कोरबा: जिला में क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस ने निगरानीशुदा गुंडा-बदमाशों की सूची नए सिरे से तैयार की है. इसके लिए जिले के सभी थाना क्षेत्रों में आपराधिक मामलों में सक्रिय बदमाशों की फाइल खोलकर इसकी समीक्षा की गई है. साथ ही कुछ नए नाम भी जोड़े गए हैं. जिले में शांति भंग कर उपद्रव मचाने वाले और आपराधिक रिकॉड वाले कुख्यात 100 बदमाशों की सूची सभी थानेदारों को भेजी गई है.
अपराधिक वारदातों पर नियंत्रण के लिए पुलिस कुछ चिन्हित असामाजिक तत्वों को रडार पर रखी है. इन अपराधियों पर पुलिस हमेशा निगाह रखती है. किसी भी क्षेत्र में जब कोई अपराध घटित होता है तो इन चिन्हित बदमाशों से पूछताछ की जाती है. सीधे तौर पर अपराध से नहीं जुड़े होने के बावजूद भी इनके संरक्षण में कहीं न कहीं अपराध घटित होते हैं.
कानपुर वाली घटना में एक बदमाश ने घेराबंदी कर डीएसपी की हत्या कर दी थी. इसके बाद निगरानीशुदा बदमाशों की खोज खबर मुस्तैदी से रखी जा रही है. जिले की पुलिस भी बेहद मुस्तैद है और नए सिरे से गुंडे बदमाशों की सूची तैयार कर रही है. इस सूची को सभी थाना चौकियों में भेज कर बदमाशों को बारी-बारी से बुलाया भी जा रहा है और उनकी वर्तमान स्थिति की जानकारी जुटाई जा रही है. उन्हें पुलिसिया अंदाज में समझाया भी जा रहा है.
कोतवाली और कुसमुंडा में सर्वाधिक निगरानीशुदा बदमाश
जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में सर्वाधिक निगरानीशुदा गुंडे और बदमाश मौजूद हैं. शहर के बीचों-बीच होने के कारण यहां कई तरह की आपराधिक घटनाएं होती हैं. ज्यादातार इन घटनाओं में उन्ही लोगों का हाथ होता है. जिनके खिलाफ पूर्व में भी कई तरह के आपराधिक मामले दर्ज हैं. कोयला खदान क्षेत्र होने के कारण कुसमुंडा थाने में अन्य थानों की तुलना में निगरानीशुदा बदमाशों की संख्या अधिक है. खदान के भीतर चलने वाले काले कारोबार में संलिप्त कई ऐसे निगरानीशुदा बदमाश हैं, जिनपर पुलिस की निगाह रहती है.
किसी भी थाना क्षेत्र के अंतर्गत कोई ऐसा व्यक्ति जो दो या दो से ज्यादा बार आपराधिक वारदातों में शामिल रहता है, उसका नाम पुलिस रिकॉड में दर्ज हो जाता है और पुलिस उस व्यक्ति पर नजर रखना शुरू कर देती है.
जिला बदर की कार्यवाही के लिए भी बनाया जाता है प्रकरण
किसी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति क शिकायतें ज्यादा आती है और पुलिस को लगता है कि वह कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन सकता है, तो फिर उन्हें तड़ीपार करने की कार्रवाई भी की जाती है. इसके लिए पुलिस प्रकरण बनाकर कलेक्टर कार्यालय को प्रेषित करती है. यहां से जिला दंडाधिकारी 6 महीने से लेकर सालों तक किसी उपद्रवी व्यक्ति को जिले और पड़ोसी जिले की सीमाओं की परिधि से बाहर रहने का आदेश पारित करते हैं. इसके बाद संबंधित तड़ीपार पर व्यक्ति जिले या आसपास के जिलों में भी निर्धारित अवधि के लिए प्रवेश नहीं कर सकता. यदि उसने प्रवेश किया तो उसे गिरफ्तार कर वैधानिक कार्रवाई की जाती है.
यह जिले का सबसे कुख्यात बदमाश
नाम | थाना | दर्ज मामले |
अमीन खान | कोतवाली | 28 |
अशरफ | कोतवाली | 18 |
दीपक उर्फ चिन्ना पांडे | कोतवाली | 17 |
दीपक चौधरी | कोतवाली | 16 |
अमीन मेमन | कोतवाली | 16 |
हुसैन खान | कोतवाली | 15 |
गणपत उर्फ राजकुमार | सीएसईबी चौकी | 15 |
कृष्णा उर्फ नितेश सिंह | उरगा | 15 |
राजू उर्फ राजकुमार खत्री | उरगा | 18 |
छउरा यादव | बालको | 17 |
किशन दिनकर | बालको | 14 |
यूसुफ कुरैशी | दर्री | 13 |
बृजलाल | बांकीमोंगरा | 16 |
इरफान | बांकीमोंगरा | 21 |
लालबाबू | कुसमुंडा | 26 |
नूर मोहम्मद | कुसमुंडा | 24 |
विजय अग्रवाल | कुसमुंडा | 20 |
राजेंद्र पुरी | कुसमुंडा | 16 |
जीवनदास | कुसमुंडा | 16 |
नरेश उर्फ विक्की चुटैल | बांगो | 12 |