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लंबे इंतजार के बाद आखिरकार हसदेव नदी पर बने दर्री बराज का बदलेगा गेट, सिस्टम भी होगा अपडेट

सालों इंतजार के बाद आखिरकार हसदेव नदी पर बने दर्री बराज का गेट बदला (gate of Darri barrage replaced in korba) जाएगा. इसके नवीनीकरण के साथ ही सिस्टम भी अपडेट होगा.

Korba Hasdeo River
कोरबा हसदेव नदी
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Published : May 6, 2022, 8:50 PM IST

कोरबा: हसदेव नदी पर बने दर्री बराज के गेट 12 साल बाद बदले (gate of Darri barrage replaced in korba ) जाएंगे. नियमों के अनुसार इन्हें प्रत्येक 10 वर्षों में बदला जाना चाहिए. लेकिन 2 साल अधिक बीतने के बाद विभाग को दर्री बराज के गेट की याद आई है. दर्री बराज से ही कोरबा, जांजगीर और रायगढ़ समेत इलाकों में 72 हेक्टेयर कृषि भूमि को पानी दिया जाता है. तो बालको, एनटीपीसी और राज्य के विद्युत संयंत्रों को भी दर्री बराज से ही विद्युत उत्पादन के लिए पानी सप्लाई होती है. इस गेट से पानी सप्लाई के एवज में सरकार को लगभग 48 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है.

दर्री बराज का बदलेगा गेट

2010 में हुआ था नवीनीकरण: राज्य के सबसे ऊंचे मिनीमाता बांगो बांध के अंतर्गत आने वाले दर्री बांध से किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलती है. पिछली बार इनका नवीनीकरण 12 साल पहले 2010 में हुआ था. इसके बाद अब जाकर सरकार ने दर्री बराज की सुध ली है. मिनीमाता बांगो बांध के बाद दर्री बराज में पानी को रोक कर रखा जाता है. विशालकाय लोहे के प्लेट के माध्यम से पानी को रोका जाता है. जरूरत पड़ने पर इसी के जरिये पानी नदी या नहर में छोड़ा जाता है. फिलहाल गेटों को बदले जाने के साथ ही लोहे के इन प्लेटों को भी बदला जाएगा. गेट नवीनीकरण के साथ में संचालन के यंत्रों का आधुनिकीकरण भी किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: नैनो टेक्नोलॉजी से स्वच्छ होगी हसदेव नदी, हर पल ये तकनीक प्रदूषित पानी की जानकारी देगा

5 करोड़ होंगे खर्च, लगाया जाएगा पानी नापने वाला यंत्र: दर्री बांध के मरम्मत के लिए 5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. सिंचाई विभाग द्वारा इसे अपडेट करने का काम भी किया जा रहा है. इस बार जब गेट से पानी छोड़ा जाएगा, तब उसे मापने की दिशा में भी काम किया जा रहा है. दर्री बराज के गेट में जल निकासी मापन यंत्र भी लगाया जाना प्रस्तावित है. इसको लगाने के बाद बारिश के दौरान प्रति सेकंड की गति से नदी या नहर में कितना पानी छोड़ा जा रहा है, इसकी जानकारी विभाग को मिल सकेगी. अब तक पानी मापने की प्रक्रिया पुराने ढर्रे पर वाटर लेवल के जरिए की जाती रही है.

लंबे समय से मरम्मत का इंतजार: दर्री बराज की सड़क भी काफी समय से जर्जर है. जिस पर फिलहाल काम चल रहा है. यही हाल बराज के गेट का भी है. काफी समय से इसके मरम्मत का इंतजार किया जा रहा था. दर्री बराज का गेट और भी महत्वपूर्ण इसलिए हो जाता है, क्योंकि यहीं से छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी सहित सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों को पानी दिया जाता है.

गेट बदलने के साथ ही सिस्टम होगा अपडेट : इस विषय में हसदेव बराज दर्री के कार्यपालन अभियंता पीके वासनिक ने बताया कि दर्री बांध में लगे गेटों का नवीनीकरण किया जा रहा है. पूरे सिस्टम को भी अपडेट किया जाएगा. इसके लिए 5 करोड़ रुपयों की स्वीकृति मिली है. कोशिश है कि बारिश आने के पहले ही काम को पूरा कर लिया जाएगा.

कोरबा: हसदेव नदी पर बने दर्री बराज के गेट 12 साल बाद बदले (gate of Darri barrage replaced in korba ) जाएंगे. नियमों के अनुसार इन्हें प्रत्येक 10 वर्षों में बदला जाना चाहिए. लेकिन 2 साल अधिक बीतने के बाद विभाग को दर्री बराज के गेट की याद आई है. दर्री बराज से ही कोरबा, जांजगीर और रायगढ़ समेत इलाकों में 72 हेक्टेयर कृषि भूमि को पानी दिया जाता है. तो बालको, एनटीपीसी और राज्य के विद्युत संयंत्रों को भी दर्री बराज से ही विद्युत उत्पादन के लिए पानी सप्लाई होती है. इस गेट से पानी सप्लाई के एवज में सरकार को लगभग 48 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है.

दर्री बराज का बदलेगा गेट

2010 में हुआ था नवीनीकरण: राज्य के सबसे ऊंचे मिनीमाता बांगो बांध के अंतर्गत आने वाले दर्री बांध से किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलती है. पिछली बार इनका नवीनीकरण 12 साल पहले 2010 में हुआ था. इसके बाद अब जाकर सरकार ने दर्री बराज की सुध ली है. मिनीमाता बांगो बांध के बाद दर्री बराज में पानी को रोक कर रखा जाता है. विशालकाय लोहे के प्लेट के माध्यम से पानी को रोका जाता है. जरूरत पड़ने पर इसी के जरिये पानी नदी या नहर में छोड़ा जाता है. फिलहाल गेटों को बदले जाने के साथ ही लोहे के इन प्लेटों को भी बदला जाएगा. गेट नवीनीकरण के साथ में संचालन के यंत्रों का आधुनिकीकरण भी किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: नैनो टेक्नोलॉजी से स्वच्छ होगी हसदेव नदी, हर पल ये तकनीक प्रदूषित पानी की जानकारी देगा

5 करोड़ होंगे खर्च, लगाया जाएगा पानी नापने वाला यंत्र: दर्री बांध के मरम्मत के लिए 5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. सिंचाई विभाग द्वारा इसे अपडेट करने का काम भी किया जा रहा है. इस बार जब गेट से पानी छोड़ा जाएगा, तब उसे मापने की दिशा में भी काम किया जा रहा है. दर्री बराज के गेट में जल निकासी मापन यंत्र भी लगाया जाना प्रस्तावित है. इसको लगाने के बाद बारिश के दौरान प्रति सेकंड की गति से नदी या नहर में कितना पानी छोड़ा जा रहा है, इसकी जानकारी विभाग को मिल सकेगी. अब तक पानी मापने की प्रक्रिया पुराने ढर्रे पर वाटर लेवल के जरिए की जाती रही है.

लंबे समय से मरम्मत का इंतजार: दर्री बराज की सड़क भी काफी समय से जर्जर है. जिस पर फिलहाल काम चल रहा है. यही हाल बराज के गेट का भी है. काफी समय से इसके मरम्मत का इंतजार किया जा रहा था. दर्री बराज का गेट और भी महत्वपूर्ण इसलिए हो जाता है, क्योंकि यहीं से छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी सहित सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों को पानी दिया जाता है.

गेट बदलने के साथ ही सिस्टम होगा अपडेट : इस विषय में हसदेव बराज दर्री के कार्यपालन अभियंता पीके वासनिक ने बताया कि दर्री बांध में लगे गेटों का नवीनीकरण किया जा रहा है. पूरे सिस्टम को भी अपडेट किया जाएगा. इसके लिए 5 करोड़ रुपयों की स्वीकृति मिली है. कोशिश है कि बारिश आने के पहले ही काम को पूरा कर लिया जाएगा.

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