कोरबा: छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम मंगलवार को घोषित किए. कोरबा की फरीन कुरैशी ने 12वीं बोर्ड परीक्षा में 95.60% अंक हासिल कर 7वां स्थान प्राप्त किया है. फरीन कहती हैं कि तैयारी के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ा. कई तरह के अभाव भी थे. लेकिन उन्होंने अपना लक्ष्य निर्धारित कर लिया था कि, मेरिट सूची में स्थान बनाना है.
फरीन कुरैशी एक सामान्य परिवार से है. परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है. ETV भारत ने फरीन और उनके परिवार से बात की. फरीन ने बताया कि घर के ठीक सामने बालको का कूलिंग टावर है. जिसका शोर लगातार घर के अंदर आता है. जब ETV भारत की टीम परिवार से बात कर रही थी, तब भी यह शोर साफ सुनाई दे रहा था. पिता मोहम्मद इकबाल अहमद कुरैशी ने बताया कि परिवार को बेटी से काफी उम्मीद थी. परिवार ने पूरी कोशिश की थी कि , बेटी की पढ़ाई में कोई दिक्कत ना आए.
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CA बनने की इच्छा और सोशल नेटवर्क से दूरी
फरीन कॉमर्स विषय की छात्रा है. आगे की पढ़ाई भी कॉमर्स विषय के साथ ही जारी रखना चाहती हैं. वह अंग्रेजी माध्यम से ही गुरु घासीदास विश्वविद्यालय से बीकॉम की पढ़ाई करना चाहती हैं. जिसका एंट्रेंस एग्जाम उन्होंने दिया है. फरीन CA के तौर पर अपना कैरियर बनाना चाहती हैं. जिसके लिए वह कड़ी मेहनत कर रही है. फरीन ने बताया कि वह सोशल नेटवर्क से काफी दूर हैं. फरीन कहती हैं कि सोशल नेटवर्क के फायदे और घाटे दोनों है. लेकिन छात्रों को सोशल मीडिया पर व्यर्थ में समय बर्बाद करने से बचना चाहिए.
पूरा परिवार खुश
फरीन की बड़ी बहन एमकॉम की पढ़ाई पूरी कर चुकी है. उन्होंने बताया कि फरीन जब मेरिट में स्थान बनाने के लिए मेहनत कर रही थी. तब मैंने उसे कहा था कि यदि किसी कारण से सोच के मुताबिक परिणाम ना भी आए तो कोई बात नहीं. कोई गलत कदम नहीं उठाना है. लेकिन फरीन मुझसे हमेशा कहती थी कि नकारात्मक सोच नहीं होनी चाहिए. मैं हर हाल में मेरिट में स्थान बनाऊंगी. आज मुझे खुशी है कि मेरी बहन ने मुझे गलत साबित किया. इसके साथ ही पूरे परिवार ने खुशी जाहिर की है.
मदद की भी जरूरत
फरीन के माता और पिता दोनों ही अपनी बेटी की सफलता से काफी खुश हैं. फरीन के पिता इकबाल अहमद कुरैशी कहते हैं कि अब तक अपनी क्षमता के अनुरूप काम किया और बेटियों को पढ़ाया, लेकिन पिछले कुछ समय से शुगर की बीमारी के कारण नजर कमजोर हो गई है. पिछ्ले कुछ सालों से कोई काम भी नहीं कर रहे हैं. इसलिए फरीन की आगे कि पढ़ाई के लिए सरकारी मदद की जरूरत है. पिता चाहते हैं कि फरीन को आगे की पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद शासन की ओर से मिल सके.