का संदेश दे सकता हूं. प्रभु श्री राम के प्रति यह मेरी भक्ति है. इतनी कठिनाइयों के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, जिसे मैं अपने आंखों से देखना चाहता हूं. वहां जाकर मैं राम मंदिर के दर्शन करूंगा और इसके बाद जब वह बनकर तैयार हो जाएगा तब 2024 में एक यात्रा और करूंगा."

युवा पीढ़ी सनातन धर्म को जाने: जयप्रकाश कहते हैं कि "पैदल चलने के पीछे मेरा मकसद यह भी है कि ज्यादा से ज्यादा युवा सनातन धर्म को जानें. इससे युवा प्रेरित होंगे और समाज को कुछ बेहतर दिशा देने के लिए आगे आएंगे."

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अपने ही धुन में रहते हैं जय प्रकाश : जयप्रकाश के साथी शाश्वत शर्मा ने बताया कि "जय भैया अपने ही धुन में रहते हैं. वह इस तरह यात्राएं पहले भी चुके हैं. वे प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त हैं. हम सभी के लिए वे एक प्रेरणा की तरह हैं. समाज सेवा से जुड़े काम भी वह लगातार करते रहते हैं, लेकिन सनातन धर्म के प्रति उनका अलग लगाव है. वह कहते हैं कि युवा रहते हमें समाज को कुछ जरूर देना चाहिए. हमें भी उनसे प्रेरणा मिल रही है. हो सकता है भविष्य में हम भी बस या ट्रेन से जाने के बजाय पैदल ही यात्रा कर अयोध्या तक चले जाएं."


इस तरह की रहेगी जयप्रकाश की यात्रा: एनएसएस के जिला संगठक केएन कॉलेज के प्राध्यापक वाईके तिवारी ने बताया कि "जयप्रकाश एक बेहद ऊर्जावान छात्र है. जयप्रकाश यात्रा शुरू करने के 16वें दिन अयोध्या पहुंचेगा. इस दौरान 15 पड़ाव हैं. एक पड़ाव काशी विश्वनाथ धाम भी है. दिन में सिर्फ फलों का सेवन और रात में उसने अन्न ग्रहण करने की योजना बनाई है. अन्न का सेवन भी सिर्फ मंदिरों में ही वह करेगा. रात्रि विश्राम भी रास्ते में मंदिर में ही होगा. इसके लिए पूरा रूट चार्ट तैयार किया गया है. इसके बाद ही जयप्रकाश कोरबा से रवाना हुआ. हम सभी उसकी बेहतरी की कामना करते हैं."

जयप्रकाश कोरबा से अयोध्या की पदयात्रा पर निकले

कोरबा: जिले के जयप्रकाश पटेल केएन कॉलेज में एनएसएस के एक स्वयंसेवक हैं. जिन्होंने कोरबा से अयोध्या तक की 640 किलोमीटर की यात्रा को पैदल तय करने का निर्णय लिया है. सोमवार की सुबह जयप्रकाश कोरबा के राम जानकी मंदिर से अपनी यात्रा शुरू कर चुके हैं. 16 दिन पैदल चलकर ने अयोध्या पहुंचेंगे. इसके लिए बकायदा रूट चार्ट भी बनाया है. 15 पड़ाव से होते हुए जयप्रकाश 16वें दिन अयोध्या पहुंचेंगे. यहां निर्माणाधीन राम मंदिर के दर्शन करेंगे और उसके बाद बस से वापस कोरबा लौटेंगे. पदयात्रा के सवाल पर जयप्रकाश कहते हैं कि "यह तो श्री राम के प्रति मेरी भक्ति है, जिस पर प्रश्न उठाना ठीक नहीं है."

धर्म के प्रचार के लिए कर रहा हूं यात्रा : जयप्रकाश कोरबा शहर से होते हुए जमनीपाली पहुंचे, जहां उनका स्वागत भी किया गया. बस या ट्रेन से आयोध्या जाने के सवाल पर जयप्रकाश ने कहा कि "मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक इकाई का छात्र हूं और फिलहाल युवा भी हूं. अभी मैं यह यात्रा कर सकता हूं और लोगों को सनातन धर्म का संदेश दे सकता हूं. प्रभु श्री राम के प्रति यह मेरी भक्ति है. इतनी कठिनाइयों के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, जिसे मैं अपने आंखों से देखना चाहता हूं. वहां जाकर मैं राम मंदिर के दर्शन करूंगा और इसके बाद जब वह बनकर तैयार हो जाएगा तब 2024 में एक यात्रा और करूंगा."

युवा पीढ़ी सनातन धर्म को जाने: जयप्रकाश कहते हैं कि "पैदल चलने के पीछे मेरा मकसद यह भी है कि ज्यादा से ज्यादा युवा सनातन धर्म को जानें. इससे युवा प्रेरित होंगे और समाज को कुछ बेहतर दिशा देने के लिए आगे आएंगे."

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अपने ही धुन में रहते हैं जय प्रकाश : जयप्रकाश के साथी शाश्वत शर्मा ने बताया कि "जय भैया अपने ही धुन में रहते हैं. वह इस तरह यात्राएं पहले भी चुके हैं. वे प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त हैं. हम सभी के लिए वे एक प्रेरणा की तरह हैं. समाज सेवा से जुड़े काम भी वह लगातार करते रहते हैं, लेकिन सनातन धर्म के प्रति उनका अलग लगाव है. वह कहते हैं कि युवा रहते हमें समाज को कुछ जरूर देना चाहिए. हमें भी उनसे प्रेरणा मिल रही है. हो सकता है भविष्य में हम भी बस या ट्रेन से जाने के बजाय पैदल ही यात्रा कर अयोध्या तक चले जाएं."


इस तरह की रहेगी जयप्रकाश की यात्रा: एनएसएस के जिला संगठक केएन कॉलेज के प्राध्यापक वाईके तिवारी ने बताया कि "जयप्रकाश एक बेहद ऊर्जावान छात्र है. जयप्रकाश यात्रा शुरू करने के 16वें दिन अयोध्या पहुंचेगा. इस दौरान 15 पड़ाव हैं. एक पड़ाव काशी विश्वनाथ धाम भी है. दिन में सिर्फ फलों का सेवन और रात में उसने अन्न ग्रहण करने की योजना बनाई है. अन्न का सेवन भी सिर्फ मंदिरों में ही वह करेगा. रात्रि विश्राम भी रास्ते में मंदिर में ही होगा. इसके लिए पूरा रूट चार्ट तैयार किया गया है. इसके बाद ही जयप्रकाश कोरबा से रवाना हुआ. हम सभी उसकी बेहतरी की कामना करते हैं."

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