कोरबा : कोल इंडिया (Coal India) के अधीन नवरत्न कंपनी (Navratna Company) में शुमार एसईसीएल की गेवरा कोल माइंस (SECL Gevra Coal Mines) में एक बार फिर बड़ा हादसा हुआ है. शुक्रवार देर रात खदान के भीतर कोयला खनन में लगे 240 टन क्षमता वाले डंपर क्रमांक 1085 में भीषण आग लग गई. डंपर में आग लगने के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन माना जा रहा है कि इस अगलगी से एसईसीएल (SECL) को करोड़ों का नुकसान हुआ होगा. इस घटना ने एक बार फिर से खदान के भीतर सुरक्षा उपायों की पोल खोल कर रख दी है.
ऑपरेटर ने भागकर बचाई जान
माइंस के भीतर जिस डंपर में भीषण आग लगी है, वह कैटरपिलर नाम की निजी कंपनी की है. घटना के वक्त डंपर ऑपरेटर केके श्रीवास इसे अपनी शिफ्ट में ऑपरेट कर रहे थे. जिस समय यह घटना हुई, उस समय डंपर में कोयला लोड था. यह कोयला डंपिंग यार्ड की ओर जा रहा था. इसी दौरान डंपर के इंजन से एक चिंगारी फूटी और देखते ही देखते डंपर में भीषण आग लग गई. जबकि ऑपरेटर ने किसी तरह आनन-फानन में नीचे कूदकर अपनी जान बचाई. घटना की सूचना मिलने के बाद खदान के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. फिर पानी टैंकर के जरिये आग पर काबू पाया गया.
शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि डंपर में शॉर्ट सर्किट से आग लगी होगी. डंपर की नियमित तौर पर जांच की जाती है. सुरक्षा उपकरणों का भी ध्यान रखा जाता है. इसे सुरक्षा के इंतजामों में भी चूक की तरह देखा जा रहा है. डंपर में लगे अग्निशमन यंत्र भी घटना के वक्त काम नहीं कर रहे थे. 240 टन क्षमता के डंपर की कीमत करोड़ों में होती है. जिससे बड़े पैमाने पर खदान के भीतर कोयला उत्खनन का काम लिया जाता है.