कोरबा: कोरोना संक्रमण नियंत्रण (corona virus control) से जुड़े संवेदनशील कार्यों के दौरान उपजे एक विवाद के बाद जिले के शिक्षक और स्वास्थ्य विभाग (health department) में ठन गई है. जिले के शिक्षा विभाग में पदस्थ एक शिक्षक ने स्वास्थ्य विभाग के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (DPM) पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है. डीपीएम के इस बर्ताव से शिक्षक संगठन आक्रोशित है. उनका कहना है कि शिक्षक से अभद्रता करने वाले डीपीएम पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वह कोविड-19 (covid 19) से जुड़े कार्यों का बहिष्कार कर देंगे.
ये पूरा विवाद 27 मई को शुरू हुआ. जब एक्टिव सर्विलांस सर्वे दल (Active Surveillance Survey Team) के प्रभारी हसदेव क्रमांक 2 में सेवा दे रहे शिक्षक आरके राठौर, जो कि भादरापारा के मिडिल स्कूल में पदस्थ हैं, उन्हें स्वास्थ्य विभाग डीपीएम पद्माकर शिंदे (health department dpm padmakar shinde) ने फोन लगाया.
आरोप है कि फोन पर हुई बातचीत के वायरल वीडियो में डीपीएम पद्माकर शिक्षक से पूछ रहे हैं कि वह सर्वे के दौरान क्या काम करते हैं और किसे फोन लगाते हैं. पद्माकर ने यह भी कहा कि तुम्हें किसी को फोन लगाने का अधिकार नहीं है. अगली बार फोन लगाया तो दर्री थाने भिजवा दिया जाएगा. नौकरी भी खत्म हो सकती है. तुम्हारी शिकायत मिली है कि तुम अनावश्यक तौर पर लोगों को फोन लगाकर परेशान कर रहे हो. आइंदा ऐसा नहीं होना चाहिए. आगे से इस तरह की कोई भी शिकायत नहीं आनी चाहिए.
शिक्षक संगठन नाराज
डीपीएम (district Program manager) के फोन के बाद शिक्षक संगठन के पदाधिकारी और शिक्षक काफी आक्रोशित हैं. शिक्षक आरके राठौर का कहना है कि उन्होंने कोविड-19 कार्य के दौरान पूरी निष्ठा पूर्वक काम किया है. जो भी काम किया उसका आदेश उन्हें दिया गया था. इससे बाहर जाकर उन्होंने कोई भी काम नहीं किया है. एक परिवार की ज्यादा निगरानी करने के कारण यह हुआ है. शिक्षक ने कहा कि उन्होंने फोन लगाया था, लेकिन कोविड-19 से जुड़ी बातचीत ही की थी. शिक्षक ने कहा कि इसके बाद डीपीएम ने उनसे गलत तरीके से बात की.
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कार्यों के बहिष्कार की चेतावनी
शिक्षक संघर्ष मोर्चा के जिला अध्यक्ष ओम प्रकाश बघेल का कहना है कि संविधान के किसी अनुच्छेद में अधिकारी किसी शासकीय कर्मचारी से अपमानजनक शब्दों का उपयोग कर बात नहीं कर सकते. इसके लिए डीपीएम को हमारे शिक्षक साथी से माफी मांगनी होगी. यदि डीपीएम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होती तो हम कोविड-19 से जुड़े कार्यों का बहिष्कार कर देंगे.
डीपीएम ने कहा महिला ने की थी मौखिक शिकायत
पूरे मामले में डीपीएम पद्माकर शिंदे का कहना है कि उन्हें शिक्षक आरके राठौर की एक महिला की ओर से मौखिक शिकायत मिली थी. महिला ने कहा था कि राठौर उन्हें अनावश्यक तौर पर दिन में कई बार फोन करके परेशान कर रहे हैं. 20-20 मिनट तक बातें करते हैं. जबकि जिसे फोन किया जा रहा है, वह महिला कोरोना पॉजिटिव भी नहीं है. पॉजिटिव उनके पिता आए थे.
विभाग के पास नहीं है लिखित शिकायत
डीपीएम (district Program manager) का कहना है कि शिक्षक को केवल घर-घर जाकर सर्वे कर जानकारी इकट्ठा करनी होती है. पॉजिटिव या लक्षणात्मक मरीजों को फोन करने की जरुरत नहीं है. शिंदे ने कहा कि इस शिकायत के बाद ही उन्होंने शिक्षक राठौर को फोन कर सामान्य भाषा में समझाइश दी थी. हालांकि शिक्षक राठौर के खिलाफ महिला की ओर से की गई कोई भी लिखित शिकायत विभाग के पास मौजूद नहीं है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक महिला ने सीधे डीपीएम से ही मौखिक शिकायत की थी.