कोरबा: एसईसीएल (SECL) क्षेत्र में आने वाले सुराकछार अंडरग्राउंड कॉल माइन्स (Surakchar Underground Call Mines) की जद में आकर किसान भू धसान की समस्या (Farmer Landfall Problem) का सामना कर रहे हैं. अंडरग्राउंड माइन्स होने की वजह से इसकी सतह पर किसानी करने वाले किसानों की जमीन अब खेती के लायक नहीं बची है. एसईसीएल ने ऐसे किसानों को मुआवजा वितरण भी किया था, लेकिन अब यह मुआवजा 2017 से बंद है. इस समस्या को लेकर सोमवार को माकपा नेताओं के साथ मिलकर किसानों ने एसईसीएल महाप्रबंधक (SECL General Manager) के मेन गेट पर धरना प्रदर्शन किया.
बल की भी तैनाती
एसईसीएल की खदान क्षेत्र के भू धसान से प्रभावित सुराकछार बस्ती के किसानों ने कोरबा एसईसीएल जीएम ऑफिस का घेराव किया. ऑफिस के मेनगेट के सामने किसान, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव प्रशांत झा किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, गणेश राम, मोहर दास, सावित्री चौहान, के नेतृत्व में धरने पर बैठ गए.
किसानों का आरोप है कि एसईसीएल प्रबंधन मुआवजा के आश्वाशन के बाद भी अनदेखी कर रहा है. आंदोलन के दौरान प्रबंधन द्वारा 2 महीने पहले दिए लिखित आश्वासन की प्रतियां भी जलाई गई. सुरक्षा व्यवस्था के लिए मानिकपुर चौकी पुलिस और एसईसीएल के सुरक्षा गार्ड मौके पर तैनात किया गया था.
प्रकरण तैयार करने के बाद भी मामला लंबित
किसानों का आरोप है कि एसईसीएल ने 2017 के बाद मुआवजा वितरण नहीं किया है. वर्तमान में 27 किसानों का लगभग 7 लाख 50 हजार रुपये का मुआवजा प्रकरण बनकर तैयार है. जिसे देने में भी एसईसीएल प्रबंधन आनाकानी कर रहा है. इसे लेकर किसानों में आक्रोश व्याप्त है.