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कोरबा के हर चौराहे पर अवैध होर्डिंग, कार्रवाई के नाम पर हो रही खानापूर्ति - मुख्य सड़कों

कोरबा (Korba) शहर के लगभग सभी चौराहों पर अवैध होर्डिंग (Illegal Hording) लगी हुई है. नेताओं के होर्डिंग (Hording) मुख्य सड़कों पर लगे हुए हैं. जबकि किसी भी चौराहे पर होर्डिंग, बैनर(Banners), पोस्टर (Posters) लगाने के लिए सरकार के अपने नियम हैं. नियमों के पालन के बाद ही बैनर, पोस्टर या होर्डिंग लगाए जा सकते हैं. वरना नियमों को न मानने पर कड़े सजा के भी प्रावधान(Provision of severe punishment) हैं.

Illegal hoarding at every intersection of the city
शहर के हर चौराहे पर अवैध होर्डिंग
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Published : Sep 30, 2021, 11:07 AM IST

कोरबा: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरबा (Korba) शहर के लगभग सभी चौराहों पर अवैध होर्डिंग (Illegal Hording at intersections) की भरमार है. सत्ता पक्ष हो या विपक्ष के नेताओं (Leaders) के होर्डिंग मुख्य सड़कों (Main road) पर लगे हुए हैं. जबकि किसी भी चौराहे पर होर्डिंग, बैनर, पोस्टर लगाने के लिए सरकार के अपने नियम हैं. नियमों के पालन (Following the rules) के बाद ही बैनर, पोस्टर या होर्डिंग लगाए जा सकते हैं.

सभी चौराहों पर अवैध होर्डिंग

नियमों की मानें तो होर्डिंग लगाने पर निगम को आर्थिक लाभ भी होता है, जबकि नियम विरुद्ध होल्डिंग (Unlawful holding) से नियमों का उल्लंघन होने के साथ ही साथ आर्थिक क्षति भी पहुंचती है. सत्ता पक्ष का रौब कहें या फिर निगम प्रशासन की उदासीनता, फिलहाल अवैध होर्डिंग पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही. निगम अमला कार्रवाई की बात जरूर कहता है, लेकिन यह महज़ खानापूर्ति ही साबित हो रही है.

सभी स्थानों पर लगे हैं होल्डिंग

बता दें कि शहर के सीएसईबी चौक, बुधवारी, टीपी नगर से लेकर निहारिका क्षेत्र में घंटाघर, कोसाबाड़ी में निगम कार्यालय के सामने से लेकर सीतामढ़ी तक अवैध होर्डिंग लगे हुए हैं. यही हाल उपनगरीय क्षेत्रों का भी है. दर्री, जमनीपाली, कुसमुंडा, बालको सहित निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले उपनगरीय क्षेत्रों में भी बड़े-बड़े बैनर पोस्टर लगाए गए हैं. जिन पर कार्रवाई करने में निगम अमले के हाथ कांप रहे हैं. ज्यादातर होर्डिंग सत्तापक्ष के नेताओं के हैं. जिनमें बधाई, स्वागत और अन्य तरह की बातों का उल्लेख होता है. जिनपर कार्रवाई नहीं हो रही.

चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सरकार का एक्शन प्लान, केस दर्ज, जल्द होगी कानूनी कार्रवाई

कार्रवाई का भी प्रावधान

निगम क्षेत्र में बिना अनुमति या अवैध किस्म के विज्ञापनों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ शासन के होर्डिंग अधिनियम का खुले तौर पर उल्लंघन माना गया है. इस अधिनियम की धारा 248 के तहत इस तरह के कृत्यों को दंडनीय भी माना गया है. निगम अमले को बांस, बल्ली पोस्टर आदि को जब्त करने का भी अधिकार है.

कोरोना काल से ही अटकी प्रक्रिया

बताया जा रहा है कि शहर में होर्डिंग के लिए विधिवत निविदा बुलाई जाती है. जोनवार निविदा में एक निश्चित राशि लेकर ठेकेदारों को होर्डिंग का ठेका दिया जाता है. इसके बाद निगम द्वारा अधिकृत होर्डिंग पर ही किसी भी व्यक्ति विशेष, संस्था अन्य का प्रचार किया जा सकता है.कोरोना के कारण नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत आने वाले होर्डिंग के विज्ञापन के निविदा की प्रक्रिया अटक गयी थी. इसके कारण भी अवैध होर्डिंग, बैनर, पोस्टर को बढ़ावा मिला.

कोरबा: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरबा (Korba) शहर के लगभग सभी चौराहों पर अवैध होर्डिंग (Illegal Hording at intersections) की भरमार है. सत्ता पक्ष हो या विपक्ष के नेताओं (Leaders) के होर्डिंग मुख्य सड़कों (Main road) पर लगे हुए हैं. जबकि किसी भी चौराहे पर होर्डिंग, बैनर, पोस्टर लगाने के लिए सरकार के अपने नियम हैं. नियमों के पालन (Following the rules) के बाद ही बैनर, पोस्टर या होर्डिंग लगाए जा सकते हैं.

सभी चौराहों पर अवैध होर्डिंग

नियमों की मानें तो होर्डिंग लगाने पर निगम को आर्थिक लाभ भी होता है, जबकि नियम विरुद्ध होल्डिंग (Unlawful holding) से नियमों का उल्लंघन होने के साथ ही साथ आर्थिक क्षति भी पहुंचती है. सत्ता पक्ष का रौब कहें या फिर निगम प्रशासन की उदासीनता, फिलहाल अवैध होर्डिंग पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही. निगम अमला कार्रवाई की बात जरूर कहता है, लेकिन यह महज़ खानापूर्ति ही साबित हो रही है.

सभी स्थानों पर लगे हैं होल्डिंग

बता दें कि शहर के सीएसईबी चौक, बुधवारी, टीपी नगर से लेकर निहारिका क्षेत्र में घंटाघर, कोसाबाड़ी में निगम कार्यालय के सामने से लेकर सीतामढ़ी तक अवैध होर्डिंग लगे हुए हैं. यही हाल उपनगरीय क्षेत्रों का भी है. दर्री, जमनीपाली, कुसमुंडा, बालको सहित निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले उपनगरीय क्षेत्रों में भी बड़े-बड़े बैनर पोस्टर लगाए गए हैं. जिन पर कार्रवाई करने में निगम अमले के हाथ कांप रहे हैं. ज्यादातर होर्डिंग सत्तापक्ष के नेताओं के हैं. जिनमें बधाई, स्वागत और अन्य तरह की बातों का उल्लेख होता है. जिनपर कार्रवाई नहीं हो रही.

चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सरकार का एक्शन प्लान, केस दर्ज, जल्द होगी कानूनी कार्रवाई

कार्रवाई का भी प्रावधान

निगम क्षेत्र में बिना अनुमति या अवैध किस्म के विज्ञापनों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ शासन के होर्डिंग अधिनियम का खुले तौर पर उल्लंघन माना गया है. इस अधिनियम की धारा 248 के तहत इस तरह के कृत्यों को दंडनीय भी माना गया है. निगम अमले को बांस, बल्ली पोस्टर आदि को जब्त करने का भी अधिकार है.

कोरोना काल से ही अटकी प्रक्रिया

बताया जा रहा है कि शहर में होर्डिंग के लिए विधिवत निविदा बुलाई जाती है. जोनवार निविदा में एक निश्चित राशि लेकर ठेकेदारों को होर्डिंग का ठेका दिया जाता है. इसके बाद निगम द्वारा अधिकृत होर्डिंग पर ही किसी भी व्यक्ति विशेष, संस्था अन्य का प्रचार किया जा सकता है.कोरोना के कारण नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत आने वाले होर्डिंग के विज्ञापन के निविदा की प्रक्रिया अटक गयी थी. इसके कारण भी अवैध होर्डिंग, बैनर, पोस्टर को बढ़ावा मिला.

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