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सांसद बंसीलाल महतो का कांग्रेस को जवाब, कहा- 'पहले अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को जगा लें फिर केंद्र सरकार पर साधे निशाना'

कोरबाः केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने शुक्रवार को सिपेट का उद्घाटन किया. इस दौरान प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने सिपेट, उर्वरक कारखाना और डीएमएफ से जुड़े मुद्दों पर केंद्र पर निशाना साधा था. इस पर कोरबा सांसद बंशीलाल महतो ने राज्य सरकार पर पलटवार किया है.

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Published : Feb 24, 2019, 10:03 AM IST

मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने शुक्रवार को अपने उद्बोधन में कहा था कि इस नवनिर्मित बिल्डिंग का उपयोग एजुकेशन हब के रूप में होना था. इसका निर्माण डीएमएफ मद से हुआ था, लेकिन केंद्र ने यहां सिपेट संचालित करने की अनुमति दे दी. डीएमएफ का पैसा हमें वापस चाहिए.


मंत्री के बयान पर सांसद महतो का बयान
मंत्री के बयान पर सांसद महतो ने कहा कि 'जब इस भवन का निर्माण हुआ तो तत्कालीन प्रदेश की भाजपा सरकार ने केंद्र सरकार के तत्कालीन उर्वरक मंत्री अनंत कुमार से इसमें सिपेट संचालित करने का प्रस्ताव रखा. इस प्रस्ताव को उर्वरक मंत्री ने अपनी अनुमति दी, जिसके बाद यहां सिपेट संचालित करने का फैसला लिया गया. जहां तक राजस्व मंत्री का सवाल है वो क्या कहते हैं, क्या करना चाहते हैं वो तो वही समझें.


महतो ने मंत्री जयसिंह अग्रवाल द्वारा केंद्र से डीएमएफ का 41 करोड़ वापस मांगने वाली बात को चुनौती देते हुए कहा, 'वे अपने मुख्यमंत्री से यह बात लिखवा लें और भेज दें केंद्र सरकार को'.


बंद पड़े उर्वरक कारखाने के सवाल पर महतो का जवाब
कोरबा के बंद पड़े उर्वरक कारखाना को शुरू नहीं किए जाने पर भी मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि 5 साल बीत गए लेकिन हमारे सांसद अपनी सरकार से उर्वरक कारखाना भी शुरू नहीं करा पाए. इस पर सांसद महतो ने कहा, 'मंत्री जी 10 साल से विधायक थे और मेरे साथ दिल्ली भी गए थे. उन्हें मालूम है कि उर्वरक कारखाने को शुरू करने का प्रस्ताव लोकसभा में मैंने ही दिया था. 5 साल बीत गए अब तक कारखाना नहीं शुरू हो पाया तो उसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं, सरकार की अपनी-अपनी मजबूरी होती है.

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महतो ने कहा कि लोकसभा में इस मुद्दे को उठाने के बाद देश के 6 उर्वरक कारखानों को खोलने की बात हुई थी, जिसमें से चार का काम चल रहा है. 'मैंने तत्कालीन उर्वरक मंत्री अनंत कुमार को कई बार चिट्ठी लिखी और प्रधानमंत्री को भी चिट्ठी लिखकर कहा था. इसका मुझे लिखित में जवाब मिला था कि 4 कारखानों के शुरू हो जाने के बाद कोरबा और बरौनी (बिहार) के कारखाने भी शुरू कर दिए जाएंगें. अब इसके बाद मैं सांसद रहूं या न रहूं ये काम जल्द पूरा हो जाएगा'.


मंत्री ने तंज पर महतो का ये रहा जवाब
मंत्री ने तंज भी कसा था कि अभी आचार संहिता लगने में हफ्ते 10 दिन बाकी हैं, इससे पहले कारखाने को शुरू करने की घोषणा कर दी जाए. इस बयान से उन्होंने केंद्र सरकार को जगाने की बात कही थी. इस पर सांसद महतो ने भी तंज कसते हुए कहा कि 'अगर राजस्व मंत्री के जगाने से केंद्र सरकार जाग जाती है तब तो अच्छी बात है. पहले राजस्व मंत्री अपनी छत्तीसगढ़ सरकार को जगा लें उसके बाद केंद्र सरकार को जगाने की कोशिश करें.

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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बारे में कहा
महतो ने कहा 'कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष 12 महीना केंद्र सरकार को जगाने की कोशिश करते हैं, लेकिन लोकसभा में खुद सोते रहते हैं. जब इनके राष्ट्रीय अध्यक्ष का ये हाल है तो छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री का फिर क्या हाल होगा'. वे 10 साल से विधायक हैं खुद बताएं कि उन्होंने कितना काम किया है और अपनी उपलब्धिगिनाएं. आज भी कोरबा में जो सड़क बन रही है वह डीएमएफ के पैसे से बन रही है जिसे हमने केंद्र से लाया था.

मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने शुक्रवार को अपने उद्बोधन में कहा था कि इस नवनिर्मित बिल्डिंग का उपयोग एजुकेशन हब के रूप में होना था. इसका निर्माण डीएमएफ मद से हुआ था, लेकिन केंद्र ने यहां सिपेट संचालित करने की अनुमति दे दी. डीएमएफ का पैसा हमें वापस चाहिए.


मंत्री के बयान पर सांसद महतो का बयान
मंत्री के बयान पर सांसद महतो ने कहा कि 'जब इस भवन का निर्माण हुआ तो तत्कालीन प्रदेश की भाजपा सरकार ने केंद्र सरकार के तत्कालीन उर्वरक मंत्री अनंत कुमार से इसमें सिपेट संचालित करने का प्रस्ताव रखा. इस प्रस्ताव को उर्वरक मंत्री ने अपनी अनुमति दी, जिसके बाद यहां सिपेट संचालित करने का फैसला लिया गया. जहां तक राजस्व मंत्री का सवाल है वो क्या कहते हैं, क्या करना चाहते हैं वो तो वही समझें.


महतो ने मंत्री जयसिंह अग्रवाल द्वारा केंद्र से डीएमएफ का 41 करोड़ वापस मांगने वाली बात को चुनौती देते हुए कहा, 'वे अपने मुख्यमंत्री से यह बात लिखवा लें और भेज दें केंद्र सरकार को'.


बंद पड़े उर्वरक कारखाने के सवाल पर महतो का जवाब
कोरबा के बंद पड़े उर्वरक कारखाना को शुरू नहीं किए जाने पर भी मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि 5 साल बीत गए लेकिन हमारे सांसद अपनी सरकार से उर्वरक कारखाना भी शुरू नहीं करा पाए. इस पर सांसद महतो ने कहा, 'मंत्री जी 10 साल से विधायक थे और मेरे साथ दिल्ली भी गए थे. उन्हें मालूम है कि उर्वरक कारखाने को शुरू करने का प्रस्ताव लोकसभा में मैंने ही दिया था. 5 साल बीत गए अब तक कारखाना नहीं शुरू हो पाया तो उसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं, सरकार की अपनी-अपनी मजबूरी होती है.

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महतो ने कहा कि लोकसभा में इस मुद्दे को उठाने के बाद देश के 6 उर्वरक कारखानों को खोलने की बात हुई थी, जिसमें से चार का काम चल रहा है. 'मैंने तत्कालीन उर्वरक मंत्री अनंत कुमार को कई बार चिट्ठी लिखी और प्रधानमंत्री को भी चिट्ठी लिखकर कहा था. इसका मुझे लिखित में जवाब मिला था कि 4 कारखानों के शुरू हो जाने के बाद कोरबा और बरौनी (बिहार) के कारखाने भी शुरू कर दिए जाएंगें. अब इसके बाद मैं सांसद रहूं या न रहूं ये काम जल्द पूरा हो जाएगा'.


मंत्री ने तंज पर महतो का ये रहा जवाब
मंत्री ने तंज भी कसा था कि अभी आचार संहिता लगने में हफ्ते 10 दिन बाकी हैं, इससे पहले कारखाने को शुरू करने की घोषणा कर दी जाए. इस बयान से उन्होंने केंद्र सरकार को जगाने की बात कही थी. इस पर सांसद महतो ने भी तंज कसते हुए कहा कि 'अगर राजस्व मंत्री के जगाने से केंद्र सरकार जाग जाती है तब तो अच्छी बात है. पहले राजस्व मंत्री अपनी छत्तीसगढ़ सरकार को जगा लें उसके बाद केंद्र सरकार को जगाने की कोशिश करें.

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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बारे में कहा
महतो ने कहा 'कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष 12 महीना केंद्र सरकार को जगाने की कोशिश करते हैं, लेकिन लोकसभा में खुद सोते रहते हैं. जब इनके राष्ट्रीय अध्यक्ष का ये हाल है तो छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री का फिर क्या हाल होगा'. वे 10 साल से विधायक हैं खुद बताएं कि उन्होंने कितना काम किया है और अपनी उपलब्धिगिनाएं. आज भी कोरबा में जो सड़क बन रही है वह डीएमएफ के पैसे से बन रही है जिसे हमने केंद्र से लाया था.

Intro:शुक्रवार को केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने सिपेट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने सिपेट, उर्वरक कारखाना और डीएमएफ से जुड़े मुद्दों पर केंद्र पर निशाना साधा था। इस पर ईटीवी भारत ने कोरबा सांसद डॉ बंशीलाल महतो से बातचीत की।


Body:मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने शुक्रवार को अपने उद्बोधन में कहा था कि इस नवनिर्मित बिल्डिंग का उपयोग एजुकेशन हब के रूप में होना था। इसका निर्माण डीएमएफ मद से हुआ था। लेकिन केंद्र ने यहां सिपेट संचालित करने की अनुमति दे दी। डीएमएफ का पैसा हमें वापस चाहिए। मंत्री के इस बयान पर सांसद महतो ने कहा कि "यहां पर जब इस भवन का निर्माण हुआ तो तत्कालीन प्रदेश की भाजपा सरकार ने केंद्र सरकार के तत्कालीन उर्वरक मंत्री अनंत कुमार से इसमें सिपेट संचालित करने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को उर्वरक मंत्री ने अपनी अनुमति दी जिसके बाद यहां सिपेट संचालित करने का फैसला लिया गया। जहाँ तक राजस्व मंत्री का सवाल है वो क्या कहते हैं, क्या करना चाहते हैं वो तो वही समझें।"
मंत्री जयसिंह अग्रवाल द्वारा केंद्र से डीएमएफ का 41करोड़ वापस मांगने वाली बात पर चुनौती देते हुए कहा, "वह अपने मुख्यमंत्री से यह बात लिखवा लें और भेज दें केंद्र सरकार को, यह तो इस तरह से बात कर रहे हैं कि इन्हें भविष्य में डीएमएस का पैसा ना मिले, इस तरह से कोई बात करता है क्या"
कोरबा का बंद पड़ा उर्वरक कारखाना को शुरू नहीं किए जाने पर भी मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि 5 साल बीत गए लेकिन हमारे सांसद अपनी सरकार से उर्वरक कारखाना शुरू नहीं करा पाए। इस पर सांसद महतो ने कहा, "मंत्री जी 10 साल विधायक थे और मेरे साथ दिल्ली भी गए थे। उन्हें मालूम है कि उर्वरक कारखाने को शुरू करने का प्रस्ताव लोकसभा में मैंने ही दिया था। 5 साल बीत गए अब तक कारखाना नहीं शुरू हो पाया तो उसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं, सरकार की अपनी अपनी मजबूरी होती है। हालांकि मेरे लोकसभा में इस मुद्दे को उठाने के बाद देश के 6 उर्वरक कारखानों को खोलने की बात हुई थी। जिसमें से चार का काम चल रहा है। मैंने तत्कालीन उर्वरक मंत्री अनंत कुमार को कई बार चिट्ठी लिखी और प्रधानमंत्री को भी चिट्ठी लिखकर कहा था। इसका मुझे लिखित में जवाब मिला था कि 4 कारखानों के शुरू हो जाने के बाद कोरबा और बरौनी(बिहार) के कारखाने भी शुरू कर दिए जाएंगे। अब इसके बाद में सांसद रहूं या ना रहूं यह काम जल्द पूरा हो जाएगा।"
मंत्री ने तंज भी कसा था कि अभी आचार संहिता लगने में हफ्ते 10 दिन बाकी हैं, इससे पहले कारखाने को शुरू करने की घोषणा कर दी जाए। इस बयान से उन्होंने केंद्र सरकार को जगाने की बात कही थी। इस पर सांसद महतो ने भी तंज कसते हुए कहा "अगर राजस्व मंत्री के जगाने से केंद्र सरकार जाग जाती है तब तो अच्छी बात है। पहले राजस्व मंत्री अपनी छत्तीसगढ़ सरकार को जगा ले उसके बाद केंद्र सरकार को जगाने की कोशिश करें। इनके राष्ट्रीय अध्यक्ष 12 महीना केंद्र सरकार को जगाने की कोशिश करते हैं लेकिन लोकसभा में खुद सोते रहते हैं। जब इनके राष्ट्रीय अध्यक्ष का यह हाल है तो छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री का फिर क्या हाल होगा। वह 10 साल से विधायक हैं वह खुद बताएं कि उन्होंने कितना काम किया है और अपनी उपलब्धि गिनाऐं। आज भी कोरबा में जो सड़क बन रही है वह डीएमएफ के पैसे से बन रही है जिसे हमने केंद्र से लाया था।"

बाइट- डॉ बंसीलाल महतो, सांसद, कोरबा लोकसभा



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