कोरबा : पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ दौरे में करीब 7600 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट की सौगात दी है. इन सौगातों में कोरबा जिले का इंडियन ऑयल एलपीजी बॉटलिंग प्लांट भी है. इस प्लांट को 49 एकड़ की भूमि पर 130 करोड़ की लागत से बनाया गया है. आपको बता दें कि गोपालपुर इंडियन ऑयल का डिपो पिछले कई वर्षों से संचालित है.बॉटलिंग प्लांट की नींव पूर्व केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने रखी थी. पर्यावरणीय स्वीकृति के बाद काम तेजी से हुआ.
कितनी है बॉटलिंग प्लांट की क्षमता : गोपालपुर बॉटलिंग प्लांट में छह सौ एमटी क्षमता वाले तीन बुलेट्स मौजूद हैं. इन बुलेट्स में घरेलू गैस का भंडाराण किया जाता है. इनसे सिलेंडरों में गैस भरकर ट्रकों के माध्यम से सप्लाई हो रही है. यह प्रदेश का दूसरा बॉटलिंग प्लांट है. जिसकी क्षमता 60000 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष होगी.
कोरबा के प्लांट में हाईटेक उपकरण : प्रदेश का पहला एलपीजी बॉटलिंग प्लांट रायपुर में है. लेकिन सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोरबा का प्लांट सबसे आधुनिक है. प्लांट के भीतर एलपीजी पंप हाउस, फायर वॉटर टैंक, ट्रक पार्किंग एरिया की निगरानी के पुख्ता इंतजाम हैं. इसके लिए फायर सेफ्टी, गैस मॉनिटरिंग सिस्टम और हाई लेवल अलार्म लगाया गया है. इस हाई लेवल अलार्म की अवाज एक किमी दूर तक सुनी जा सकती है.
बॉटलिंग प्लांट से कितने जिलों को मिल रहा है लाभ: गोपालपुर एलपीजी बॉटलिंग प्लांट से कोरबा समेत 6 जिलों को सीधे तौर पर लाभ मिल रहा है. बॉटलिंग प्लांट के शुरु होते ही जांजगीर-चांपा, कोरिया, सरगुजा, जशपुर और बलरामपुर को सीधे फायदा मिला है. कोरबा में निर्मित बॉटलिंग प्लांट के अस्तित्व में आने के पहले. इन इलाकों में रायपुर और झारसुगड़ा जिले से सिलेंडर की आपूर्ति होती थी. बॉटलिंग प्लांट का निर्माण कोरोना काल के पहले शुरू हुआ था.लेकिन कोविड के कारण निर्माण में देरी हुई.अब राष्ट्र को ये प्लांट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समर्पित करने वाले हैं.