कोरबा: जिले में कोरोना की दूसरी लहर के भयावह प्रभाव को देखते हुए सांसद ज्योत्सना महंत सक्रिय नजर आ रही हैं. सांसद लगातार कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन को निर्देश देती नजर आ रही हैं, साथ ही वर्चुअल माध्यम से भी वे बैठकों में शामिल होकर अपनी सक्रियता दिखा रही हैं. इसी बीच सांसद महंत ने कोरोना टीकाकरण को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर कोरोना काल के डेढ़ साल बाद भी टीकाकरण नीति नहीं बनाने पर नाराजगी जताई, साथ ही कांग्रेस शासित प्रदेशों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप भी लगाया है.
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केंद्र को बच्चों की जरा भी चिंता नहीं: सांसद
सांसद महंत ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद स्पष्ट टीकाकरण नीति नहीं बनाई है. देश में महामारी से बचाव के लिए पैसे लेकर टीके लगाए जा रहे हैं. सांसद महंत ने जनता को मुफ्त में टीके लगावाए जाने की व्यवस्था करने को कहा, ताकि सभी का टीकाकरण हो सके. सांसद ने कहा कि अब देश में तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है. ऐसे में सांसद ने सवाल दागा कि क्या केंद्र को बच्चों की जरा भी चिंता नहीं है. देश के भविष्य को बचाने के लिए केंद्र सरकार के पास कोई योजना नहीं है. सांसद ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि जब मेरे क्षेत्र के बच्चे मुझसे टीकाकरण के बारे में पूछते हैं, तो मुझे समझ में नहीं आता कि मैं क्या जवाब दूं.
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कांग्रेस शासित प्रदेशों के साथ केंद्र कर रही सौतेला व्यवहार
सांसद ने केंद्र की भाजपा सरकार पर कांग्रेस शासित प्रदेशों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को टीके की डोज मुहैया नहीं करा रही है. छत्तीसगढ़ कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है, हालांकि प्रदेश ने काफी हद तक संक्रमण पर काबू पा लिया है और लोगों को टीका भी लगाया जा रहा है. लेकिन टीका उपलब्ध कराना पूरी तरह से केंद्र की जिम्मेदारी है. सांसद ज्योत्सना महंत ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि जब देशभर में बताया जा रहा है कि टीकाकरण कोरोना से बचाव का एक मात्र उपाय है, तो वैक्सीनेशन क्यों नहीं करवाया जा रहा है.