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lithium found in Korba : जम्मू के बाद छत्तीसगढ़ में लिथियम का बड़ा भंडार, 19 गांवों में मिले कण

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Published : Feb 24, 2023, 6:04 PM IST

कोरबा को ऊर्जाधानी और कोल उत्पादन के लिए जाना जाता है. अब कोरबा को नई पहचान मिलने वाली है. यहां पर लिथियम का स्त्रोत मिला है. लिथियम का इस्तेमाल ग्रीन एनर्जी में होता है. जम्मू कश्मीर के बाद अब कोरबा में लिथियम का भंडार मिला है.

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जम्मू के बाद छत्तीसगढ़ में लिथियम का बड़ा भंडार

कोरबा : जिले के कटघोरा ब्लॉक के महेशपुर सहित 19 गांव में ग्रीन एनर्जी के प्रमुख स्रोत लिथियम के भंडार मिलने की पुष्टि हुई है. फिलहाल यह जानकारी बेहद प्राथमिक स्तर पर सामने आई है. जमीन के कितने नीचे लिथियम का भंडार है और इसकी मात्रा कितनी है यह अभी स्पष्ट नहीं है. हालांकि कलेक्टर संजीव झा ने यह जरूर स्पष्ट किया है कि लिथियम का भंडार मिला है. आगे विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है. भारत में जम्मू कश्मीर के बाद कोरबा देश का ऐसा दूसरा स्थान होगा. जहां लिथियम पाया गया है. अब तक भारत लिथियम के लिए ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना जैसे देशों पर ही निर्भर है.


सर्वे का काम जारी : कोरबा जिले के कटघोरा ब्लॉक में जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया यानी जीएसआई की टीम को सर्वे में लीथियम मिला है. कलेक्टर संजीव झा ने बताया कि '' कटघोरा ब्लॉक में सर्वे में लिथियम रिजर्व की जानकारी मिली है. प्राथमिक स्तर पर यह कंफर्म हुआ है कि वहां पर लिथियम के डिपाजिट हैं. सर्वेश यह चीजें सामने आई है. लेकिन वहां कितना है जिसे रिकवर किया जा सकता है. कितनी गहराई में है, मात्रा कितनी है इकोनॉमिकली इसके क्या स्थिति है .यह सर्वे में स्पष्ट होगा लेकिन अभी जो जानकारी सामने आई है. उसमें यह है कि 18 से 19 गांव में रिजर्व पाए गए हैं. यह गांव रोड से बहुत ज्यादा दूर नहीं है. कनेक्टिविटी भी अच्छी है. इसलिए यदि भविष्य में बेहतर परिणाम मिले तो अच्छे तरीके से उसे रिकवर किया जा सकेगा.''

ये भी पढ़ें- मार्केट में धूम मचा रहा है करतला का काजू



जम्मू के बाद कोरबा में लीथियम का भंडार: हाल ही में खनन मंत्रालय ने यह जानकारी सार्वजनिक की थी कि जम्मू कश्मीर में लिथियम का बड़ा भंडार मिला है. जहां लिथियम के 59 लाख टन का विशाल भंडार मिलने के की संभावना है. इसके बाद यह दूसरा अवसर है जब किसी स्थान पर लिथियम पाया गया है. कोरबा के लिए यह बड़ी बात है. अब तक कोरबा को कोयला के लिए यह देश भर में जाना जाता है. अब लिथियम से भी कोरबा की नई पहचान बन सकती है. लिथियम का इस्तेमाल रिचार्जेबल बैटरी बनाने में होता है. यह धातु लकड़ी से भी ज्यादा हल्का होता है. खासतौर पर इलेक्ट्रिक मोटर वाहनों में इसका अधिक इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए लिथियम को ग्रीन एनर्जी का प्रमुख स्त्रोत कहा जाता है.

कोरबा : जिले के कटघोरा ब्लॉक के महेशपुर सहित 19 गांव में ग्रीन एनर्जी के प्रमुख स्रोत लिथियम के भंडार मिलने की पुष्टि हुई है. फिलहाल यह जानकारी बेहद प्राथमिक स्तर पर सामने आई है. जमीन के कितने नीचे लिथियम का भंडार है और इसकी मात्रा कितनी है यह अभी स्पष्ट नहीं है. हालांकि कलेक्टर संजीव झा ने यह जरूर स्पष्ट किया है कि लिथियम का भंडार मिला है. आगे विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है. भारत में जम्मू कश्मीर के बाद कोरबा देश का ऐसा दूसरा स्थान होगा. जहां लिथियम पाया गया है. अब तक भारत लिथियम के लिए ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना जैसे देशों पर ही निर्भर है.


सर्वे का काम जारी : कोरबा जिले के कटघोरा ब्लॉक में जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया यानी जीएसआई की टीम को सर्वे में लीथियम मिला है. कलेक्टर संजीव झा ने बताया कि '' कटघोरा ब्लॉक में सर्वे में लिथियम रिजर्व की जानकारी मिली है. प्राथमिक स्तर पर यह कंफर्म हुआ है कि वहां पर लिथियम के डिपाजिट हैं. सर्वेश यह चीजें सामने आई है. लेकिन वहां कितना है जिसे रिकवर किया जा सकता है. कितनी गहराई में है, मात्रा कितनी है इकोनॉमिकली इसके क्या स्थिति है .यह सर्वे में स्पष्ट होगा लेकिन अभी जो जानकारी सामने आई है. उसमें यह है कि 18 से 19 गांव में रिजर्व पाए गए हैं. यह गांव रोड से बहुत ज्यादा दूर नहीं है. कनेक्टिविटी भी अच्छी है. इसलिए यदि भविष्य में बेहतर परिणाम मिले तो अच्छे तरीके से उसे रिकवर किया जा सकेगा.''

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जम्मू के बाद कोरबा में लीथियम का भंडार: हाल ही में खनन मंत्रालय ने यह जानकारी सार्वजनिक की थी कि जम्मू कश्मीर में लिथियम का बड़ा भंडार मिला है. जहां लिथियम के 59 लाख टन का विशाल भंडार मिलने के की संभावना है. इसके बाद यह दूसरा अवसर है जब किसी स्थान पर लिथियम पाया गया है. कोरबा के लिए यह बड़ी बात है. अब तक कोरबा को कोयला के लिए यह देश भर में जाना जाता है. अब लिथियम से भी कोरबा की नई पहचान बन सकती है. लिथियम का इस्तेमाल रिचार्जेबल बैटरी बनाने में होता है. यह धातु लकड़ी से भी ज्यादा हल्का होता है. खासतौर पर इलेक्ट्रिक मोटर वाहनों में इसका अधिक इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए लिथियम को ग्रीन एनर्जी का प्रमुख स्त्रोत कहा जाता है.

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