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कोरबा ट्रिपल मर्डर: गैंगरेप के बाद 4 दिन तक तड़प-तड़पकर गई नाबालिग की जान - लेमरू पुलिस

कोरबा में हुए ट्रिपल मर्डर केस का खुलासा हो गया है. पुलिस ने वारदात में शमिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों ने भी वारदात को अंजाम देना स्वीकार कर लिया है.

korba triple murder case
कोरबा ट्रिपल मर्डर केस
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Published : Feb 4, 2021, 12:10 AM IST

Updated : Feb 4, 2021, 10:29 AM IST

कोरबा: वनांचल क्षेत्र लेमरू में हुए ट्रिपल मर्डर केस से अब पर्दा उठ चुका है. आरोपियों से पूछताछ के बाद शुरुआत में पुलिस पैसों के लेन-देन को इस वारदात की वजह बता रही थी, लेकिन अब पुलिस ने दुष्कर्म की पुष्टि कर दी है. नशे की हालत में 6 लोगों ने किशोरी से दुष्कर्म किया. आरोपी ने इस दुष्कर्म पर पर्दा डालने के लिए ही मौके पर मौजूद उसके पिता और 4 साल की बच्ची को भी मौत के घाट उतार दिया था. हालांकि हत्या की ठोस वजह अब भी पुलिस सामने नहीं ला सकी है, लेकिन दुष्कर्म के बाद साक्ष्य छिपाना या पैसों का लेनदेन ही इस भयावह वारदात का मुख्य कारण माना जा रहा है.

2 फरवरी को दर्ज कराई गई थी रिपोर्ट

मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौर ने बयान जारी कर कहा कि प्रार्थी ने 2 फरवरी को उसके 55 वर्षीय पिता, 4 वर्षीय बेटी और 16 वर्षीय छोटी बहन के लापता होने की सूचना लेमरू थाने में दी थी. 29 जनवरी को तीनों सतरेंगा से अपने गांव आने के लिए निकले थे, लेकिन वे घर नहीं पहुंचे. तब जाकर प्रार्थी ने रिपोर्ट दर्ज कराई. शिकायत दर्ज करने के बाद लेमरू पुलिस की एक टीम ने सतरेंगा जाकर संदेही संतराम मंझवार से पूछताछ की. चूंकि लापता हुए लोग संतराम के यहां काम करते थे और उसके साथ अंतिम बार देखे जाने की जानकारी भी पुलिस को मिली थी.

आरोपियों ने स्वीकारा अपराध

संतराम से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने अब्दुल जब्बार, अनिल कुमार सारथी, उमाशंकर यादव, आनंद कुमार महंत, परदेशी राम महंत को हिरासत में लिया. पूछताछ में संतराम ने 29 जनवरी को घर से जाते समय गढ़-उपरोड़ा के पहाड़ी जंगल के रास्ते में शराब पीकर 55 वर्षीय पिता और नातिन की हत्या करना स्वीकार किया. आरोपी ने 16 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म करना भी स्वीकार किया है.

पढ़ें: कोरबा ट्रिपल मर्डर केस: 6 आरोपी गिरफ्तार

ये है मामला

लेमरू पुलिस की टीम ने आरोपियों की निशानदेही पर घटनास्थल गढ़-उपरोड़ा के 1 किलोमीटर पहले पिता और बच्ची का शव बरामद किया. पास में ही 16 वर्षीय नाबालिग बेहोश और घायल अवस्था में मिली थी, जिसे तत्काल पुलिस टीम ने जिला अस्पताल के लिए रवाना किया गया. जिला अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में ही पीड़िता ने दम तोड़ दिया. मामले में मुख्य आरोपी संतराम मंझवार, पिता धीर साय, अनिल कुमार सारथी, उमाशंकर यादव, आनंद राम पनिका, परदेशी राम पनिका, अब्दुल जब्बार उर्फ विक्की को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई.

आरोपी के घर पर मवेशी चराने का करता था काम

जानकारी के मुताबिक, नाबालिग का पिता जुलाई 2020 से संतराम मंझवार के पास सतरेंगा में आकर उसकी गाय चराने का काम कर रहा था. वर्तमान में धान कटाई हो जाने के बाद वो वापस अपने घर जा रहा था. संतराम मंझवार उनको छोड़ने अपनी बाइक से जा रहा था. इस दौरान शराब पीकर संतराम ने वारदात को अंजाम दिया.

4 दिन 4 रात तक मौत से लड़ती रही किशोरी

आरोपियों के मुताबिक 29 जनवरी को वारदात को अंजाम दिया गया. पुलिस को गुमशुदगी की सूचना 2 फरवरी को मिली. पुलिस संदेही को पकड़कर कबूलनामा के बाद घटनास्थल पहुंची. तब तक किशोरी की सांस चल रही थी. वह 4 दिन 4 रात जिंदगी के लिए मौत से संघर्ष कर रही थी, लेकिन इस बीच न तो इस रास्ते से किसी का गुजरना हुआ और न ही इनकी तलाश शुरू हुई थी.

कोरबा: वनांचल क्षेत्र लेमरू में हुए ट्रिपल मर्डर केस से अब पर्दा उठ चुका है. आरोपियों से पूछताछ के बाद शुरुआत में पुलिस पैसों के लेन-देन को इस वारदात की वजह बता रही थी, लेकिन अब पुलिस ने दुष्कर्म की पुष्टि कर दी है. नशे की हालत में 6 लोगों ने किशोरी से दुष्कर्म किया. आरोपी ने इस दुष्कर्म पर पर्दा डालने के लिए ही मौके पर मौजूद उसके पिता और 4 साल की बच्ची को भी मौत के घाट उतार दिया था. हालांकि हत्या की ठोस वजह अब भी पुलिस सामने नहीं ला सकी है, लेकिन दुष्कर्म के बाद साक्ष्य छिपाना या पैसों का लेनदेन ही इस भयावह वारदात का मुख्य कारण माना जा रहा है.

2 फरवरी को दर्ज कराई गई थी रिपोर्ट

मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौर ने बयान जारी कर कहा कि प्रार्थी ने 2 फरवरी को उसके 55 वर्षीय पिता, 4 वर्षीय बेटी और 16 वर्षीय छोटी बहन के लापता होने की सूचना लेमरू थाने में दी थी. 29 जनवरी को तीनों सतरेंगा से अपने गांव आने के लिए निकले थे, लेकिन वे घर नहीं पहुंचे. तब जाकर प्रार्थी ने रिपोर्ट दर्ज कराई. शिकायत दर्ज करने के बाद लेमरू पुलिस की एक टीम ने सतरेंगा जाकर संदेही संतराम मंझवार से पूछताछ की. चूंकि लापता हुए लोग संतराम के यहां काम करते थे और उसके साथ अंतिम बार देखे जाने की जानकारी भी पुलिस को मिली थी.

आरोपियों ने स्वीकारा अपराध

संतराम से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने अब्दुल जब्बार, अनिल कुमार सारथी, उमाशंकर यादव, आनंद कुमार महंत, परदेशी राम महंत को हिरासत में लिया. पूछताछ में संतराम ने 29 जनवरी को घर से जाते समय गढ़-उपरोड़ा के पहाड़ी जंगल के रास्ते में शराब पीकर 55 वर्षीय पिता और नातिन की हत्या करना स्वीकार किया. आरोपी ने 16 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म करना भी स्वीकार किया है.

पढ़ें: कोरबा ट्रिपल मर्डर केस: 6 आरोपी गिरफ्तार

ये है मामला

लेमरू पुलिस की टीम ने आरोपियों की निशानदेही पर घटनास्थल गढ़-उपरोड़ा के 1 किलोमीटर पहले पिता और बच्ची का शव बरामद किया. पास में ही 16 वर्षीय नाबालिग बेहोश और घायल अवस्था में मिली थी, जिसे तत्काल पुलिस टीम ने जिला अस्पताल के लिए रवाना किया गया. जिला अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में ही पीड़िता ने दम तोड़ दिया. मामले में मुख्य आरोपी संतराम मंझवार, पिता धीर साय, अनिल कुमार सारथी, उमाशंकर यादव, आनंद राम पनिका, परदेशी राम पनिका, अब्दुल जब्बार उर्फ विक्की को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई.

आरोपी के घर पर मवेशी चराने का करता था काम

जानकारी के मुताबिक, नाबालिग का पिता जुलाई 2020 से संतराम मंझवार के पास सतरेंगा में आकर उसकी गाय चराने का काम कर रहा था. वर्तमान में धान कटाई हो जाने के बाद वो वापस अपने घर जा रहा था. संतराम मंझवार उनको छोड़ने अपनी बाइक से जा रहा था. इस दौरान शराब पीकर संतराम ने वारदात को अंजाम दिया.

4 दिन 4 रात तक मौत से लड़ती रही किशोरी

आरोपियों के मुताबिक 29 जनवरी को वारदात को अंजाम दिया गया. पुलिस को गुमशुदगी की सूचना 2 फरवरी को मिली. पुलिस संदेही को पकड़कर कबूलनामा के बाद घटनास्थल पहुंची. तब तक किशोरी की सांस चल रही थी. वह 4 दिन 4 रात जिंदगी के लिए मौत से संघर्ष कर रही थी, लेकिन इस बीच न तो इस रास्ते से किसी का गुजरना हुआ और न ही इनकी तलाश शुरू हुई थी.

Last Updated : Feb 4, 2021, 10:29 AM IST
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