कोरबा: जिले के स्व. बिसाहू दास महंत स्मृति मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कर्मचारी ने खुले में मेडिकल वेस्ट को जला दिया. इस बारे में जानकारी मिलने पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक ने कार्रवाई की बात कही है. अक्सर ऐसा देखा जाता है कि उच्च अधिकारी अस्पताल स्टाफ की करतूत पर नाराजगी जाहिर करते हैं, लेकिन व्यवस्थाओं में सुधार नहीं ला पाते. शनिवार को ऐसा ही मामला सामने आया. अस्पताल के कर्मचारियों ने अस्पताल परिसर में ही मेडिकल वेस्ट को खुले में जला दिया.
अधिकारियों ने जाहिर की नाराजगी: जलाए हुए वेस्ट में पुराने एम्पुल और पीपीई थे. जिसके जलने से पटाखों के फटने जैसी आवाज आने लगी. आसमान में काला धुआं दूर-दूर तक दिखाई देने लगा. सूचना अस्पताल प्रबंधन के उच्च अधिकारियों तक पहुंची. आनन फानन में अधिकारी मौके पर पहुंचे. बायो मेडिकल के बचे हुए अवशेष को तत्काल बुझाया और कर्मचारियों की इस लापरवाही पर जमकर नाराजगी जाहिर की. फटकार लगाते हुए दोषी कर्मचारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की बात भी कही है.
"मेडिकल वेस्ट को डिस्पोज करने के लिए नियम बने हुए हैं. हमारा एक कंपनी के साथ करार भी है, जो मेडिकल वेस्ट को कलेक्ट कर नियमों के अनुसार उसे डिस्पोज करती है. लेकिन अस्पताल स्टाफ द्वारा इस तरह का कृत्य घोर लापरवाही की श्रेणी में आता है. हम इसकी जांच कराएंगे, जिनके द्वारा भी यहां आग लगाकर मेडिकल वेस्ट को जलाया गया है. उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे." -डॉ. रविकांत जाटवर, अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज अस्पताल, कोरबा
आग में डिस्पोजल पीपीटी किट दवा से भरे एम्पुल : बताया जा रहा है कि जिस स्थान पर आग लगाई गई. वहां आग को फैलने से रोकने के कोई इंतजाम नहीं किए गए थे. पास में ही हाई टेंशन विधुत का पोल लगा हुआ था, जिससे आग के फैलने की भी आशंका थी. बायोमेडिकल वेस्ट में पीपीई किट सहित कई सामानों को आग में जलाया गया था, जिससे संक्रमण के फैलने का खतरा था. बायोमेडिकल वेस्ट को किस तरह से डिस्पोज करना है. इसके लिए नियम बने हुए हैं. इन नियमों के तहत ही बायोमेडिकल वेस्ट को ठीक तरह से डिस्पोज करना होता है. लेकिन मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कर्मचारियों से इस तरह की लापरवाही होता देख मौके पर पहुंचे अस्पताल अधीक्षक बेहद नाराज हुए.