कोरबा: प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां एक जीवित किसान को राजस्व विभाग ने सरकारी फाइलों में मृत घोषित कर दिया है. किसान का परिवार अपनी धान की फसल नहीं बेच पा रहा है. पीड़ित किसान का परिवार अपने पिता को जीवित साबित करने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं.
कोरबा जिले के करतला ब्लॉक के आश्रित ग्राम नावाडीह के रहने वाले नंदू साहू के परिजनों का कहना है कि जब हम लोग धान बेचने के लिए पटवारी के पास गए तो पटवारी ने बताया कि उनके पिता का नाम राजस्व विभाग की सरकारी फाइल और कम्प्यूटर में नहीं है.
पिता का नाम सरकारी रिकॉर्ड में नहीं
किसान नंदू साहू के बेटी छतबाई ने बताया कि उनके पिता के नाम से 2 एकड़ जमीन है. परिवार खेती कर गुजर-बसर करता है. हर साल की तरह इस साल भी परिवार ने धान की खेती की. धान खरीदी के लिए पंजीयन कराने पटवारी के पास पहुंचे तो उन्होंने बताया कि उनके पिता का नाम सरकारी रिकॉर्ड में नहीं है. धान नहीं बेच सकते हैं. यह सुनते ही परिवार के होश उड़ गए.
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जीवित के बाद भी कटा नाम
किसान नंदू साहू की बेटी छतबाई का कहना है कि उनके पिता ने पिछले साल धान की फसल बेची थी. लेकिन इस साल उनका नाम कैसे कट गया. छतबाई ने यह भी बताया कि घर में कुल 7 सदस्य हैं, उनके पिता नंदू साहू की 1 साल से तबीयत खराब है और वे कहीं भी आ जा नहीं सकते हैं. उनकी मासिक हालत भी ठीक नहीं है. धान बेचकर जो पैसा मिलता है उसी से घर का खर्च चलता है. लेकिन इस साल धान की बिक्री नहीं होने से सभी परेशान हैं.
प्रशासन की है बड़ी लापरवाही
गांव के एक ग्रामीण सिया कुमार ने बताया कि किसान नंदू साहू का नाम रिकॉर्ड से कटने से वे भी हैरान हैं. उन्होंने बताया कि इस मामले की जानकारी उन्हें छतबाई ने दी थी. सिया कुमार ने बताया कि जब तक व्यक्ति जिंदा है, तब तक राजस्व विभाग अपने रिकॉर्ड से नाम नहीं काट सकता है. नाम तभी काटा जा सकता है जब उनके परिजन पंचायत से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र तहसीलदार के पास जमा करते हैं. लेकिन यहां तो व्यक्ति जिंदा हैं.