कोरबा: जिला केंद्रीय सहकारी बैंक की शाखा में कथित तौर पर राशि आहरण के लिए किसानों से (PADDY FARMERS IN KORBA ) वसूली की खबर पर कलेक्टर रानू साहू (Korba Collector Ranu Sahu) ने सख्ती दिखाते हुए जांच के निर्देश दे दिये हैं. ईटीवी भारत ने इस खबर को (impact of news of ETV Bharat ) प्रमुखता से दिखाया था, जिसमें किसानों से राशि आहरित करने के एवज में वसूली का आरोप बैंक प्रबंधन पर लगे हैं. कलेक्टर ने इस खबर पर संज्ञान लेकर जांच के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद मामले में बैंक प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ (Korba Collector ordered inquiry) सकती है.
एसडीएम तहसीलदारों को निरीक्षण करने के भी आदेश
मामले के उजागर होने के बाद कलेक्टर ने सख्त रवैया अपनाते हुए बैंक के अधिकारियों सहित संबंधित तहसीलदारों और अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को भी निर्देशित किया है. कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में बैंकों का लगातार निरीक्षण करने का आदेश दिया है. किसी भी बैंक में किसानों को अपने ही खाते से राशि आहरण के लिए कोई परेशानी न हो यह व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है.
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नोडल अधिकारी और उप पंजीयक करेंगे जांच
कलेक्टर ने जिला सहकारी बैंक कोरबा के इस कथित प्रकरण को तत्काल जांच कर प्रतिवेदन देने के निर्देश नोडल अधिकारी एसके जोशी और उप पंजीयक सहकारी संस्था बसंत कुमार को दिए हैं. कलेक्टर ने जिले के किसानों को भी सलाह दी है कि वे बैंक से राशि आहरण के लिए किसी भी प्रकार की कोई अतिरिक्त राशि किसी भी व्यक्ति को न दें. बैंक से राशि आहरण के बाद बैंक काउंटर पर ही सावधानी से गिनकर पूरी राशि मिलने की तसदीक करें. राशि कम होने पर तत्काल कैशियर या बैंक मैंनेजर से शिकायत कर पूरी राशि प्राप्त करें. कलेक्टर ने यह भी सलाह दी है कि नोटों की गड्डियों में कम नोट निकलने पर गड्डी के उपर लगी पर्ची को फाड़कर न फेंके. नोट की गड्डी को तत्काल पर्ची सहित कैशियर या बैंक मैनेजर को लौटाकर पूरी राशि वाली गड्डी लें.
गड्डी में नोट कम होने का ईटीवी भारत ने किया था खुलासा
ईटीवी भारत ने सबसे पहले यह उजागर किया कि गड्डी में नोटों की संख्या कम है, जिस बात की शिकायत किसान कर रहे हैं. बैंक प्रबंधन ने भी गड्डी में नोट कम होने की बात कही थी. जिसके बाद कलेक्टर ने बैंक द्वारा दी गई नोटों की गड्डियों में कम संख्या में नोट होने को भी गंभीरता से लिया है. बैंक के अधिकारियों को पूरी सावधानी और सजगता से नोटों की गड्डियां बनाने के निर्देश दिए हैं. धान बेचने के एवज में समितियों द्वारा जमा राशि किसान जिला सहकारी बैंक से ही अपने खातों से आहरित करते हैं.