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Prohibition इस गांव में शराब के एक पैग के लिए देने पड़ते हैं 10 हजार रुपये

शराबबंदी को लेकर यदि खुद ही जागरूक होकर इसके लिए काम किया जाए तो शराबबंदी कोई मुश्किल काम नहीं है. इसके लिए जरूरत है एकजुटता की. ऐसा ही कुछ कोरबा जिले के कटघोरा ब्लॉक के सलोरा गांव में हुआ है. इस गांव में जब छोटे छोटे बच्चे भी शराब पीने लगे तो महिलाओं ने कमर कस ली और शराब पीने और पिलाने वालों पर हजारों रुपयों का जुर्माना ठोक दिया. महिलाओं की इस पहल का स्वागत पुलिस प्रशासन भी कर रहा है और उन्हें पूरा सहयोग दे रहा है.

liquor ban in Salora village
कोरबा के सलोरा गांव में शराबबंदी
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Published : Dec 2, 2022, 2:01 PM IST

Updated : Dec 2, 2022, 7:38 PM IST

कोरबा: छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर एक तरफ राजनीति हो रही है तो कुछ समाजसेवी आंदोलन कर रहे हैं. इस बीच कोरबा जिले के कटघोरा ब्लॉक के ग्राम सलोरा में शराबबंदी हो भी गई है. ये शराबबंदी किसी और ने नहीं बल्कि गांव के ही लोगों ने कर दी है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में बच्चे भी नशे का शिकार हो रहे थे. जिसके रोकने के लिए शराबबंदी करना जरूरी था. गांव की महिलाओं ने ना सिर्फ शराबबंदी का फैसला किया है बल्कि वे गांव के हर कोने कोने में नजर भी बनाई हुई हैं.

कोरबा के सलोरा गांव में शराबबंदी

गांव में शराब पीने और पिलाने पर जुर्माना: सलोरा ग्राम सरपंच के साथ मिलकर गांववालों ने खास फैसला करते हुए शराब बेचते पाए जाने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना वसूलने का नियम बनाया है. साथ ही शराब बेचने वाले के बारे में बताने वालों के लिए 5 हजार रुपये का इनाम की घोषणा है. शराब खरीदने पर 10 हजार रुपये और गांव के सार्वजनिक जगहों या किसी भी समारोह में शराब पीते पाए जाने पर 5 हजार रुपये की जुर्माना राशि तय की है. गांव के सभी महिलाओं और युवाआों ने मिलकर ये निर्णय लिया है.

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शराबबंदी के लिए महिलाओं ने कसी कमर: ग्राम पंचायत सलोरा की महिला सरपंच महेश्वरी तंवर ने बताया "उन्होंने महिला समूह का गठन किया है. गांव के तीन मोहल्ले से लगभग 35 महिलाओं ने ये बीड़ा उठाया है कि गांव को पूरी तरह शराब मुक्त करना है. इसके लिए पुलिस प्रशासन का भी सहयोग मिल रहा है. थाना प्रभारी अश्विन राठौर हमारे इस निजात अभियान के तहत नशा मुक्ति में हमें पूरा सहयोग दे रहे हैं."

गांव में बच्चे भी पी रहे थे शराब: समूह की एक और महिला सदस्य शकुंतला केंवट ने बताया " गांव के छोटे छोटे बच्चे भी शराब पीने लगे थे. उनका भविष्य सुरक्षित करने गांव ने ये फैसला लिया है. गांव में शराबबंदी किए लगभग 25 से 30 दिन हो गए है. लगातार गांव में निगरानी रखे हुए हैं. पुलिस और प्रशासन से सहयोग मिल रहा है. "

महिलाएं कर रही सराहनीय काम: कटघोरा थाना प्रभारी अश्विन राठौर ने बताया " पूरे जिले में निजात अभियान चलाया जा रहा है. सलोरा गांव की महिलाओं ने गांव में कच्ची शराब बनाकर बेचने की शिकायत की थी. महिला संगठनों को जागरूक किया गया साथ ही उन्हें निजात अभियान के बारे में बताय गया जिसके बाद गांव की महिलाएं शराबबंदी को लेकर अभियान चला रही है. जिसमें पुलिस का भी सहयोग दिया जा रहा है. महिलाओं ने गांव में शराबबंदी को लेकर नियम बनाया जो काफी सराहनीय है. "

कोरबा: छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर एक तरफ राजनीति हो रही है तो कुछ समाजसेवी आंदोलन कर रहे हैं. इस बीच कोरबा जिले के कटघोरा ब्लॉक के ग्राम सलोरा में शराबबंदी हो भी गई है. ये शराबबंदी किसी और ने नहीं बल्कि गांव के ही लोगों ने कर दी है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में बच्चे भी नशे का शिकार हो रहे थे. जिसके रोकने के लिए शराबबंदी करना जरूरी था. गांव की महिलाओं ने ना सिर्फ शराबबंदी का फैसला किया है बल्कि वे गांव के हर कोने कोने में नजर भी बनाई हुई हैं.

कोरबा के सलोरा गांव में शराबबंदी

गांव में शराब पीने और पिलाने पर जुर्माना: सलोरा ग्राम सरपंच के साथ मिलकर गांववालों ने खास फैसला करते हुए शराब बेचते पाए जाने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना वसूलने का नियम बनाया है. साथ ही शराब बेचने वाले के बारे में बताने वालों के लिए 5 हजार रुपये का इनाम की घोषणा है. शराब खरीदने पर 10 हजार रुपये और गांव के सार्वजनिक जगहों या किसी भी समारोह में शराब पीते पाए जाने पर 5 हजार रुपये की जुर्माना राशि तय की है. गांव के सभी महिलाओं और युवाआों ने मिलकर ये निर्णय लिया है.

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शराबबंदी के लिए महिलाओं ने कसी कमर: ग्राम पंचायत सलोरा की महिला सरपंच महेश्वरी तंवर ने बताया "उन्होंने महिला समूह का गठन किया है. गांव के तीन मोहल्ले से लगभग 35 महिलाओं ने ये बीड़ा उठाया है कि गांव को पूरी तरह शराब मुक्त करना है. इसके लिए पुलिस प्रशासन का भी सहयोग मिल रहा है. थाना प्रभारी अश्विन राठौर हमारे इस निजात अभियान के तहत नशा मुक्ति में हमें पूरा सहयोग दे रहे हैं."

गांव में बच्चे भी पी रहे थे शराब: समूह की एक और महिला सदस्य शकुंतला केंवट ने बताया " गांव के छोटे छोटे बच्चे भी शराब पीने लगे थे. उनका भविष्य सुरक्षित करने गांव ने ये फैसला लिया है. गांव में शराबबंदी किए लगभग 25 से 30 दिन हो गए है. लगातार गांव में निगरानी रखे हुए हैं. पुलिस और प्रशासन से सहयोग मिल रहा है. "

महिलाएं कर रही सराहनीय काम: कटघोरा थाना प्रभारी अश्विन राठौर ने बताया " पूरे जिले में निजात अभियान चलाया जा रहा है. सलोरा गांव की महिलाओं ने गांव में कच्ची शराब बनाकर बेचने की शिकायत की थी. महिला संगठनों को जागरूक किया गया साथ ही उन्हें निजात अभियान के बारे में बताय गया जिसके बाद गांव की महिलाएं शराबबंदी को लेकर अभियान चला रही है. जिसमें पुलिस का भी सहयोग दिया जा रहा है. महिलाओं ने गांव में शराबबंदी को लेकर नियम बनाया जो काफी सराहनीय है. "

Last Updated : Dec 2, 2022, 7:38 PM IST
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