कोरबा: तहसीलदार पर राजनीतिक दबाव में भेदभाव पूर्वक आदेश पारित करने का आरोप लगा है. एकपक्षीय कार्रवाई का आरोप लगाते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व कैबिनेट मंत्री ननकीराम कंवर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं.
ननकीराम ने राजस्व मंत्री पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए तहसीलदार को निलंबित करने की मांग की है. दूसरी तरफ तहसीलदार का कहना है कि इस मामले में सारी कार्रवाई नियमानुसार की गई है. न्यायालय में सुनवाई के बाद ही आदेश जारी कर कब्जा हटाने की कार्रवाई की जा रही है.
प्रशासन ने दिए थे जगह खाली करने के आदेश
केस टीपी नगर से घोड़ा चौक तक जाने वाले बाइपास रोड में संचालित एक गैरेज का है. जिसका संचालन मुर्तजा अंसारी करते हैं. प्रशासन ने इसे बेजा कब्जा बताते हुए खाली कराने का आदेश जारी किया है. यह मामला तहसीलदार कोरबा के न्यायालय में लंबे समय से चल रहा था. पिछले 30 जनवरी को इसे कब्जा बताते हुए खाली करने का आदेश पारित किया गया. इसके ठीक 2 दिन बाद 1 फरवरी को प्रशासन की टीम इसे तोड़ने के लिए मौके पर पहुंच गई.
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जैसे ही प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची. वैसे ही स्थानीय लोग नाराज हो गए. वे मौके पर ही धरने पर बैठ गए. इसकी सूचना रामपुर विधायक और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर को मिली. वे भी मौके पर पहुंचे और तहसीलदार पर राजनीतिक दबाव में भेदभाव पूर्वक कार्रवाई करने का आरोप लगाया. ननकी राम कंवर भी धरने पर बैठ गए.
तहसीलदार को निलंबित करने की मांग
ननकीराम ने राजस्व सचिव को पत्र लिखते हुए कोरबा के तहसीलदार सुरेश साहू को निलंबित करने की मांग की है. ननकीराम का कहना है कि मुर्तजा के गैरेज के पीछे राजस्व मंत्री के भाई की जमीन है. इसी जमीन का मालिकाना हक उन्हें देने के लिए ये कार्रवाई की गई है. आदेश की कॉपी भी मुर्तजा को नहीं दी गई और गलत तरीके से एकतरफा कार्रवाई की जा रही है.