कोरबा: घोटाले की जांच शुरु होने से पहले ही सरकारी दफ्तर से फाइल ही गुम हो गई. मामला कोरबा जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला बाल संरक्षण कार्यालय का है. जानकारी के मुताबिक बाल संरक्षण कार्यालय में पदस्थ अधिकारी के खिलाफ वित्तीय अनियमितता की शिकायत महिला एवं बाल विकास मंत्री से की गई थी. सचिव ने जांच के आदेश भी दिए. लेकिन इससे पहले की जांच शुरू होती, कार्यालय से फाइल ही गायब हो गई. अब बाल संरक्षण अधिकारी ने फाइल गुम होने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है.
सरकारी विभाग के कार्यालय से फाइल का गुम होना या चोरी होना आपराधिक प्रकरण माना जाता है. मामले को गंभीरता से लेते हुए रामपुर पुलिस चौकी ने इसकी जांच शुरू कर दी है. फाइल गुम होने की शिकायत दर्ज होने के बाद से पुलिस हरकत में आ गई. लेकिन जब जांच शुरू हुई तब जांच के दौरान सभी कर्मचारी मौजूद नहीं थे. जिसके बाद मंगलवार को मामले से जुड़े सभी अधिकारियों की मौजूदगी में पुलिस ने कार्यालय के स्टाफ का बयान दर्ज किया.
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फाइल में थी वित्तीय मामलों की जानकारी
बाल संरक्षण कार्यालय के अधिकारी पर शिकायती पत्र में आरोप लगाया गया था कि नियम और प्रावधानों की अनदेखी कर शासकीय राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है. साथ ही कई तरह की विभागीय खरीदी-बिक्री में भी कमीशनखोरी और मिलीभगत करने का आरोप है. शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि समिति के पदाधिकारी का कुछ दिन पहले बिलासपुर ट्रांसफर किया गया है. इसके बाद भी समिति के पदाधिकारी कोरबा के कार्यालय पहुंचकर लेखा-जोखा का काम करते रहे. जो फाइल कार्यालय से गुम हुई है, उसमें बाल संरक्षण कार्यालय से मिले दिशा निर्देशों और अन्य वित्तीय मामलों से संबंधित जानकारी थी.