कोरबा : 1 दिन पहले मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में बिजली कटौती होने के कारण नवजात की मौत हुई (Korba Medical College neonatal death case) थी. हरेली की छुट्टी होने की वजह डीन सुबह देर से अस्पताल पहुंचे और स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही का जायजा (Big negligence in Korba Medical College) लिया. प्रथम दृष्टया डीन ने भी लापरवाही की बात स्वीकार की है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) ने भी मामले को संज्ञान में लिया है. जिसके बाद इस मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया है. जिन्हें 2 दिन में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के कड़े निर्देश दिए गए हैं.
कितने नवजात की हुई मौत : यह पूरा मामला कोरबा जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट(SNCU) का (Death in Korba sick new born care unit) है. बीते बुधवार की आधी रात को अचानक बिजली जाने की वजह से एक नवजात की मौत हो गई. जबकि दो को अन्य अस्पतालों में रेफर किया गया. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि ''बिजली शॉर्ट सर्किट की वजह से गई. जबकि अधिकारी कह रहे हैं कि बच्चा पहले से ही बीमार था.''
बैकअप के बाद भी आखिर कैसे हुआ सिस्टम फेल : इस लापरवाही का कारण चाहे जो भी हो. लेकिन बड़ी चूक उजागर हुई है. जिससे एक परिवार में नए मेहमान आने की खुशियां मातम में बदल गई. डीन ने खुद यह बात कही है कि ''बिजली जाने के बाद भी ऑक्सीजन सिस्टम में कम से कम ढाई से 3 घंटे का बैकअप रहता है.
तो फिर इसके बाद भी तत्काल व्यवस्था दुरुस्त क्यों नहीं की गई? यह जांच का विषय है.''
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2 दिन में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश : इस पूरे मामले ने जिले से लेकर राजधानी तक सुर्खियां बटोरी है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी मामले में संज्ञान लिया है. और जांच की बात कही है.मेडिकल कॉलेज अस्पताल कोरबा के डीन डॉ अविनाश मेश्राम ने बताया कि "इस मामले में 3 सदस्य जांच टीम का गठन किया गया है. जिन्हें 2 दिन में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं".