ETV Bharat / state

कोरबा में कृषि कानून के खिलाफ 14 दिसंबर को महाधरना, एटक नेता ने कहा- करेंगे विशाल विरोध प्रदर्शन

कोरबा में केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ महाधरना का आयोजन किया गया है. इस धरना में किसान, मजदूर, नौजवान और छात्र भारी संख्या में शामिल होंगे. देश के दस श्रमिक संगठनों ने भी समर्थन दिया है.

mahadharna-organized-against-agriculture-law-of-central-government-in-korba
कोरबा में कृषि कानून के खिलाफ महाधरना
author img

By

Published : Dec 13, 2020, 3:51 AM IST

Updated : Dec 13, 2020, 5:48 AM IST

कोरबा: कृषि कानून के खिलाफ में 14 दिसंबर को महाधरना किया जाएगा. इस धरना में किसान, मजदूर, नौजवान और छात्र भारी संख्या में शामिल होंगे. इस महाधरना में विभिन्न राजनीतिक दलों से बातचीत हो रही है. केंद्र में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने देशव्यापी महाधरना को समर्थन दिया है. इसके अलावा देश के दस श्रमिक संगठनों ने भी समर्थन दिया है.

कोरबा में कृषि कानून के खिलाफ 14 दिसंबर को महाधरना

पढ़ें: मौजूदा कृषि कानून में संशोधनों की जगह नए कानूनों को करेंगे स्वीकार : हन्नान मोल्लाह

अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के प्रांतीय महासचिव हरिनाथ सिंह ने पत्रकार वार्ता की. पत्रकारवार्ता में उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने कॉरपोरेट सेक्टर को फायदा पहुंचाने के लिए नई कृषि कानून लागू किया है. उन्होंने बताया कि इस कानून से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. किसानों के आंदोलन को तेज करने के लिए महाधरना किया जाएगा.

पढ़ें: देशद्रोही हैं आंदोलनकारी किसान, जेल में डाला जाए : साध्वी प्रज्ञा

घंटाघर में आंदोलन का आयोजन

हरिनाथ सिंह ने बताया कि घंटाघर में यह आंदोलन किया जाएगा. इस महाधरना को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सहित अन्य व्यपारी संगठन से भी समर्थन मांगा गया है. हरिनाथ सिंह ने बताया कि चार सूत्रीय मांग को लेकर यह महाधरना आयोजन किया गया है.

'किसानों के आंदोलन को आंतकवादी बताया जा रहा'

इसमें प्रमुख मांग कृषि कानून को रद्द करने सहित अन्य मांग शामिल हैं. उन्होंने यह भी बताया कि किसानों के आंदोलन को आंतकवादी और देशविरोधी कहकर दुष्प्रचार किया जा रहा है. पत्रकारवार्ता में हरिनाथ सिंह के अलावा एटक के सचिव एमएल रजक कोल फेडरशन के राष्ट्रीय सचिव और दीपेश मिश्रा आदि उपस्थित थे.

कोरबा: कृषि कानून के खिलाफ में 14 दिसंबर को महाधरना किया जाएगा. इस धरना में किसान, मजदूर, नौजवान और छात्र भारी संख्या में शामिल होंगे. इस महाधरना में विभिन्न राजनीतिक दलों से बातचीत हो रही है. केंद्र में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने देशव्यापी महाधरना को समर्थन दिया है. इसके अलावा देश के दस श्रमिक संगठनों ने भी समर्थन दिया है.

कोरबा में कृषि कानून के खिलाफ 14 दिसंबर को महाधरना

पढ़ें: मौजूदा कृषि कानून में संशोधनों की जगह नए कानूनों को करेंगे स्वीकार : हन्नान मोल्लाह

अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के प्रांतीय महासचिव हरिनाथ सिंह ने पत्रकार वार्ता की. पत्रकारवार्ता में उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने कॉरपोरेट सेक्टर को फायदा पहुंचाने के लिए नई कृषि कानून लागू किया है. उन्होंने बताया कि इस कानून से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. किसानों के आंदोलन को तेज करने के लिए महाधरना किया जाएगा.

पढ़ें: देशद्रोही हैं आंदोलनकारी किसान, जेल में डाला जाए : साध्वी प्रज्ञा

घंटाघर में आंदोलन का आयोजन

हरिनाथ सिंह ने बताया कि घंटाघर में यह आंदोलन किया जाएगा. इस महाधरना को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सहित अन्य व्यपारी संगठन से भी समर्थन मांगा गया है. हरिनाथ सिंह ने बताया कि चार सूत्रीय मांग को लेकर यह महाधरना आयोजन किया गया है.

'किसानों के आंदोलन को आंतकवादी बताया जा रहा'

इसमें प्रमुख मांग कृषि कानून को रद्द करने सहित अन्य मांग शामिल हैं. उन्होंने यह भी बताया कि किसानों के आंदोलन को आंतकवादी और देशविरोधी कहकर दुष्प्रचार किया जा रहा है. पत्रकारवार्ता में हरिनाथ सिंह के अलावा एटक के सचिव एमएल रजक कोल फेडरशन के राष्ट्रीय सचिव और दीपेश मिश्रा आदि उपस्थित थे.

Last Updated : Dec 13, 2020, 5:48 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.