कोरबा: लॉकडाउन के चलते प्रवासी मजदूर लगातार अपने-अपने घर लौटने के लिए सैकड़ों किलोमीटर का लंबा सफर पैदल और साइकिल से तय कर रहे हैं. फैक्ट्रियों और अन्य छोटी-बड़ी संस्थाओं में काम कर रहे मजदूर कामकाज ठप होने के चलते अब घर वापसी कर रहे हैं.
इसी क्रम में 16 मजदूरों का एक जत्था जांजगीर-चांपा जिले के सक्ती से साइकिल पर सफर शुरू कर कोरबा पहुंचा था. ETV भारत की टीम ने उनसे बात की. मजदूरों ने बताया कि वे उत्तरप्रदेश और बिहार जा रहे हैं, जो जिले से लगभग 700 किलोमीटर दूर है.
मदद की उम्मीद नहीं
मजदूरों ने बताया कि प्रशासन से शुरुआत में मदद मिली थी, लेकिन लॉकडाउन का वक्त बढ़ता गया. ग्रामीण इलाके में होने के कारण मदद पहुंचना बंद हो गया. वापस जाने की व्यवस्था के लिए सरपंच और अन्य प्रशासनिक अधिकारी को जानकारी दी थी. धीरे-धीरे 2 वक्त के खाने का प्रबंध तक नहीं हो पा रहा था. ऐसे में मदद की सारी उम्मीद खत्म हो गई और मजबूरी में मजदूरों ने साइकिल से घर पहुंचने का फैसला किया.
मजदूरों का कहना है कि वे अपने घरों से छत्तीसगढ़ रोजगार की तलाश में आए थे, लेकिन लॉकडाउन में रोजगार के सारे विकल्प बंद हो गए. सक्ती में वह अलग-अलग स्थानों पर काम कर रहे थे. कोई टिंबर शॉप में काम करता था, तो कोई फर्नीचर बनाने का काम करता था. इसके साथ ही कुछ लोग शादी से जुड़े व्यवसाय का भी काम कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद ठेकेदारों ने भी अपने हाथ खींच लिए, ऐसे में यहां रुक पाना संभव नहीं था.
ETV भारत ने दिलाई मदद
मजदूरों की व्यथा सुनने के बाद ETV भारत की टीम ने मजदूरों को दर्री थाने का रास्ता दिखाया. यहां पुलिस को मजदूरों के पहुंचने की सूचना ETV भारत ने पहले ही दे दी थी. दर्री पुलिस ने मजदूरों का नाम और पता नोट किया और यह विश्वास दिलाया कि उन्हें कोरबा जिले के बॉर्डर तक पहुंचाने के लिए एक वाहन का इंतजाम किया जाएगा. इसके आगे भी संबंधित जिले के जिला प्रशासन उन्हें अगले जिले के बॉर्डर तक पहुंचाएंगे, ताकि वे अपने गृह राज्य तक पहुंच सकें. मदद पाकर मजदूरों ने ईटीवी भारत का धन्यवाद किया.