कोरबा: 9 अगस्त यानि आज के दिन 1942 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ 'भारत छोड़ो आंदोलन' चलाया था. इसी अवसर पर अब श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार की उद्योग और मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन करने का एलान किया है. इस आंदोलन में भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर सभी ट्रेड यूनियन शामिल हैं. केंद्र सरकार की निजीकरण विनिवेश राष्ट्रीय संपत्ति बेचने सहित अन्य नीतियों के खिलाफ 10 श्रमिक संगठनों ने 9 अगस्त को देशव्यापी आंदोलन करने का निर्णय लिया है.
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इस बात की जानकारी ट्रेड यूनियन एटक के प्रांतीय महासचिव हरिनाथ सिंह ने दिया है. उन्होंने बताया कि 9 अगस्त 1942 को गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए महात्मा गांधी ने मुंबई में राष्ट्रीय अधिवेशन में अंग्रेज भारत छोड़ो आंदोलन का घोषणा किया था. वर्तमान में केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से उद्योग और मजदूर संकट में है, जिसे देखते हुए भारत छोड़ो दिवस के अवसर पर 9 अगस्त को देशव्यापी आंदोलन किया जा रहा है.
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जेल भरो आंदोलन करने का एलान
इस आंदोलन का व्यापक असर पड़ेगा. हालांकि आंदोलन रविवार को आयोजित किया गया है. इस दिन बैंक बीमा सहित अन्य शासकीय दफ्तर बंद रहेंगे. वहीं दूसरी ओर वामपंथी श्रमिक संगठनों ने प्रदर्शन और जेल भरो आंदोलन करने का एलान किया है, जिसे देखते हुए पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम कर लिया है. साथ ही पुलिस प्रशासन ने आंदोलनकारियों को कई चेतावनी भी दी है. हालांकि इस आंदोलन में श्रमिक संगठन भी शामिल है. इसलिए राज्य सरकार की आंदोलनकारियों के खिलाफ नरम होने की संभावना जताई जा रही है.