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Fire In Korba: इलेक्ट्रिक केबल से निकली चिंगारी ने कमर्शियल कॉम्प्लेक्स किया खाक, ग्राउंड जीरो पहुंचा ईटीवी भारत

एक चिंगारी सपनों के साथ ही भरे पूरे बाजार को किस तरह खाक कर सकती है ये 19 जून को कोरबा की घटना ने दिखा दिया. इलेक्ट्रिक वायर में स्पार्क से निकली चिंगारी को पानी डालकर बुझाने की हिम्मत किसी में न हुई. आस पास आग बुझाने के लिए कोई इंतजाम भी न थे. लिहाजा पहले तो चिंगारी शोलों में तब्दील हुई फिर देखते ही देखते मिनटों में पूरी बिल्डिंग को जलाकर खाक कर डाला. Fire In Korba

spark emanating from electric cable
चिंगारी ने कमर्शियल कॉम्प्लेक्स किया खाक
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Published : Jun 20, 2023, 11:50 PM IST

चिंगारी ने कमर्शियल कॉम्प्लेक्स किया खाक

कोरबा: टीपी नगर के कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में आग की शुरुआत एक चिंगारी से हुई थी. इंडियन बैंक के नीचे स्थित बिजली विभाग के जंक्शन बॉक्स से चिंगारी उठी. पहले तो लोगों ने इसे हल्के में लिया. सोचा कि हल्की चिंगारी है. कुछ लोगों ने इसका वीडियो भी बनाया. लेकिन इस आग को बुझाया नहीं. स्पार्किंग बिजली केबल से हो रहा था इसलिए लोगों ने इस पर पानी डालने का जोखिम नहीं उठाया. फिर जब आग भड़की तो बुझाने का सोचा, लेकिन आस पास रेत नहीं थी. आग बुझाने का किसी के पास कोई इंतजाम भी नहीं था. देखते ही देखते आग भड़क उठी और सिर्फ 5 से 7 मिनट में पूरी बिल्डिंग को अपनी चपेट में ले लिया.

कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में बेतरतीब बिजली के वायर: बिजली विभाग के जिस जंक्शन बॉक्स से चिंगारी की शुरुआत हुई, वहां बिजली के मोटे केबल बेतरतीब ढंग से बिखरे हुए हैं. इन्हीं तार और केबल के जरिए पूरी बिल्डिंग के अलग-अलग संस्थानों में बिजली सप्लाई होती है. कॉम्प्लेक्स के व्यापारी बिजली विभाग के अधिकारियों से लगातार शिकायत कर रहे हैं कि इन तारों को व्यवस्थित किया जाए, ताकि वे लोग सुरक्षित महसूस कर सकें. घटना के बाद लोग डरे हुए हैं और जंक्शन बॉक्स को देखकर डर जा रहे हैं.

कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के दोनों ओर रोड ब्लाॅक: फिलहाल घटनास्थल यानी कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के दोनों तरफ के रोड को ब्लॉक कर दिया गया है. पुलिस यहां पर नजर बनाए हुए है, ताकि बिल्डिंग से और किसी तरह का खतरा न हो. टीपी नगर के इस कमर्शियल कॉम्प्लेक्स का निर्माण अब से 39 साल पूर्व सन 1984 में हुआ था. बिल्डिंग के कई हिस्से काफी जर्जर हो चुके हैं. व्यापारियों ने मनमाने ढंग से निर्माण भी कर लिया है, जिससे बाहर जाने और वेंटिलेशन का कोई रास्ता नहीं बचा है. बिल्डिंग में कहीं पर भी आग से निपटने के कोई इंतजाम नहीं थे, जिससे समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जा सका और 3 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. दुकानें पूरी तरह से जलकर खाक हुईं, जिससे व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान हुआ.

कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के इलेक्ट्राॅनिक दुकान का लाखों का माल जला: आगजनी की इस घटना से सिंह इलेक्ट्रॉनिक्स की पूरी दुकान जलकर खाक हो चुकी है. यहां के मैनेजर इट्ठल राव ने बताया कि "केबल से चिंगारी निकलते हुए हम सभी ने देखा, लेकिन बिजली के तार पर पानी डालने से डर रहे थे. हमने अपने दुकान का मेन स्विच बंद कर दिया. इतने में आग भड़क उठी. हमारे पास आग से निपटने का कोई इंतजाम नहीं था. चिंगारी फूटने से 5 से 7 मिनट के भीतर ही आग ने काफी विकराल रूप ले लिया था. तब हमने अपनी दुकान की सुरक्षा के विषय में सोचा और सामान को बाहर निकालने लगे. बरामदे में कूलर वाशिंग मशीन रखे हुए थे. लेकिन इसे भी हम बाहर नहीं निकाल पाए. इन्हें भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया. सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जलकर खाक हो गए. लगभग ₹50 लाख का नुकसान हुआ है."

Fire In Korba: कोरबा के टीपी नगर कॉम्प्लेक्स में लगी भीषण आग, तीन लोगों की मौत, 10 दुकानें खाक
Massive Fire in Korba: कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में आग से 3 लोगों की मौत, खिड़की से कूद कर लोगों ने बचाई जान
Korba commercial complex fire: जमीन पर गद्दा बिछा कर खिड़की से कूदे 30 लोग, तब बची जान

उद्घाटन से पहले कमर्शियल कॉम्प्लेक्स की दुकन खाक: कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में वीरू बजाज 20 जून को अपने मोबाइल की दुकान का उद्घाटन करने वाले थे. इनॉग्रेशन प्रोग्राम भी रखा था. वीरु ने बताया कि "मंगलवार को ही दुकान का उद्घाटन करने वाले थे, लेकिन एक दिन पहले ही आगजनी की घटना हुई और पूरी दुकान जलकर खाक हो गयी. खुशकिस्मती से हमने काफी सारा सामान अभी दुकान में नहीं डाला था. दुकान खोलने के बाद हमने इंश्योरेंस कराने का सोचा था, लेकिन इसके पहले ही आग लग गई. दुकान में कुछ भी शेष नहीं बचा है. दुकान खोलने की परिवार में खुशी थी, लेकिन अब वह दुख में बदल चुकी है."

कमर्शियल कम्पलेक्स मामले में एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे जिम्मेदारी: कमर्शियल कम्पलेक्स के प्रथम तल पर न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी का ऑफिस भी है. आग इस ऑफिस तक नहीं पहुंच पाई थी, जिससे यहां काम करने वाले कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है. यहां काम करने वाले रोशन कुमार झा ने कहा कि "जैसे जंक्शन बॉक्स से 1 दिन पहले आग लगने की शुरुआत हुई, चिंगारी फूटी. ठीक वैसा ही जंक्शन बॉक्स हमारे कार्यालय के नीचे भी मौजूद है. हमने कई बार नगर पालिक निगम और बिजली विभाग के अधिकारियों को शिकायत की है, लेकिन दोनों एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं. अब यह तो ईश्वर ही जाने कि यह किसका कार्यक्षेत्र है. हमारे दफ्तर में हर दिन 50 से 60 लोग आते हैं. कर्मचारियों की संख्या 25 है. जैसे जंक्शन बॉक्स से आग लग जाने की घटना हुई थी. ठीक वैसा ही बेतरतीब मकड़ी जाल जैसा जंक्शन बॉक्स हमारे कार्यालय के नीचे है. भविष्य में यहां भी हादसा हो सकता है. अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए."

शिकायत पर कोई सुनने वाला ही नहीं : कॉम्प्लेक्स की शुरुआत में होटल चलाने वाले राजा गुप्ता ने कहा कि "एक तो वर्तमान में गर्मी बहुत है. तापमान 43 डिग्री के पार है. ऐसे में कोई छोटी आग भी बड़ा रूप ले सकती है. बिजली विभाग का जंक्शन बॉक्स हमेशा खुला रहता है. बेतरतीब केबल बिखरे हुए हैं, जिससे कभी भी हादसा हो सकता है. अधिकारियों को शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती. यह सीधे तौर पर हादसे को निमंत्रण है."

नगर सेना ने फायर ब्रिगेड के साथ मिलकर चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन: आगजनी की सूचना पर नगर सेना की दमकल टीम सबसे पहले मौके पर पहुंची. पुलिस कंट्राेल रूम से सभी सार्वजनिक उपक्रमाें की दमकल काे सूचना देकर पहुंचने को कहा गया था. इसके बाद नगर सेना, बालकाे से 2 टीम, सीआईएसएफ एनटीपीसी की 2 टीम, डीएसपीएम, एचटीपीपी व एसईसीएल कुसमुंडा की 1-1 टीम को मिलाकर कुल 10 दमकल टीमें मौके पर पहुंच गई थी. आग ने इतना विकराल रूप ले लिया था कि दमकल में दो से तीन बार पानी को रिफिल किया गया. दमकल में पानी रिफलिंग के लिए नगर निगम के टैंकर मौके पर तैनात थे. जबकि ऊंचाई पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए नगर निगम से 2 लिफ्टर मंगाए गए थे. आग को काबू में करने के लिए शाेरूम की खिड़कियाें, ईंट और सीमेंट से जोड़ी गई दीवार को तोड़ा गया. सीधी से लोगों को नीचे उतारा गया. संयुक्त टीम के प्रयास से साढ़े 4 घंटे में आग पर काबू पाया गया.

कमर्शियल कम्पलेक्स दरकने का डर, इसलिए की गई सील: पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की टीम सोमवार की पूरी रात मौके पर तैनात रही. इस दौरान भी हल्की फुल्की सुलगती आग को बुझाया गया. आग इतने विकराल रूप में थी कि देर रात फिर से भड़क उठी, लेकिन इसे बुझा दिया गया. बिल्डिंग काफी पुरानी होने के कारण इसके दरकने का भी डर है. इसलिए इसे सील कर किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई है.

कमर्शियल कम्पलेक्स में फायर सेफ्टी की कोई व्यवस्था नहीं: रेस्क्यू ऑपरेशन में माैजूद दमकलकर्मियाें में से कुछ ने बताया कि "शाेरूम में फायर सेफ्टी के किसी तरह के इंतजाम नहीं है. इसके कारण भी आगजनी के समय धुआं भरने से अंदर 3 लाेगाें का दम घुट गया. शाेरूम के खिड़कियाें काे प्लाई और ईंट की दीवार बनाकर बंद कर दिया गया था, जहां से बाहर जाने का रास्ता ही नहीं है. धुआं और हवा आने की जगह भी नहीं थी. जबकि बैंक में खिड़कियां लगी थी, जिस कारण गार्ड सुरक्षित बच निकलने में कामयाब रहा. हालांकि बैंक के भीतर फायर सेफ्टी के कुछ उपकरण मौजूद थे, लेकिन इसे नीचे लाकर जंक्शन बॉक्स से उठ रही चिंगारी को बुझाने की जहमत किसी ने नहीं उठाई. आगजनी की घटना इतनी तेजी से हुई कि किसी को याद ही नहीं रहा कि इस पूरी बिल्डिंग में जहां आग लगी है, वह एकमात्र संस्थान बैंक ही था, जहां फायर सेफ्टी से जुड़े कुछ उपकरण औपचारिकता के लिए ही सही रखे हुए थे. लेकिन इसका उपयोग किसी ने नहीं किया."


बिल्डिंग की होगी मरम्मत या फिर किया जाएगा डिस्मेंटल : नगर निगम का यह कमर्शियल काम्प्लेक्स लगभग 40 वर्ष पुराना है. आगजनी की घटना के बाद इसकी खिड़कियों को तोड़ा गया. धुआं निकलने के लिए रास्ता भी बनाया गया. इसके बाद बिल्डिंग और भी जर्जर हालत में पहुंच चुकी है. इसे निगम ने व्यापारियों को लीज पर दे दिया था. बिल्डिंग के पीछे की तरफ प्रेस कॉन्प्लेक्स संचालित है. यहां भी छज्जा टूटकर गिरने की शिकायत बनी रहती है. अब जब इस बिल्डिंग में आगजनी की घटना हो गई है, तब इस बिल्डिंग के भविष्य को लेकर भी संशय बरकरार है. मंगलवार को मौके पर पहुंचे नगर पालिक निगम के टीपी नगर जोन के जोन कमिश्नर अखिलेश शुक्ला ने बताया कि "बिल्डिंग में आगजनी की घटना के बाद कितना नुकसान हुआ है, इसके आंकलन के लिए रायपुर से एक्सपर्ट की टीम बुलाई गई है. मुआयना करने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी." शुक्ला ने स्वीकार किया कि व्यापारियों ने बेतरतीब निर्माण किया था, जो इस घटना का एक बड़ा कारण बना. हालांकि अखिलेश शुक्ला ने कैमरे पर कुछ भी खुलकर कहने से इनकार किया.

चिंगारी ने कमर्शियल कॉम्प्लेक्स किया खाक

कोरबा: टीपी नगर के कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में आग की शुरुआत एक चिंगारी से हुई थी. इंडियन बैंक के नीचे स्थित बिजली विभाग के जंक्शन बॉक्स से चिंगारी उठी. पहले तो लोगों ने इसे हल्के में लिया. सोचा कि हल्की चिंगारी है. कुछ लोगों ने इसका वीडियो भी बनाया. लेकिन इस आग को बुझाया नहीं. स्पार्किंग बिजली केबल से हो रहा था इसलिए लोगों ने इस पर पानी डालने का जोखिम नहीं उठाया. फिर जब आग भड़की तो बुझाने का सोचा, लेकिन आस पास रेत नहीं थी. आग बुझाने का किसी के पास कोई इंतजाम भी नहीं था. देखते ही देखते आग भड़क उठी और सिर्फ 5 से 7 मिनट में पूरी बिल्डिंग को अपनी चपेट में ले लिया.

कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में बेतरतीब बिजली के वायर: बिजली विभाग के जिस जंक्शन बॉक्स से चिंगारी की शुरुआत हुई, वहां बिजली के मोटे केबल बेतरतीब ढंग से बिखरे हुए हैं. इन्हीं तार और केबल के जरिए पूरी बिल्डिंग के अलग-अलग संस्थानों में बिजली सप्लाई होती है. कॉम्प्लेक्स के व्यापारी बिजली विभाग के अधिकारियों से लगातार शिकायत कर रहे हैं कि इन तारों को व्यवस्थित किया जाए, ताकि वे लोग सुरक्षित महसूस कर सकें. घटना के बाद लोग डरे हुए हैं और जंक्शन बॉक्स को देखकर डर जा रहे हैं.

कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के दोनों ओर रोड ब्लाॅक: फिलहाल घटनास्थल यानी कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के दोनों तरफ के रोड को ब्लॉक कर दिया गया है. पुलिस यहां पर नजर बनाए हुए है, ताकि बिल्डिंग से और किसी तरह का खतरा न हो. टीपी नगर के इस कमर्शियल कॉम्प्लेक्स का निर्माण अब से 39 साल पूर्व सन 1984 में हुआ था. बिल्डिंग के कई हिस्से काफी जर्जर हो चुके हैं. व्यापारियों ने मनमाने ढंग से निर्माण भी कर लिया है, जिससे बाहर जाने और वेंटिलेशन का कोई रास्ता नहीं बचा है. बिल्डिंग में कहीं पर भी आग से निपटने के कोई इंतजाम नहीं थे, जिससे समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जा सका और 3 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. दुकानें पूरी तरह से जलकर खाक हुईं, जिससे व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान हुआ.

कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के इलेक्ट्राॅनिक दुकान का लाखों का माल जला: आगजनी की इस घटना से सिंह इलेक्ट्रॉनिक्स की पूरी दुकान जलकर खाक हो चुकी है. यहां के मैनेजर इट्ठल राव ने बताया कि "केबल से चिंगारी निकलते हुए हम सभी ने देखा, लेकिन बिजली के तार पर पानी डालने से डर रहे थे. हमने अपने दुकान का मेन स्विच बंद कर दिया. इतने में आग भड़क उठी. हमारे पास आग से निपटने का कोई इंतजाम नहीं था. चिंगारी फूटने से 5 से 7 मिनट के भीतर ही आग ने काफी विकराल रूप ले लिया था. तब हमने अपनी दुकान की सुरक्षा के विषय में सोचा और सामान को बाहर निकालने लगे. बरामदे में कूलर वाशिंग मशीन रखे हुए थे. लेकिन इसे भी हम बाहर नहीं निकाल पाए. इन्हें भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया. सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जलकर खाक हो गए. लगभग ₹50 लाख का नुकसान हुआ है."

Fire In Korba: कोरबा के टीपी नगर कॉम्प्लेक्स में लगी भीषण आग, तीन लोगों की मौत, 10 दुकानें खाक
Massive Fire in Korba: कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में आग से 3 लोगों की मौत, खिड़की से कूद कर लोगों ने बचाई जान
Korba commercial complex fire: जमीन पर गद्दा बिछा कर खिड़की से कूदे 30 लोग, तब बची जान

उद्घाटन से पहले कमर्शियल कॉम्प्लेक्स की दुकन खाक: कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में वीरू बजाज 20 जून को अपने मोबाइल की दुकान का उद्घाटन करने वाले थे. इनॉग्रेशन प्रोग्राम भी रखा था. वीरु ने बताया कि "मंगलवार को ही दुकान का उद्घाटन करने वाले थे, लेकिन एक दिन पहले ही आगजनी की घटना हुई और पूरी दुकान जलकर खाक हो गयी. खुशकिस्मती से हमने काफी सारा सामान अभी दुकान में नहीं डाला था. दुकान खोलने के बाद हमने इंश्योरेंस कराने का सोचा था, लेकिन इसके पहले ही आग लग गई. दुकान में कुछ भी शेष नहीं बचा है. दुकान खोलने की परिवार में खुशी थी, लेकिन अब वह दुख में बदल चुकी है."

कमर्शियल कम्पलेक्स मामले में एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे जिम्मेदारी: कमर्शियल कम्पलेक्स के प्रथम तल पर न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी का ऑफिस भी है. आग इस ऑफिस तक नहीं पहुंच पाई थी, जिससे यहां काम करने वाले कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है. यहां काम करने वाले रोशन कुमार झा ने कहा कि "जैसे जंक्शन बॉक्स से 1 दिन पहले आग लगने की शुरुआत हुई, चिंगारी फूटी. ठीक वैसा ही जंक्शन बॉक्स हमारे कार्यालय के नीचे भी मौजूद है. हमने कई बार नगर पालिक निगम और बिजली विभाग के अधिकारियों को शिकायत की है, लेकिन दोनों एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं. अब यह तो ईश्वर ही जाने कि यह किसका कार्यक्षेत्र है. हमारे दफ्तर में हर दिन 50 से 60 लोग आते हैं. कर्मचारियों की संख्या 25 है. जैसे जंक्शन बॉक्स से आग लग जाने की घटना हुई थी. ठीक वैसा ही बेतरतीब मकड़ी जाल जैसा जंक्शन बॉक्स हमारे कार्यालय के नीचे है. भविष्य में यहां भी हादसा हो सकता है. अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए."

शिकायत पर कोई सुनने वाला ही नहीं : कॉम्प्लेक्स की शुरुआत में होटल चलाने वाले राजा गुप्ता ने कहा कि "एक तो वर्तमान में गर्मी बहुत है. तापमान 43 डिग्री के पार है. ऐसे में कोई छोटी आग भी बड़ा रूप ले सकती है. बिजली विभाग का जंक्शन बॉक्स हमेशा खुला रहता है. बेतरतीब केबल बिखरे हुए हैं, जिससे कभी भी हादसा हो सकता है. अधिकारियों को शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती. यह सीधे तौर पर हादसे को निमंत्रण है."

नगर सेना ने फायर ब्रिगेड के साथ मिलकर चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन: आगजनी की सूचना पर नगर सेना की दमकल टीम सबसे पहले मौके पर पहुंची. पुलिस कंट्राेल रूम से सभी सार्वजनिक उपक्रमाें की दमकल काे सूचना देकर पहुंचने को कहा गया था. इसके बाद नगर सेना, बालकाे से 2 टीम, सीआईएसएफ एनटीपीसी की 2 टीम, डीएसपीएम, एचटीपीपी व एसईसीएल कुसमुंडा की 1-1 टीम को मिलाकर कुल 10 दमकल टीमें मौके पर पहुंच गई थी. आग ने इतना विकराल रूप ले लिया था कि दमकल में दो से तीन बार पानी को रिफिल किया गया. दमकल में पानी रिफलिंग के लिए नगर निगम के टैंकर मौके पर तैनात थे. जबकि ऊंचाई पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए नगर निगम से 2 लिफ्टर मंगाए गए थे. आग को काबू में करने के लिए शाेरूम की खिड़कियाें, ईंट और सीमेंट से जोड़ी गई दीवार को तोड़ा गया. सीधी से लोगों को नीचे उतारा गया. संयुक्त टीम के प्रयास से साढ़े 4 घंटे में आग पर काबू पाया गया.

कमर्शियल कम्पलेक्स दरकने का डर, इसलिए की गई सील: पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की टीम सोमवार की पूरी रात मौके पर तैनात रही. इस दौरान भी हल्की फुल्की सुलगती आग को बुझाया गया. आग इतने विकराल रूप में थी कि देर रात फिर से भड़क उठी, लेकिन इसे बुझा दिया गया. बिल्डिंग काफी पुरानी होने के कारण इसके दरकने का भी डर है. इसलिए इसे सील कर किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई है.

कमर्शियल कम्पलेक्स में फायर सेफ्टी की कोई व्यवस्था नहीं: रेस्क्यू ऑपरेशन में माैजूद दमकलकर्मियाें में से कुछ ने बताया कि "शाेरूम में फायर सेफ्टी के किसी तरह के इंतजाम नहीं है. इसके कारण भी आगजनी के समय धुआं भरने से अंदर 3 लाेगाें का दम घुट गया. शाेरूम के खिड़कियाें काे प्लाई और ईंट की दीवार बनाकर बंद कर दिया गया था, जहां से बाहर जाने का रास्ता ही नहीं है. धुआं और हवा आने की जगह भी नहीं थी. जबकि बैंक में खिड़कियां लगी थी, जिस कारण गार्ड सुरक्षित बच निकलने में कामयाब रहा. हालांकि बैंक के भीतर फायर सेफ्टी के कुछ उपकरण मौजूद थे, लेकिन इसे नीचे लाकर जंक्शन बॉक्स से उठ रही चिंगारी को बुझाने की जहमत किसी ने नहीं उठाई. आगजनी की घटना इतनी तेजी से हुई कि किसी को याद ही नहीं रहा कि इस पूरी बिल्डिंग में जहां आग लगी है, वह एकमात्र संस्थान बैंक ही था, जहां फायर सेफ्टी से जुड़े कुछ उपकरण औपचारिकता के लिए ही सही रखे हुए थे. लेकिन इसका उपयोग किसी ने नहीं किया."


बिल्डिंग की होगी मरम्मत या फिर किया जाएगा डिस्मेंटल : नगर निगम का यह कमर्शियल काम्प्लेक्स लगभग 40 वर्ष पुराना है. आगजनी की घटना के बाद इसकी खिड़कियों को तोड़ा गया. धुआं निकलने के लिए रास्ता भी बनाया गया. इसके बाद बिल्डिंग और भी जर्जर हालत में पहुंच चुकी है. इसे निगम ने व्यापारियों को लीज पर दे दिया था. बिल्डिंग के पीछे की तरफ प्रेस कॉन्प्लेक्स संचालित है. यहां भी छज्जा टूटकर गिरने की शिकायत बनी रहती है. अब जब इस बिल्डिंग में आगजनी की घटना हो गई है, तब इस बिल्डिंग के भविष्य को लेकर भी संशय बरकरार है. मंगलवार को मौके पर पहुंचे नगर पालिक निगम के टीपी नगर जोन के जोन कमिश्नर अखिलेश शुक्ला ने बताया कि "बिल्डिंग में आगजनी की घटना के बाद कितना नुकसान हुआ है, इसके आंकलन के लिए रायपुर से एक्सपर्ट की टीम बुलाई गई है. मुआयना करने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी." शुक्ला ने स्वीकार किया कि व्यापारियों ने बेतरतीब निर्माण किया था, जो इस घटना का एक बड़ा कारण बना. हालांकि अखिलेश शुक्ला ने कैमरे पर कुछ भी खुलकर कहने से इनकार किया.

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