कोरबा: कलेक्ट्रेट परिसर में मौजूद आदिम जाति कल्याण विभाग कार्यालय का बाबू कोरोना वायरस संक्रमित मिला है. इसके बाद प्रशासनिक हलके में हड़कंप मच गया है. एहतियात के तौर पर कलेक्ट्रेट परिसर में मौजूद जिन कार्यालयों में संक्रमित पाए गए क्लर्क का आना जाना था. उन्हें भी पूरी तरह से सील कर दिया गया है. इसके अलावा बाबू के प्राइमरी कॉन्टेक्ट में आए सभी कर्मचारियों को क्वॉरेंटाइन में भेज दिया गया है.
संक्रमित क्लर्क आदिम जाति विकास विभाग में कार्यरत है, जो कि कलेक्ट्रेट शाखा के भू अभिलेख शाखा में मौजूद रहकर वनभूमि अधिकार पट्टों को तैयार करने के कार्य में लगा हुआ था. सूचना मिलते ही भू अभिलेख शाखा को पूरी तरह से सील कर दिया गया है.
मस्तूरी से आना-जाना करता था बाबू
आदिम जाति कल्याण विभाग में कार्यरत बाबू मस्तूरी से कोरबा आना-जाना करता था. बताया जा रहा है कि पिछले 17 जुलाई को वह कलेक्ट्रेट से काम निपटाकर वापस मसूरी चला गया था. जहां उसे कोरोना संक्रमित पाया गया है. बाबू के संक्रमित होते ही कलेक्ट्रेट कोरबा में हड़कंप गया. उसके संपर्क में आने वाले सभी को क्वॉरेंटाइन में भेजा गया है. वहीं कलेक्टर किरण कौशल ने बताया कि क्लर्क के संक्रमित पाए जाने के बाद उसके प्राइमरी कॉन्टैक्ट में आने वाले सभी को क्वॉरेंटाइन में भेज दिया गया है.
हाई रिस्क जोन पर पूरा कलेक्ट्रेट
बता दें कि कलेक्ट्रेट कोरबा के प्रथम तल पर मौजूद भू अभिलेख शाखा के दफ्तर के सामने ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम है, जिसमें कलेक्टर सहित प्रशासनिक अधिकारी नियमित अंतराल पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए जाते हैं. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग दफ्तर से लगा हुआ जनसंपर्क विभाग का भी कार्यालय मौजूद है. वहीं आदिम जाति कल्याण विभाग कार्यालय है, जिसके कारण क्लर्क का आदिम जाति विभाग में भी आना जाना लगा रहता था, जबकि वन अधिकार भूमि पट्टा के ओआईसी डिप्टी कलेक्टर अजय उरांव हैं, जिनसे फाइल में साइन लेने भी क्लर्क का अक्सर उनसे मिलता रहा है, इस तरह से अब पूरा कलेक्ट्रेट ही हाई रिस्क जोन पर है.