बस्तर: छत्तीसगढ़ के बस्तर में मौजूद जंगल वहां रहने वाले आदिवासियों के लिए जीविकोपार्जन का बड़ा सहारा है. आदिवासी जंगल से ही अपने खाने पीने और रहने के लिए कई चीजें हासिल करते हैं. लेकिन इस दौरान कई बार उनकी जान जोखिम में भी पड़ जाती है. जंगल में मौजूद वन्य प्राणियों से उनका सीधा सामना हो जाता है. सोमवार को दंतेवाड़ा में ऐसा ही हुआ. जहां बांस लेने जंगल गए पिता पुत्र का सामना भालू से हो गया. लेकिन 10 साल का बच्चा बिना डरे भालू के सामने चला गया और अपने पिता की जान बचाई.
10 साल के साहसी बच्चे ने भालू को खदेड़ा: वंजाराम नेताम, पांचवीं में पढ़ने वाले अपने 10 साल के बेटे दीपक के साथ घने जंगल के बीच स्थित हांदावाड़ा जलप्रपात के पास गया था. पिता पुत्र बांस काटने के लिए जंगल के अंदर पहुंचे थे. तभी अचानक एक जंगली भालू ने वंजाराम नेताम पर हमला कर दिया. भालू के हमले से वंजाराम लहूलुहान हो गया. पिता की जान खतरे में देख दीपक डंडे के सहारे भालू से भिड़ गया. दीपक की हिम्मत और साहस के चलते कुछ देर लड़ने के बाद भालू वहां से निकलकर घने जंगल की ओर निकल गया.
पिता जी के साथ हांदावाड़ा जलप्रपात के पास गया था. बांस लेने के दौरान भालू वहां आ गया और पिता पर हमला करने लगे. मैंने डंडे और पत्थर मारकर भालू को भगाया-दीपक नेताम
भालू से लड़कर पिता की बचाई जान: पिता को घायल हालत में लेकर बेटा गांव की ओर वापस लौट आया. जिसके बाद वंजाराम को दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय लाया गया. फिलहाल जिला अस्पताल में घायल वंजाराम का इलाज चल रहा है. ग्रामीण की हालत फिलहाल खतरे से बाहर है. दीपक की साहस की खबर सुनकर सभी उसकी तारीफ कर रहे हैं.