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रोक के बाद भी कोरबा में धड़ल्ले से जारी है रेत उत्खनन

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Published : Jul 13, 2019, 1:16 PM IST

Updated : Jul 13, 2019, 2:24 PM IST

कोरबा में सरकार के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए रेत माफिया धड़ल्ले से अवैध उत्खनन कर रहे हैं.

रेत का अवैध उत्खनन

कोरबा: शासन की रोक के बावजूद रेत उत्खनन का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है. देर रात नदी-नालों के किनारे से अवैध रेत उत्खनन कर अगले दिन सुबह उसे पुरानी रेत बताकर बेचा जाता है.

अवैध रेत उत्खनन

जिले में शासन के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. कोल माफियाओं की कालाबाजारी अभी थमी भी नहीं थी कि जिले में रेत माफिया अवैध उत्खनन में जुट गया है. रेत घाटों में उत्खनन पर लगे 3 माह के प्रतिबंध के बावजूद रेत माफिया सक्रिय रूप से अवैध उत्खनन करने से बाज नहीं आ रहा.

सरकार ने लगाई थी रोक
दरअसल NGT के निर्देश पर सरकार ने 16 जून से 15 अक्टूबर तक रेत उत्खनन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद भी हसदेव नदी में सीतामणी, गेरवाघाट, बरमपुर, बालको, बेलगरी रेत घाट से उत्खनन और परिवहन हो रहा है.

अवैध उत्खनन कर बेचते हैं रेत
रेत माफिया देर रात इन घाटों पर पहुंचकर पोकलेन मशीन लगाकर अवैध उत्खनन करते हैं. इसके साथ ही ट्रैक्टर और हाइवा के जरिए शहर के तमाम अलग-अलग जगहों पर रेत अनलोड कर स्टॉक करते हैं. इसके बाद अगले दिन इसे पुरानी रेत बता कर मनचाहे दाम में बेचते हैं.

कांग्रेस नेताओं पर अवैध उत्खनन के आरोप
ऐसे आरोप लग रहे हैं कि, अवैध उत्खनन के सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के नेताओं का हाथ है. कुछ दिन पहले रामपुर विधायक और वरिष्ठ भाजपा नेता ननकीराम कंवर ने भी अवैध रेत उत्खनन और परिवहन में कांग्रेस पार्टी की भूमिका बताई थी.

अफसरों के जवाब में विरोधाभास
माइनिंग अफसर खुद दो तरह की बातें कर रहे हैं. एक बार कह रहे हैं कि कुछ घाट सेमी मैकेनाइज्ड हैं, जहां उत्खनन की परमिशन है. लेकिन जब उनसे रेत घाट बंद होने पर सवाल किया गया तो, वो ये कहते नजर आए कि 'हां सभी रेत घाट बंद हैं, इससे साफ जाहिर होता है कि प्रशासन इस मामले में कितना गंभीर है.

कोरबा: शासन की रोक के बावजूद रेत उत्खनन का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है. देर रात नदी-नालों के किनारे से अवैध रेत उत्खनन कर अगले दिन सुबह उसे पुरानी रेत बताकर बेचा जाता है.

अवैध रेत उत्खनन

जिले में शासन के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. कोल माफियाओं की कालाबाजारी अभी थमी भी नहीं थी कि जिले में रेत माफिया अवैध उत्खनन में जुट गया है. रेत घाटों में उत्खनन पर लगे 3 माह के प्रतिबंध के बावजूद रेत माफिया सक्रिय रूप से अवैध उत्खनन करने से बाज नहीं आ रहा.

सरकार ने लगाई थी रोक
दरअसल NGT के निर्देश पर सरकार ने 16 जून से 15 अक्टूबर तक रेत उत्खनन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद भी हसदेव नदी में सीतामणी, गेरवाघाट, बरमपुर, बालको, बेलगरी रेत घाट से उत्खनन और परिवहन हो रहा है.

अवैध उत्खनन कर बेचते हैं रेत
रेत माफिया देर रात इन घाटों पर पहुंचकर पोकलेन मशीन लगाकर अवैध उत्खनन करते हैं. इसके साथ ही ट्रैक्टर और हाइवा के जरिए शहर के तमाम अलग-अलग जगहों पर रेत अनलोड कर स्टॉक करते हैं. इसके बाद अगले दिन इसे पुरानी रेत बता कर मनचाहे दाम में बेचते हैं.

कांग्रेस नेताओं पर अवैध उत्खनन के आरोप
ऐसे आरोप लग रहे हैं कि, अवैध उत्खनन के सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के नेताओं का हाथ है. कुछ दिन पहले रामपुर विधायक और वरिष्ठ भाजपा नेता ननकीराम कंवर ने भी अवैध रेत उत्खनन और परिवहन में कांग्रेस पार्टी की भूमिका बताई थी.

अफसरों के जवाब में विरोधाभास
माइनिंग अफसर खुद दो तरह की बातें कर रहे हैं. एक बार कह रहे हैं कि कुछ घाट सेमी मैकेनाइज्ड हैं, जहां उत्खनन की परमिशन है. लेकिन जब उनसे रेत घाट बंद होने पर सवाल किया गया तो, वो ये कहते नजर आए कि 'हां सभी रेत घाट बंद हैं, इससे साफ जाहिर होता है कि प्रशासन इस मामले में कितना गंभीर है.

Intro:शासन के रोक के बावजूद रेत उत्खनन का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है। देर रात नदी नालों के किनारे से अवैध रेत उत्खनन कर अगले दिन सुबह उसे पुराना रेत बता कर बेहिसाब बेचा जा रहा है।


Body:जिले में शासन के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। कोल माफियाओं से ग्रसित जिले में रेत माफिया भी देर रात अवैध उत्खनन करने में जुटे हुए हैं। रेड घाटों में उत्खनन पर लगे 3 माह के प्रतिबंध के बावजूद रेत माफिया सक्रिय रूप से अवैध उत्खनन करने में नहीं चूक रहे हैं। दरअसल, 16 जून से 15 अक्टूबर तक राज्य शासन द्वारा एनजीटी के निर्देश पर रेत उत्खनन पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया है।
इसके बाद भी हसदेव नदी में सीतामणी, गेरवाघाट, बरमपुर, बालको, बेलगरी रेत घाट से उत्खनन और परिवहन हो रहा है। रेत माफिया देर रात इन घाटों पर पहुंचकर पोकलेन मशीन लगाकर अवैध उत्खनन करते हैं और ट्रैक्टर या हाइवा के जरिए शहर के तमाम अलग-अलग जगहों पर रेत अनलोड कर स्टॉक करते हैं। इसके बाद अगले दिन इससे पुराना रेत बता कर मनचाहे दाम में बेचते हैं।
इस अवैध उत्खनन के मामले में बात यह निकल कर सामने आ रही है कि इसमें सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की देख रेख में ये सब हो रहा है। कुछ दिन पहले भी रामपुर विधायक और वरिष्ठ भाजपा नेता ननकीराम कंवर ने भी अवैध रेत उत्खनन और परिवहन में कांग्रेस पार्टी की भूमिका बताई थी। पार्टी के लोगों के अलावा प्रशासन और पुलिस भी इसमें मिली हुई बताई जा रही है।


Conclusion:माइनिंग अफसर खुद दो तरह की बातें कर रहे हैं। एक बार कह रहे हैं कि कुछ घाट सेमी मैकेनाइज्ड हैं, जहां उत्खनन की परमिशन है। जब उनसे सभी रेत घाट बंद होने पर सवाल किया गया तो कहते नजर आए कि हां सभी रेत घाट बंद है। इससे साफ जाहिर होता है कि प्रशासन खुद कितना गंभीर है।

बाइट- एन के सूर, माइनिंग अफसर
Last Updated : Jul 13, 2019, 2:24 PM IST
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