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कोरबा में ग्रामीणों से उगाही करने वाले 4 फर्जी पत्रकार गिरफ्तार

उरगा थाना पुलिस (urga police station) ने ग्रामीणों से अवैध वसूली करने वाले 4 फर्जी पत्रकारों को गिरफ्तार (four fake journalist arrested) किया है.

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कोरबा में ग्रामीणों से उगाही करने वाले 4 फर्जी पत्रकार गिरफ्तार
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Published : Jun 7, 2021, 5:57 PM IST

Updated : Jun 7, 2021, 6:18 PM IST

कोरबा: उरगा थाना पुलिस (urga police station) ने फर्जी पत्रकार (fake journalist) बनकर ग्रामीणों से अवैध वसूली करने वाले चार युवकों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से पुलिस को विभिन्न टीवी चैनल, वेबसाइट और समाचार पत्रों के 8 प्रेस कार्ड मिले हैं. जिनकी जांच करने पर यह सभी फर्जी पाए गए हैं. पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

कोरबा में ग्रामीणों से उगाही करने वाले 4 फर्जी पत्रकार गिरफ्तार

ग्रामीणों ने पकड़ कर आरोपियों की ली खबर

यह पूरा मामला जिले के उरगा थाना क्षेत्र के फरसवानी गांव का है. जहां रविवार की शाम 4 युवक पहुंचे हुए थे. जो खुद को पत्रकार बता कर ग्रामीणों को धमका रहे थे. कोरोना की रोकथाम के लिए जिले में अभी भी एहतियात बरती जा रही है. दुकानों के खुलने और बंद होने का समय शाम 6 बजे तक निर्धारित है. रविवार को टोटल लॉकडाउन रहता है. 6 जून रविवार को भी पूर्ण लॉकडाउन था. इसका फायदा उठाकर जांजगीर-चांपा जिले से आए चार युवकों ने फरसवानी गांव के आधा दर्जन ग्रामीणों को डरा-धमकाकर अवैध वसूली की. इनमें कुछ व्यवसायी तो कुछ ऐसे ग्रामीण भी हैं जो घर का निर्माण कार्य करा रहे थे.

जगदलपुर में फर्जी पत्रकार और पुलिस अधिकारी बन कर उगाही करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

पुलिस ने चार आरोपियों को किया गिरफ्तार

अलग-अलग ग्रामीणों से आरोपियों ने लगभग 9 हजार रुपए की उगाही कर ली थी. इसी बीच कुछ ग्रामीणों ने भी सजगता का परिचय दिया और इन्हें घेर कर पुलिस के हवाले किया. मामले में उरगा पुलिस ने चारों आरोपियों सुख सागर माथुर, राजेंद्र प्रसाद जायसवाल, पवन कुमार नामदेव और कीर्तन पटेल को गिरफ्तार कर लिया है. सभी आरोपी जांजगीर-चांपा जिले के निवासी हैं. इनके खिलाफ पहले से भी इस तरह के मामले दर्ज हैं.

चारों तरफ फर्जी पत्रकारों की भरमार

इन दिनों प्रदेश भर में गांव से शहर तक में फर्जी पत्रकारों की बाढ़ आ गई है. जोकि अनाधिकृत तौर पर खुद को पत्रकारों की तरह पेश करते हैं. लोगों से पैसों की उगाही कर लेते हैं. इससे कई बार ना सिर्फ कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो जाती है. बल्कि निष्पक्षता से काम कर रहे मीडियाकर्मियों की छवि भी धूमिल होती है. पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि इस तरह के फर्जी पत्रकारों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कारवाई की जाए.

कोरबा: उरगा थाना पुलिस (urga police station) ने फर्जी पत्रकार (fake journalist) बनकर ग्रामीणों से अवैध वसूली करने वाले चार युवकों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से पुलिस को विभिन्न टीवी चैनल, वेबसाइट और समाचार पत्रों के 8 प्रेस कार्ड मिले हैं. जिनकी जांच करने पर यह सभी फर्जी पाए गए हैं. पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

कोरबा में ग्रामीणों से उगाही करने वाले 4 फर्जी पत्रकार गिरफ्तार

ग्रामीणों ने पकड़ कर आरोपियों की ली खबर

यह पूरा मामला जिले के उरगा थाना क्षेत्र के फरसवानी गांव का है. जहां रविवार की शाम 4 युवक पहुंचे हुए थे. जो खुद को पत्रकार बता कर ग्रामीणों को धमका रहे थे. कोरोना की रोकथाम के लिए जिले में अभी भी एहतियात बरती जा रही है. दुकानों के खुलने और बंद होने का समय शाम 6 बजे तक निर्धारित है. रविवार को टोटल लॉकडाउन रहता है. 6 जून रविवार को भी पूर्ण लॉकडाउन था. इसका फायदा उठाकर जांजगीर-चांपा जिले से आए चार युवकों ने फरसवानी गांव के आधा दर्जन ग्रामीणों को डरा-धमकाकर अवैध वसूली की. इनमें कुछ व्यवसायी तो कुछ ऐसे ग्रामीण भी हैं जो घर का निर्माण कार्य करा रहे थे.

जगदलपुर में फर्जी पत्रकार और पुलिस अधिकारी बन कर उगाही करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

पुलिस ने चार आरोपियों को किया गिरफ्तार

अलग-अलग ग्रामीणों से आरोपियों ने लगभग 9 हजार रुपए की उगाही कर ली थी. इसी बीच कुछ ग्रामीणों ने भी सजगता का परिचय दिया और इन्हें घेर कर पुलिस के हवाले किया. मामले में उरगा पुलिस ने चारों आरोपियों सुख सागर माथुर, राजेंद्र प्रसाद जायसवाल, पवन कुमार नामदेव और कीर्तन पटेल को गिरफ्तार कर लिया है. सभी आरोपी जांजगीर-चांपा जिले के निवासी हैं. इनके खिलाफ पहले से भी इस तरह के मामले दर्ज हैं.

चारों तरफ फर्जी पत्रकारों की भरमार

इन दिनों प्रदेश भर में गांव से शहर तक में फर्जी पत्रकारों की बाढ़ आ गई है. जोकि अनाधिकृत तौर पर खुद को पत्रकारों की तरह पेश करते हैं. लोगों से पैसों की उगाही कर लेते हैं. इससे कई बार ना सिर्फ कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो जाती है. बल्कि निष्पक्षता से काम कर रहे मीडियाकर्मियों की छवि भी धूमिल होती है. पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि इस तरह के फर्जी पत्रकारों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कारवाई की जाए.

Last Updated : Jun 7, 2021, 6:18 PM IST
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