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अस्पतालों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे लोग - Korba hospital becoming a source of corona infection

छत्तीसगढ़ में लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच क्या सरकारी अस्पताल सुपर स्प्रेडर बन सकते हैं? ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. इन अस्पतालों में कोरोना के लिए जरूरी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा. यहां लंबी-लंबी लाइन लगी रहती है जो कोरोना विस्फोट का जरिया बन सकती है.

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कोरबा
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Published : Apr 28, 2021, 3:12 PM IST

कोरबा: जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.अस्पतालों में लोगों की भीड़ बढ़ रही है. कोरोना टेस्ट कराने पहुंच रहे लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं. अस्पतालों में ही कोविड 19 गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. इस तरह की लापरवाही अस्पतालों को खुद कोरोना का सुपर स्प्रेडर बना रहा है.

कोरबा के अस्पताल में लापरवाही

लापरवाही से फैल रहा संक्रमण

सामान्य सर्दी और फ्लू के साथ ही कोरोना के मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन सतर्क हैं, लेकिन अस्पतालों में मरीज कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना जांच कराने वालों की काफी भीड़ बहुत रहती है. लोग आपस में सटकर खड़े रहते हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते और मास्क भी नहीं लगाते, जिसकी वजह से संक्रमण बढ़ने का खतरा हो सकता है. वैसे तो अस्पताल में इन्फेक्शन, प्रिवेंशन और कंट्रोल के हिसाब से काम किया जा रहा है. जिसमें जांच करने वाले डॉक्टर्स PPE किट का इस्तेमाल करते हैं, ग्लव्स और मास्क दोनों का इस्तेमाल करते हैं. बावजूद इसके लोगों का लापरवाह रवैया उनकी जान जोखिम में डाल सकता है.

ग्रामीण क्षेत्रों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और जांच बढ़ाने का स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने दिया निर्देश

कोरोना जांच के लिए लंबी कतारें

कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल के साथ ही आसपास के उप स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना जांच के लिए लंबी लाइनें लगती हैं. रोजाना जिले में करीब 4 हजार टेस्टिंग हो रही है. सर्दी-खांसी के साथ ही अन्य किसी बीमारी के लिए भी कोविड 19 का टेस्ट अनिवार्य है. शायद यही वजह है कि लोगों की लंबी कतारें इन दिनों अस्पतालों में दिखाई देती है. कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टेस्ट करवाने पहुंचे लोगों ने बताया कि सुबह 9 बजे से आए हैं, लक्षण तो नहीं है, लेकिन चेकअप कराना भी जरूरी है.

लॉकडाउन के बावजूद कम नहीं हो रहे केस

प्रदेश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में लॉकडाउन लगने के बावजूद संक्रमण और मौत के आंकड़ों में गिरावट नजर नहीं आ रही है. सर्दी-खांसी के अलावा फीवर से जूझ रहे मरीज अस्पतालों के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं. जहां उन्हें कोरोना जांच कराना अनिवार्य है. ऐसे में बिना सोशल डिस्टेंसिंग की ये कतारें चौंकाने वाली हैं. जिसे देखकर यही लग रहा कि अस्पताल ही कोरोना को बड़े पैमाने में फैला रहे हैं. ऐसा सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि पिछले दो हफ्ते से जारी लॉकडाउन के बावजूद जिले में पॉजिटिव केस में गिरावट नहीं आई है.

कोरबा: जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.अस्पतालों में लोगों की भीड़ बढ़ रही है. कोरोना टेस्ट कराने पहुंच रहे लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं. अस्पतालों में ही कोविड 19 गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. इस तरह की लापरवाही अस्पतालों को खुद कोरोना का सुपर स्प्रेडर बना रहा है.

कोरबा के अस्पताल में लापरवाही

लापरवाही से फैल रहा संक्रमण

सामान्य सर्दी और फ्लू के साथ ही कोरोना के मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन सतर्क हैं, लेकिन अस्पतालों में मरीज कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना जांच कराने वालों की काफी भीड़ बहुत रहती है. लोग आपस में सटकर खड़े रहते हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते और मास्क भी नहीं लगाते, जिसकी वजह से संक्रमण बढ़ने का खतरा हो सकता है. वैसे तो अस्पताल में इन्फेक्शन, प्रिवेंशन और कंट्रोल के हिसाब से काम किया जा रहा है. जिसमें जांच करने वाले डॉक्टर्स PPE किट का इस्तेमाल करते हैं, ग्लव्स और मास्क दोनों का इस्तेमाल करते हैं. बावजूद इसके लोगों का लापरवाह रवैया उनकी जान जोखिम में डाल सकता है.

ग्रामीण क्षेत्रों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और जांच बढ़ाने का स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने दिया निर्देश

कोरोना जांच के लिए लंबी कतारें

कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल के साथ ही आसपास के उप स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना जांच के लिए लंबी लाइनें लगती हैं. रोजाना जिले में करीब 4 हजार टेस्टिंग हो रही है. सर्दी-खांसी के साथ ही अन्य किसी बीमारी के लिए भी कोविड 19 का टेस्ट अनिवार्य है. शायद यही वजह है कि लोगों की लंबी कतारें इन दिनों अस्पतालों में दिखाई देती है. कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टेस्ट करवाने पहुंचे लोगों ने बताया कि सुबह 9 बजे से आए हैं, लक्षण तो नहीं है, लेकिन चेकअप कराना भी जरूरी है.

लॉकडाउन के बावजूद कम नहीं हो रहे केस

प्रदेश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में लॉकडाउन लगने के बावजूद संक्रमण और मौत के आंकड़ों में गिरावट नजर नहीं आ रही है. सर्दी-खांसी के अलावा फीवर से जूझ रहे मरीज अस्पतालों के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं. जहां उन्हें कोरोना जांच कराना अनिवार्य है. ऐसे में बिना सोशल डिस्टेंसिंग की ये कतारें चौंकाने वाली हैं. जिसे देखकर यही लग रहा कि अस्पताल ही कोरोना को बड़े पैमाने में फैला रहे हैं. ऐसा सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि पिछले दो हफ्ते से जारी लॉकडाउन के बावजूद जिले में पॉजिटिव केस में गिरावट नहीं आई है.

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