कोरबा: कोरबा में एसईसीएल की कुसमुंडा कोयला खदान में बुधवार की रात तकरीबन सरफेस माइनर में आग लग गई. आग इतनी भीषण थी कि मशीन चला रहे ऑपरेटर को कुछ समझ नहीं आया. आनन-फानन में उसने मशीन से कूदकर किसी तरह अपनी जान बचाई. आग लगने का कारण फिलहाल पता नहीं चल पाया है. आग लगने के बाद जब तक एसईसीएल कुसमुंडा की दमकल टीम मौके पर पहुंची, तब तक मशीन का आधा से अधिक हिस्सा जल चुका था.
2 दिन में एसईसीएल आगजनी की तीसरी घटना : सुरक्षा पखवाड़ा के दौरान ही गेवरा खदान में ट्रेलर पलटने की घटना में चालक की मौत हो गई थी. इसके बाद बीते सोमवार को ठेका कम्पनी रूंगटा के कोयले से लदी टिपर में आग लगी, जिसमें चालक बाल-बाल बचा था. अब कुसमुंडा खदान के भीतर आउटसोर्स कंपनी गोदावरी के सरफेस माइनर मशीन में आग लगी है. ऐसे में एसईसीएल का सुरक्षा पखवाड़ा महज एक औपचारिकता मात्र बनकर रह गया है. अधिकारी पोस्टर, बैनर लगाकर पखवाड़ा बना रहे हैं. इधर, खदान में लगातार हादसे हो रहे हैं.
"फिलहाल कोयला खदानों में सुरक्षा पखवाड़ा मनाया जा रहा है. इस दौरान अधिकारी और कर्मचारियों को सुरक्षा संबंधी जानकारी दी जाती है. जागरूकता फैलाई जाती है. तकनीकी खराबी आने के कारण कभी-कभी मशीन में आग लगने की घटनाएं होती हैं. हमारा प्रयास रहता है कि काम के दौरान कम से कम दुर्घटनाएं हो और सुरक्षित तरीके से बेहतर काम किया जाए." -सनीष चंद्र, जनसंपर्क अधिकारी, एसईसीएल
करोड़ों रुपए के मशीन में लगी आग: कुसमुंडा खदान में भी कई ऐसी ठेका कंपनियां काम कर रही हैं, जिनके टिपर वाहन के ड्राइवर कांच खोलकर खदान के अंदर कोयला वाहन चला रहे हैं. बुधवार रात को भी, जिस सरफेस माइनर मशीन में आग लगी है. उसकी लागत करोड़ों में है. यह एक विशेष तरह का वाहन होता है. इससे कोयला के सरफेस को क्रश किया जाता है. इसके बाद इसी कोयले को ट्रकों में भरकर परिवहन किया जाता है.