कोरबा: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मेडिकल स्टाफ की लापरवाही उजागर हुई है. पहले तो सर्पदंश से यहां गांव ढेंगुरडीह से पहुंचे मरीज अकत राम की मौत हो गयी. इसके बाद परिजनों को मृतक का शव लेने के लिए 2 घंटों का इंतज़ार करना पड़ा. आखिरकार जब बात अधिकारियों तक पहुंची तब उनकी फटकार के बाद परिजनों को मृतक का शव मिला. शव आईसीयू से मर्चरी तक पहुंचाने में अस्पताल स्टाफ ने 2 घंटे का समय लगा दिया जबकि इसे 15 से 20 मिनट में यहां शिफ्ट किया जाना चाहिए.
सुबह 9 बजे हुई मौत : गांव ढेंगुरडीह से अधेड़ उम्र के मरीज अकत राम को सांप काटने के बाद सोमवार तड़के 5 बजे मेडिकल कॉलेज अस्पताल गया था. सुबह लगभग 9:30 बजे मरीज की इलाज के दौरान मौत हो गयी. परिजन की मौत के बाद मरीज शव लेने अस्पताल स्टाफ के चक्कर लगाते रहे लेकिन शव को ना पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया ना ही मरीजों को अंदर आने दिया गया.
हम मरीज को लेकर सुबह यहां पहुंच गए थे. 9:00 बजे ही उसने दम तोड़ दिया. इसके बाद यहां के कर्मचारी हमे अंदर जाने नहीं दे रहे थे. शव को मर्च्युरी में भी नहीं भेजा गया. पूछने पर हमें अस्पताल कर्मचारियों द्वारा कुछ नहीं बताया गया. बात जब अधिकारियों तक पहुंची तब 2 घंटे बाद शव का मर्चुरी भेजा गया और हमें शव मिल सका. अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही से हम बहुत दुखी है.- दशरथ, मरीज के परिजन
सख्त लहजे में दी चेतावनी : मेडिकल कॉलेज अस्पताल की लापरवाही की खबर जब अस्पताल अक्षीक्षक को हुई तो उन्होंने स्टाफ को फटकार लगाई और आगे इस तरह की लापरवाही नहीं करने की चेतावनी दी.
कर्मचारियों से पता चला कि सर्पदंश से मरीज की मौत हो गई थी. नियम के अनुसार 20 से 25 मिनट में मृत होने के बाद शव को मर्च्युरी में रखा जाना चाहिए. हमने कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी है. आगे से ऐसी गलती नहीं करने के लिए फटकार लगाई है.-डॉ रविकांत जाटवर, अस्पताल अधीक्षक
एक तरफ परिजन को खोने के बाद घर के लोग परेशान है तो दूसरी तरफ अस्पताल स्टाफ की लापरवाही परिजनों को और भी दुखी करती है.