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SPECIAL: सिर पर धान खरीदी, सॉफ्टवेयर अपडेट करने में लगे फड़ प्रभारी, नहीं कटा किसानों का टोकन

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Published : Nov 29, 2020, 1:20 PM IST

छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होने वाली है. धान खरीदी की व्यवस्था को लेकर ETV भारत उपार्जन केंद्रों और धान खरीदी केंद्रों की व्यवस्था की जानकारी ले रहा है. कोरबा में क्या है धान खरीदी की तैयारी देखिए इस खास रिपोर्ट में.

preparation for paddy purchase in Korba
धान खरीदी केंद्रों में अधूरी तैयारी

कोरबा: छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होने जा रही है, लेकिन फड़ प्रभारी अब भी धान खरीदी के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है. आधी अधूरी तैयारियों के साथ फिर से धान खरीदी शुरू होने जा रही है. बारदानों की व्यवस्था से लेकर सॉफ्टवेयर अपडेट करने तक की प्रक्रिया फिलहाल अधूरी है. अब तक कोरबा जिले में एक भी किसान ने धान बेचने के लिए टोकन नहीं कटवाया है.

धान खरीदी की अधूरी तैयारी

छत्तीसगढ़ सरकार ने 27 नवंबर से धान बेचने के लिए टोकन कटवाने की प्रक्रिया शुरू तो कर दी, लेकिन हालात यह हैं कि 27 नवंबर को ही फड़ प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर की ट्रेनिंग शुरू हुई है. इसी दिन नोडल अधिकारियों को भी नियुक्त किया गया है. ETV भारत की टीम ने जब जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर सोनपुरी धान खरीदी केंद्र का जायजा लिया, तब 28 नवंबर को भी वहां के फड़ प्रभारी ट्रायल टोकन काट रहे थे. खरीदी केंद्रों में सॉफ्टवेयर अपडेट संबंधी जांच अब तक चल रही थी. जिसके कारण एक भी किसान का टोकन नहीं कटा है. यही हालात पूरे कोरबा जिले का है. 28 नवंबर तक धान बेचने के लिए एक भी किसान ने टोकन नहीं कटवाया है.

बारदानों की व्यवस्था पर सवाल

preparation for paddy purchase in Korba
बारदानों की व्यवस्था

सोनपुरी के फड़ प्रभारी राजकुमार देवांगन ने बताया कि उनके यहां 800 से ज्यादा किसान पंजीकृत हैं. जिनके लिए बारदानों की व्यवस्था पर्याप्त तौर पर कर दी गई है. लेकिन इस साल छत्तीसगढ़ शासन पर विपक्ष बारदानों की व्यवस्था को लेकर हमलावर है. सीएम खुद भी कह चुके हैं कि कोरोना काल में जूट मिल के बंद होने से बारदानों व्यवस्था नहीं हो सकी है. धान खरीदी की प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी करने के लिए बारदानों की पर्याप्त पैमाने पर व्यवस्था कर पाना जिला प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.

पढ़ें: SPECIAL: घोर नक्सल प्रभावित इलमिड़ी में धान खरीदी केंद्र खुलते ही खिले किसानों के चेहरे

किसानों के ठहरने की व्यवस्था

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धान खरीदी केंद्रों में तैयारियां

धान खरीदी केंद्र में किसानों के ठहरने की व्यवस्था के साथ कोरोना की गाइडलाइन के मद्देनजर पूरा इंतजाम करना होगा. इसके लिए सभी नोडल अधिकारियों को कलेक्टर ने निर्देशित किया है. अफसरों का कहना है कि इसकी व्यवस्था की जा रही है. हालांकि ETV भारत को किसानों के लिए ठहरने को लेकर केंद्र में कोई व्यवस्था नजर नहीं आई.

समितियों की संख्या बढ़ी

धान खरीदी की प्रक्रिया समय रहते पूरी करने के लिए इस साल समितियों की संख्या 27 से बढ़कर 44 कर दी गई है. जबकि उपार्जन केंद्रों की संख्या 49 है. 44 समितियों के लिए कलेक्टर ने 44 नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है. कई उपार्जन केंद्र ऐसे हैं जहां इस साल पहली बार धान की खरीदी की जाएगी.

इन केंद्रों में पहली बार होगी धान खरीदी

जिला प्रशासन ने इस बार करतला विकासखंड में कराईनारा, नोनबिर्रा और लबेद, तो वहीं कटघोरा में सुमेधा तो पोड़ी उपरोड़ा में कुलहरिया और पाली के साथ ही कोरबा विकासखंड के दादरखुर्द में नए धान खरीदी केंद्र स्थापित किए हैं. इन सभी केंद्रों में इस बार पहली बार धान खरीदी की जाऐगी.

फैक्ट फाइल-

  • धान खरीदी करने वाली समितियां- 44
  • उपार्जन केंद्रों की संख्या- 49
  • धान बेचने वाले पंजीकृत किसानों की संख्या 32 हजार 589
  • मक्का बेचने के लिए 2 हजार 686 किसानों का पंजीयन
  • 2019 में पंजीकृत किसानों की संख्या 27 हजार 694

कोरबा: छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होने जा रही है, लेकिन फड़ प्रभारी अब भी धान खरीदी के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है. आधी अधूरी तैयारियों के साथ फिर से धान खरीदी शुरू होने जा रही है. बारदानों की व्यवस्था से लेकर सॉफ्टवेयर अपडेट करने तक की प्रक्रिया फिलहाल अधूरी है. अब तक कोरबा जिले में एक भी किसान ने धान बेचने के लिए टोकन नहीं कटवाया है.

धान खरीदी की अधूरी तैयारी

छत्तीसगढ़ सरकार ने 27 नवंबर से धान बेचने के लिए टोकन कटवाने की प्रक्रिया शुरू तो कर दी, लेकिन हालात यह हैं कि 27 नवंबर को ही फड़ प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर की ट्रेनिंग शुरू हुई है. इसी दिन नोडल अधिकारियों को भी नियुक्त किया गया है. ETV भारत की टीम ने जब जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर सोनपुरी धान खरीदी केंद्र का जायजा लिया, तब 28 नवंबर को भी वहां के फड़ प्रभारी ट्रायल टोकन काट रहे थे. खरीदी केंद्रों में सॉफ्टवेयर अपडेट संबंधी जांच अब तक चल रही थी. जिसके कारण एक भी किसान का टोकन नहीं कटा है. यही हालात पूरे कोरबा जिले का है. 28 नवंबर तक धान बेचने के लिए एक भी किसान ने टोकन नहीं कटवाया है.

बारदानों की व्यवस्था पर सवाल

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बारदानों की व्यवस्था

सोनपुरी के फड़ प्रभारी राजकुमार देवांगन ने बताया कि उनके यहां 800 से ज्यादा किसान पंजीकृत हैं. जिनके लिए बारदानों की व्यवस्था पर्याप्त तौर पर कर दी गई है. लेकिन इस साल छत्तीसगढ़ शासन पर विपक्ष बारदानों की व्यवस्था को लेकर हमलावर है. सीएम खुद भी कह चुके हैं कि कोरोना काल में जूट मिल के बंद होने से बारदानों व्यवस्था नहीं हो सकी है. धान खरीदी की प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी करने के लिए बारदानों की पर्याप्त पैमाने पर व्यवस्था कर पाना जिला प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.

पढ़ें: SPECIAL: घोर नक्सल प्रभावित इलमिड़ी में धान खरीदी केंद्र खुलते ही खिले किसानों के चेहरे

किसानों के ठहरने की व्यवस्था

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धान खरीदी केंद्रों में तैयारियां

धान खरीदी केंद्र में किसानों के ठहरने की व्यवस्था के साथ कोरोना की गाइडलाइन के मद्देनजर पूरा इंतजाम करना होगा. इसके लिए सभी नोडल अधिकारियों को कलेक्टर ने निर्देशित किया है. अफसरों का कहना है कि इसकी व्यवस्था की जा रही है. हालांकि ETV भारत को किसानों के लिए ठहरने को लेकर केंद्र में कोई व्यवस्था नजर नहीं आई.

समितियों की संख्या बढ़ी

धान खरीदी की प्रक्रिया समय रहते पूरी करने के लिए इस साल समितियों की संख्या 27 से बढ़कर 44 कर दी गई है. जबकि उपार्जन केंद्रों की संख्या 49 है. 44 समितियों के लिए कलेक्टर ने 44 नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है. कई उपार्जन केंद्र ऐसे हैं जहां इस साल पहली बार धान की खरीदी की जाएगी.

इन केंद्रों में पहली बार होगी धान खरीदी

जिला प्रशासन ने इस बार करतला विकासखंड में कराईनारा, नोनबिर्रा और लबेद, तो वहीं कटघोरा में सुमेधा तो पोड़ी उपरोड़ा में कुलहरिया और पाली के साथ ही कोरबा विकासखंड के दादरखुर्द में नए धान खरीदी केंद्र स्थापित किए हैं. इन सभी केंद्रों में इस बार पहली बार धान खरीदी की जाऐगी.

फैक्ट फाइल-

  • धान खरीदी करने वाली समितियां- 44
  • उपार्जन केंद्रों की संख्या- 49
  • धान बेचने वाले पंजीकृत किसानों की संख्या 32 हजार 589
  • मक्का बेचने के लिए 2 हजार 686 किसानों का पंजीयन
  • 2019 में पंजीकृत किसानों की संख्या 27 हजार 694
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