कोरबा : छत्तीसगढ़ में मानसून इस बार तय समय से पहले पहुंचा, नदियां का जलस्तर बढ़ गया है, कई जिलों में लगातार बारिश से जन जीवन प्रभावित भी हुआ है. 4 चार साल में ऐसा पहली बार हुआ कि कोरबा के बांगो बांध से जून महीने में ही पानी छोड़ने की नौबत आ गई है. हसदेव बैराज दर्री के भी यही हालात हैं, दर्री डैम से तो पानी छोड़ना पड़ा, इससे किसानों में तो खुशी है लेकिन निचली बस्ती में रह रहे लोगों की चिंता बढ़ गई है. डूब इलाकों में फिर से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.
हसदेव बैराज दर्री से वर्तमान में 941 फीट तक जलभराव हो चुका है. बैराज की कुल जल भराव क्षमता 85 मिलियन क्यूबिक मीटर है फिलहाल, नंबर गेट 8 को खोला गया है, इसके अलावा दाईं तट नहर से 345 और बाईं तट नहर 224 क्यूसेक पानी भी छोड़ा जा रहा है. पूरी क्षमता का 92% जलभराव होते ही बांध के गेट खोलने पड़ते हैं, दर्री डैम का जलस्तर इस आंकड़े को जून में ही छू गया.
बांगो बांध भी लगभग फुल
छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े बांधों में से एक मिनीमाता बांगो बांध में भी पिछले चार-पांच साल में पहली बार जून महीने में इतना पानी जमा हुआ है. बांगो बांध में वर्तमान में 85.58% जलभराव हो चुका है. लेवल की बात की जाए तो इस वक्त बांगो बांध में जलभराव का स्तर 357.2 मीटर है, जैसे ही जलभराव का लेवल 359.66 मीटर हो जाएगा, बांध के गेट खोलने होंगे. अब बांगो का गेट खोलने के लिए सिर्फ 2.4 मीटर जलभराव शेष है. जिसके बाद कभी भी बांध के गेट खोले जा सकते हैं.
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हाइडल पावर प्लांट को भी दिया जा रहा पानी
वर्तमान में बांगो के हाइडल पावर प्लांट की 3 यूनिट का संचालन भी शुरू कर दिया गया है. बांगो बांध की कुल जल भराव क्षमता 2858 मिलियन क्यूबिक मीटर है. वर्तमान में बांगो बांध में 2476 मिलियन क्यूबिक मीटर जलभराव है, अब इसमें से हाइडल पावर प्लांट को 19 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी दिया जा रहा है.
अलर्ट पर प्रशासन
सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता चंद्राकर ने बताया कि पिछले 4 साल में यह पहली बार है जब जून में ही बांगो और दर्री दोनों बांध लगभग फुल हो चुके हैं. बारिश की जानकारी ली जा रही है, पल-पल की खबर और अपडेट लिए जा रहे हैं. बांगो में भी संभावना बन रही है कि कभी भी गेट खोलना पड़ सकता है.
शेल्टर होम बनाए गए
नगर निगम के अपर आयुक्त अशोक शर्मा ने बताया की बांध के गेट खोलने से निचली बस्तियों में जलभराव की संभावना बनती है. बाढ़ प्रभावित ऐसे सभी बस्तियों को चिन्हित करके वहां कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए शेल्टर होम भी बना दिए गए हैं.