कोरबा: छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना संकट में राशन कार्डधारियों को जून महीने तक एक-एक किलो निशुल्क अरहर दाल देने का निर्णय लिया था. इसके साथ ही पोषण सुरक्षा अधिनियम के तहत बनाए गए राशन कार्डधारियों को भी जून महीने तक निशुल्क दाल वितरण करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन करतला के कर्रापाली पंचायत के लोगों के हक में डाका डाला जा रहा है. सोसायटी संचालक और सरपंच पर मिलीभगत कर राशन डकारने का आरोप लगा है.
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कर्रापाली पंचायत के लोगों का आरोप है कि शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालक अरहर दाल के वितरण में घपला कर रहे हैं. लोगों ने बताया कि सोसायटी संचालक 1 किलो दाल देने की बजाय, हितग्राहियों को 920 ग्राम अरहर दाल दे रहे हैं. जबकि राशनकार्ड हितग्राहियों को 1 किलो अरहर दाल देने का आदेश है.
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मीडिया को देखकर सरपंच की बोलती बंद
मीडिया को शासकीय उचित मूल्य दुकान में काम कर रहे कर्मचारी ने बताया कि सरपंच हेमसिंह कंवर ने 1 किलो के बजाए 920 ग्राम अरहल दाल देने को कहा है. इससे वह सभी हितग्राहियों को 920 ग्राम दाल दे रहा है. वहीं सरपंच से मामले की जानकारी ली गई, तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से मना कर दिया.
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गरीबों के हक पर डाका डाल रहे सरकारी कर्मचारी
बता दें कि इसी तरह से ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में कहीं चावल कम दिया जा रहे हैं, तो कहीं शक्कर के भाव से अधिक राशि लेने की शिकायतें मिल रही है. अब ऐसे में सरकारी कर्मचारी गरीबों के हक पर डाका डालकर अपना भेट भरने में लगे हैं. ऐसे मे खाद्य विभाग के अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्र के उचित मूल्य दुकानों पर ध्यान देने की जरूरत है.