कोरबा: गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष तुलेश्वर मरकाम ने शुक्रवार को जोश खरोश के साथ पाली तानाखार विधानसभा सीट से नामांकन किया. तुलेश्वर के नामांकन रैली में शामिल होने बड़ी तादाद में उनके समर्थक पहुंचे. गोंडवाना के समर्थकों को देखकर लोग आश्चर्यचकित रह गए. पुलिस के लिए व्यवस्था संभालना भी मुश्किल हो गया. भाजपा के प्रत्याशियों ने भी नामांकन दाखिल किया लेकिन गोंडवाना की भीड़ बीजेपी पर भी भारी पड़ी. यह पहला अवसर है, जब गोंडवाना के संस्थापक हीरा सिंह मरकाम के बिना पार्टी चुनाव लड़ रही है. पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए तुलेश्वर मरकाम ने उसी सीट से नामांकन भरा है. जहां से उनके पिता चुनाव लड़ते रहे हैं. इस सीट पर कांग्रेस के बाद गोंगपा दूसरे पायदान पर रहती है और पिछले 6 चुनाव से बीजेपी तीसरे पायदान पर रही है.
किंगमेकर बनने का किया दावा: पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तुलेश्वर मरकाम ने ETV भारत से खास बातचीत की. उन्होंने पाली तानाखार से जीत का दावा किया और कहा कि "छत्तीसगढ़ में हम तीसरी शक्ति हैं. बहुजन समाज पार्टी के साथ हमारा गठबंधन है. हमने लगभग 20 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है. अपने लक्ष्य में हम सफल होंगे और हमारे बिना किसी भी पार्टी की सरकार नहीं बनेगी. हम किंग मेकर होंगे.
सवाल : किस तरह के मुद्दे होंगे, जिन बातों को लेकर आप चुनाव में जा रहे हैं?
जवाब : सभी को अभिवादन, आज मैंने 23 पाली तानाखार से नामांकन दाखिल कर दिया है. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी हमेशा से जल, जंगल और जमील के मुद्दे पर मुखर रही है. और देखा जाए तो यह पूरा कोरबा जिला पांचवी अनुसूची क्षेत्र है. कोरबा जिला ही सबसे ज्यादा भ्रष्ट जिला रहा है. यहां के कलेक्ट्रेट पर छापे पड़े डिस्टिक मिनिरल फंड के ऑफिस पर छापे पड़े. यहां की जो कलेक्टर रही, वह जेल में पहुंच गई. इस तरह से भ्रष्टाचार की कहानी लिखी गई है. हम यहां के मूल निवासियों को यहां के रहवासियों को उनका हक अधिकार दिलाने के लिए जो भ्रष्टाचार हो रहा है. उनके अधिकारों का जो खत्म किया जा रहा है. उस मुद्दे को लेकर के हम मुखर हैं. जनता द्वारा यदि चुना जाता है तो निश्चित रूप से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हम कार्रवाई करेंगे, इसे खत्म करेंगे, यह मेरा वचन है.
सवाल : इस वर्ष पहली बार आप दादा हीरा सिंह मरकाम के बिना चुनाव में जा रहे हैं, उनके निधन के बाद दादा की कमी कितनी महसूस हो रही है?
जवाब : बिल्कुल उनकी कमी तो है, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी में उनके साथी हैं, अन्य पार्टियों में भी उनके शुभचिंतक है. चाहे किसी भी पार्टी में रहे, 28 तारीख को हम श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन कर रहे हैं. वह पूरे क्षेत्र में एक जननायक रहे हैं. सभी वर्गों के लोगों के लिए उन्होंने काम किया है. निश्चित रूप से आज वह हमारे बीच में नही रहे, लेकिन उनके विचार हमारे साथ हैं. जन-जन तक उनके विचार हैं. इसलिए हम जहां भी जाते हैं, हमें दादा मरकाम की कमी महसूस नहीं होती, क्योंकि दादा मरकाम यहां की मिट्टी, यहां के पानी पर हर दिल में धड़क रहे हैं. हम जहां भी जाते हैं दादा के विचार पाते हैं. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ककी लहर चल रही है. दादा मरकाम के जाने के बाद लोग उनको श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहते हैं. इसके कारण पाली तानाखार सहित अन्य सीटों पर हमें जीत मिलेगी.
सवाल : छत्तीसगढ़ में आपका किस तरह का प्रदर्शन रहेगा, आप खुद भी चुनाव लड़ रहे हैं, बाकी 90 विधानसभा सीटों पर क्या स्थिति रहने वाली है?
जवाब : बहुजन समाज पार्टी के साथ हमारा गठबंधन हुआ है. सभी सीटों पर हम मिलजुल कर चुनाव लड़ रहे हैं. हमारे गठबंधन से बीजेपी, कांग्रेस घबराई हुई है. छत्तीसगढ़ में हमने 15 से 20 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को हम पूरा करेंगे और हमारे बगैर किसी की भी सरकार नहीं बनेगी.
सवाल : यदि ऐसी स्थिति बनती है, जब आपके बगैर किसी की सरकार ना बने तो आप किसे समर्थन देंगे?
जवाब : हम तो कह रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की सरकार बननी चाहिए. छत्तीसगढ़ में ज्यादातर जनसंख्या आदिवासियों की है. 32 प्रतिशत लोग आदिवासी वर्ग से आते हैं. कुछ जनजातियों को और भी उसमें मिलाया गया है, अब यह 36 हो गए हैं. आज तक सिर्फ एक बार ही आदिवासी मुख्यमंत्री बना है. एक और बार आदिवासियों को अवसर मिलना चाहिए. मूल आदिवासियों को अवसर मिलना चाहिए, इसलिए हम चाहेंगे कि आदिवासियों की सरकार बने, आदिवासी को मुख्यमंत्री बनाया जाए, हमें समर्थन दीजिए.
सवाल : आप जिस सीट पर लड़ रहे हैं, वहां से जो पहले कांग्रेस के विधायक थे, अब भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं, और कांग्रेस ने एक महिला उम्मीदवार को टिकट दिया है. आपकी स्थिति क्या रहेगी?
जवाब : देखिए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी अपने मुद्दों पर चुनाव लड़ती है. कांग्रेस पार्टी के विधायक अच्छा नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए विधायकों का टिकट काट रहे हैं. बहुत सारे विधायकों का टिकट काटा गया है. इसलिए कि कांग्रेस पार्टी में वह काम नहीं कर पा रहे हैं, अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं. उनके विधायक नकारा हैं. इसलिए अब जिसको टिकट दिया गया, उस पर भी क्या भरोसा किया जाए कि वह काम के लायक होंगे और रामदयाल तो बार-बार दल बदल लेते हैं. वह कहां जाएंगे, यह समझ में ही नहीं आता. कभी इस घर, तो कभी उस घर. उनके विचार और सिद्धांत नहीं है. जिनका सिद्धांत ही खत्म हो गया है. उन पर हम क्या बात करें.