कोरबा: भूमिगत कोयला खदान (Underground Coal Mine) से प्रभावित किसान लंबे समय से भू धसान की समस्या (landslide problem) झेल रहे हैं. भूमिगत कोयला खदान होने के कारण ऊपरी परत की जमीन धंस जाती है. जिससे किसान खेती करने से वंचित हो रहे हैं. इस समस्या से सुराकछार, बांकीमोंगरा क्षेत्र के किसानों ने राजस्व मंत्री को अवगत कराया था.
वहीं मंत्री जयसिंह अग्रवाल (Minister Jaisingh Agarwal) ने अधिकारियों को समस्या के शीघ्र समाधान का निर्देश भी दिया था, लेकिन बावजूद इसके किसानों की समस्याओं (Farmers Problems) का निराकरण नहीं हुआ है. अब वामपंथी नेताओं ( Left Wing Leaders) के साथ मिलकर किसान 28 जुलाई को एसडीएम कार्यालय घेरने की तैयारी करेंगे.
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ये है किसानों की समस्या
बलगी कोयला खदान की डि-पिल्लरिंग के कारण सुराकछार बस्ती के 100 से अधिक किसानों की सैकड़ों हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि भू-धसान के कारण पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. भूमि में दरारें इतनी गहरी हैं कि वह पूरी तरह तालाब और खाई में तब्दील हो चुकी हैं. अब इस जमीन में किसान कोई भी कृषि कार्य नहीं कर पा रहे हैं. इसके एवज में एसईसीएल हर साल किसानों को मुआवजा देता रहा है. लेकिन पिछले चार सालों से उसने मुआवजे का भुगतान नहीं किया है.
माकपा और किसान सभा का प्रतिनिधि मंडल ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर कटघोरा एसडीएम के नाम ज्ञापन सौंपा है. प्रतिनिधि मंडल में प्रशांत झा, जवाहर सिंह कंवर, हुसैन अली, मोहपाल सिंह कंवर, गणेश चौहान, मोहर दास, पिला दादू सिंह, अंजोर सिंह उपस्थित थे.
माकपा नेताओं ने पिछले साल प्रभावित किसानों के साथ राजस्व मंत्री से भेंट कर उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया था. तब राजस्व मंत्री ने एसईसीएल के कोरबा महाप्रबंधक एनके सिंह को बुलाकर उन्हें जिला प्रशासन के साथ मिलकर इस मामले में मुआवजा प्रकरण निपटाने के निर्देश दिए थे. लेकिन साल भर बाद भी इस मामले में एक इंच भी प्रगति नहीं हुई है. माकपा ने मीडिया के लिए भू-धसान से खेतों की बर्बादी के वीडियो और तस्वीरें भी जारी की हैं.
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28 जुलाई को करेंगे घेराव
माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने बताया कि एक साल में मामला और गंभीर हो गया है. खेतों से निकलकर अब ये दरारें गांव तक पहुंच चुकी है. जिसके कारण गांव में कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है. इस आशंका से ग्रामीणों के बीच भय का माहौल व्याप्त है. माकपा और किसान सभा ने 28 जुलाई को कटघोरा एसडीएम कार्यालय घेरने का निर्णय लिया है.