कोरबा: छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री रहे ननकीराम कंवर की सरल छवि से सभी वाकिफ हैं. अविभाजित मध्य प्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ के गठन के बाद रमन सरकार में मंत्रीपद की जिम्मेदारी संभाल चुके ननकीराम कंवर का 76 साल की उम्र में भी खेतों से प्यार कम नहीं हुआ है. अपनी मिट्टी और खेतों से प्रेम की वजह से वे आज भी कृषि कार्य करते हैं.
एक वक्त में वकालत में भी हाथ आजमा चुके प्रदेश के बड़े आदिवासी नेता के नाम से पहचाने जाने वाले ननकी की सरल और सौम्य छवि की वजह से अलग पहचान है. मंत्री रहे चुके हैं, विधायक हैं लेकिन उनके अंदर का किसान अब भी उनके साथ चल रहा है.
खेतों में समय बिताना नहीं भूलते ननकी
गृहक्षेत्र रामपुर विधानसभा में पूर्व मंत्री ननकीराम के खेत हैं. जब वे मंत्री थे तब भी खेतों से उनका गहरा लगाव था. आज भी वह गाहे-बगाहे कड़ी धूप की परवाह किए बगैर, खेतों की ओर निकल जाते हैं. सब्जी तोड़ते हैं, फसल की देखभाल करते हैं, तो कभी थक कर बैठ भी जाते हैं. लेकिन खेतों में समय बिताना नहीं भूलते.
'मेहनत करने से कोई भूखा नहीं सोएगा'
ननकी कहते हैं कि जब वह मंत्री थे, तब भी उनका खेतों से गहरा लगाव था. उस वक्त भी वह खेतों में समय बिताने जरूर जाते थे. उनका कहना है कि उनपर कोई आरोप नहीं लगा सकता कि मंत्री रहते हुए उन्होंने कोई प्रॉपर्टी बनाई हो. घर-मकान जरूर बनाया, लेकिन वह भी तब जब वह वकालत करते थे. इस उम्र में खाना पचाना भी लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है, लेकिन वे आज भी मेहनत करते हैं. वे कहते हैं कि अगर सभी मेहनत से काम करें, तो देश में कोई भूखा नहीं सोएगा और कोई गरीब नहीं रहेगा.
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ननकीराम कंवर समय-समय पर आदिवासियों से जुड़े मुद्दों को उठाते रहते हैं. क्षेत्र में होने वाली परेशानी, असुविधाएं, कमियां हों या फिर अन्य मुद्दे, वह हमेशा मुखरता से बोलते रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में जब ननकी विधानसभा चुनाव हार गए थे, तब भी वह बीजेपी सरकार के खिलाफ दिए गए बयानों के लिए सुर्खियां बटोरते रहे हैं. आज भी उनका मिजाज वैसा ही है. बीते दिनों कोरोना संक्रमण के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन के बीच प्रदेश की कांग्रेस सरकार के शराब बिक्री शुरू करने के निर्णय का पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने विरोध किया था.