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National science day: दसवीं की छात्रा ने बनाई फोल्डिंग सपोर्ट सीट बेल्ट, जानिए कैसे इसका मेडिकल क्षेत्र में होगा इस्तेमाल ?

benefits of science विज्ञान से होने वाले फायदे और इसको लेकर जागरूकता लाने के लिए 28 फरवरी को राष्ट्रीय स्तर पर विज्ञान दिवस मनाया जाता है. एक दिन पहले हम आपको ग्रामीण भारत के काम आने वाले एक ऐसे इन्वेंशन के बारे में बताएंगे. जिसे एक सरकारी स्कूल की बच्ची ने बनाया है. यह न केवल काफी उपयोगी है, बल्कि इसका इस्तेमाल भी आसान है. Story on National Science Day 2023

Folding Support Seat Belt For Bike
दसवीं की छात्रा ने बनाई फोल्डिंग सीट बेल्ट
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Published : Feb 27, 2023, 11:08 PM IST

Updated : Feb 28, 2023, 12:08 PM IST

दसवीं की छात्रा ने बनाई फोल्डिंग सीट बेल्ट

कोरबा: जिले के सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल उमरेली की दसवीं की छात्रा इशिता देवांगन ने करामाती फोल्डिंग सपोर्ट सिस्टम बनाया है. इसे आसानी से किसी भी बाइक पर लगाया जा सकता है. इसकी खासियत यह है कि इसके जरिए किसी बुजुर्ग या गंभीर मरीज को सुरक्षित तरीके से बाइक पर बैठाकर बहुत ही आराम से अस्पताल पहुंचाया जा सकता है. आम तौर पर ग्रामीण इलाकों में लोगों के पास कार या दूसरे साधन करने की सुविधा कम ही रहती है. एंबुलेंस का इंतजार करने में भी कभी कभी काफी देर हो जाती है. ऐसे में इशिता का यह आविष्कार ग्रामीण इलाकों के बहुत उपयोगी है. इसके लिए इशिता का चयन इंस्पायर्ड अवॉर्ड के तहत राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए भी हुआ है.

मरीज को बाइक से गिरते देखा तो आया विचार: इशिता को इंस्पायर अवॉर्ड के लिए तैयारी करनी थी. विज्ञान संकाय के छात्र प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं. इशिता को 'फोल्डिंग सपोर्ट सीट इन बाइक फॉर ओल्ड एंड सिक पर्सन' का आइडिया गांव से ही मिला. इशिता बताती हैं कि "एक दिन जब मैं स्कूल आ रही थी, तब देखा कि एक व्यक्ति अपने किसी बुजुर्ग रिश्तेदार को बाइक पर बिठाकर ले जा रहे थे. खेत के किनारे ही बुजुर्ग गिर पड़े. जिन्हें बाइक पर बिठाया था, वह काफी वृद्ध थे. गिरने के कारण उन्हें चोट भी लगी. यहीं से इस तरह के माॅडल को तैयार करने का विचार आया. टीचर्स की मदद से न सिर्फ इस मॉडल को तैयार किया बल्कि इंस्पायर अवार्ड में इसको प्रदर्शित किया. मुझे खुशी है कि मेरे मॉडल का चयन राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए हुआ है."

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इशिता की मेहनत को दिखाया सही रास्ता: गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल उमरेली में तैनात शिक्षक टीआर देवांगन, इशिता के मार्गदर्शक टीचर हैं. टीआर देवांगन कहते हैं कि "इशिता ने मुझे अपने विचार के बारे में बताया. तभी हमने इस बेल्ट को इन्वेंट करने की योजना बनाई. इसमें पूरी तरह से इशिता की लगन और मेहनत काम आई, जिसकी बदौलत आज उसका चयन इंस्पायर अवार्ड के तहत राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए हुआ है. उम्मीद है वहां भी हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे."


बाइक पर इस तरह काम करता है फोल्डिंग सपोर्ट सिस्टम: यह फोल्डिंग सपोर्ट सिस्टम एक तरह से बाइक में इंस्टॉल करने वाला बेल्ट है. इसे आसानी से किसी भी बाइक के साथ अटैच किया जा सकता है. यह बाइक की पिछली सीट के साथ अटैच हो जाने के बाद एक सपोर्ट सिस्टम में बदल जाता है. इसमें मरीज को पकड़कर रखने के लिए एक बेल्ट भी लगाया गया है. बाइक की पिछली सीट पर किसी भी बीमार या वृद्ध को बिठाकर इस बेल्ट से उसे बांध दिया जाता है. इससे वह हिलता डुलता नहीं और बाइक चलाने वाले को भी किसी तरह की परेशानी नहीं आती. इस बेल्ट का इस्तेमाल करने पर बाइक पर चालक और मरीज के अलावा किसी तीसरे को मदद के लिए बैठने की जरूरत नहीं. मरीज को सुरक्षित तरीके से अस्पताल तक पहुंचाया जा सकता है.

दसवीं की छात्रा ने बनाई फोल्डिंग सीट बेल्ट

कोरबा: जिले के सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल उमरेली की दसवीं की छात्रा इशिता देवांगन ने करामाती फोल्डिंग सपोर्ट सिस्टम बनाया है. इसे आसानी से किसी भी बाइक पर लगाया जा सकता है. इसकी खासियत यह है कि इसके जरिए किसी बुजुर्ग या गंभीर मरीज को सुरक्षित तरीके से बाइक पर बैठाकर बहुत ही आराम से अस्पताल पहुंचाया जा सकता है. आम तौर पर ग्रामीण इलाकों में लोगों के पास कार या दूसरे साधन करने की सुविधा कम ही रहती है. एंबुलेंस का इंतजार करने में भी कभी कभी काफी देर हो जाती है. ऐसे में इशिता का यह आविष्कार ग्रामीण इलाकों के बहुत उपयोगी है. इसके लिए इशिता का चयन इंस्पायर्ड अवॉर्ड के तहत राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए भी हुआ है.

मरीज को बाइक से गिरते देखा तो आया विचार: इशिता को इंस्पायर अवॉर्ड के लिए तैयारी करनी थी. विज्ञान संकाय के छात्र प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं. इशिता को 'फोल्डिंग सपोर्ट सीट इन बाइक फॉर ओल्ड एंड सिक पर्सन' का आइडिया गांव से ही मिला. इशिता बताती हैं कि "एक दिन जब मैं स्कूल आ रही थी, तब देखा कि एक व्यक्ति अपने किसी बुजुर्ग रिश्तेदार को बाइक पर बिठाकर ले जा रहे थे. खेत के किनारे ही बुजुर्ग गिर पड़े. जिन्हें बाइक पर बिठाया था, वह काफी वृद्ध थे. गिरने के कारण उन्हें चोट भी लगी. यहीं से इस तरह के माॅडल को तैयार करने का विचार आया. टीचर्स की मदद से न सिर्फ इस मॉडल को तैयार किया बल्कि इंस्पायर अवार्ड में इसको प्रदर्शित किया. मुझे खुशी है कि मेरे मॉडल का चयन राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए हुआ है."

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इशिता की मेहनत को दिखाया सही रास्ता: गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल उमरेली में तैनात शिक्षक टीआर देवांगन, इशिता के मार्गदर्शक टीचर हैं. टीआर देवांगन कहते हैं कि "इशिता ने मुझे अपने विचार के बारे में बताया. तभी हमने इस बेल्ट को इन्वेंट करने की योजना बनाई. इसमें पूरी तरह से इशिता की लगन और मेहनत काम आई, जिसकी बदौलत आज उसका चयन इंस्पायर अवार्ड के तहत राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए हुआ है. उम्मीद है वहां भी हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे."


बाइक पर इस तरह काम करता है फोल्डिंग सपोर्ट सिस्टम: यह फोल्डिंग सपोर्ट सिस्टम एक तरह से बाइक में इंस्टॉल करने वाला बेल्ट है. इसे आसानी से किसी भी बाइक के साथ अटैच किया जा सकता है. यह बाइक की पिछली सीट के साथ अटैच हो जाने के बाद एक सपोर्ट सिस्टम में बदल जाता है. इसमें मरीज को पकड़कर रखने के लिए एक बेल्ट भी लगाया गया है. बाइक की पिछली सीट पर किसी भी बीमार या वृद्ध को बिठाकर इस बेल्ट से उसे बांध दिया जाता है. इससे वह हिलता डुलता नहीं और बाइक चलाने वाले को भी किसी तरह की परेशानी नहीं आती. इस बेल्ट का इस्तेमाल करने पर बाइक पर चालक और मरीज के अलावा किसी तीसरे को मदद के लिए बैठने की जरूरत नहीं. मरीज को सुरक्षित तरीके से अस्पताल तक पहुंचाया जा सकता है.

Last Updated : Feb 28, 2023, 12:08 PM IST
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