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कोरबा: डिलीवरी के बाद नवजात की मौत पर भड़के परिजन, डॉक्टरों पर लगाया आरोप - कोरबा नवजात की मौत

कोरबा में प्रसव के दौरान नवजात की मौत पर अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ. जिसके बाद डॉक्टर और प्रसूता के परिजनों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई. बाद में पुलिस ने अस्पताल पहुंचकर स्थिति संभाली.

navjivan hospital in korba
डिलीवरी के बाद नवजात की मौत
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Published : Aug 18, 2020, 1:05 PM IST

Updated : Aug 18, 2020, 1:29 PM IST

कोरबा: जिले के निहारिका क्षेत्र में संचालित निजी प्रसूति गृह में डिलीवरी के दौरान गर्भ में ही बच्चे की मौत हो जाने पर महिला के परिजनों ने जमकर हंगामा किया. डॉक्टर से हाथापाई की नौबत आ गई. मौके पर पहुंची पुलिस और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टरों ने किसी तरह मामले को शांत कराया. परिजन बच्चे की मौत डॉक्टर की लापरवाही से होने की शिकायत कर रहे हैं.

डिलीवरी के बाद नवजात की मौत

नर्सिंग होम में रविवार को दर्री रोड कोरबा के रहने वाले अधिवक्ता विक्रम जायसवाल की बहन डॉ. प्रीति कौशिक को डिलीवरी के लिए भर्ती कराया गया. परिजनों का आरोप है कि नॉर्मल डिलीवरी में दिक्कत हो रही थी, इसलिए ऑपरेशन की तैयारी की जा रही थी. इस बीच नवजात की मौत हो गई.

पढ़ें- SPECIAL: इंद्रप्रस्थ में समस्याओं का अंबार, खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे रहवासी


परिजनों ने डॉक्टर्स पर मर्डर का लगाया आरोप

सोमवार की शाम को विक्रम का भाई विजय जायसवाल दिल्ली से पहुंचा. परिवार के सभी लोग अस्पताल पहुंच कर बच्चे की मौत के लिए डॉक्टर को जिम्मेदार ठहराने लगे. इसे लेकर डॉ. रोहित बंछोर और उनकी पत्नी के साथ परिजनों का विवाद होने लगा. परिजनों ने डॉक्टर्स पर बच्चे को मार डालने का आरोप लगाया, जिसके बाद परिजनों और डॉक्टर के बीच हाथापाई भी हुई.

अस्पताल की तरफ से पुलिस को दी गई सूचना

तनाव बढ़ने पर इस घटना की सूचना अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को दी. मौके पर CSP राहुल शर्मा और रामपुर चौकी प्रभारी राजेश जांगड़े पहुंचे. दोनों पक्षों को समझाइश दी गई. विक्रम जायसवाल ने बताया कि उसकी बहन प्रीति डेंटल चिकित्सक है. जिनके साथ अस्पताल की नर्सों ने गलत तरह से व्यवहार करते हुए उचित इलाज नहीं किया. उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स बार-बार अपने कथन बदल रहे हैं. इस मामले में नवजीवन प्रसुतिगृह के संचालक डॉ. रोहित बंछोर से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.

कोरबा: जिले के निहारिका क्षेत्र में संचालित निजी प्रसूति गृह में डिलीवरी के दौरान गर्भ में ही बच्चे की मौत हो जाने पर महिला के परिजनों ने जमकर हंगामा किया. डॉक्टर से हाथापाई की नौबत आ गई. मौके पर पहुंची पुलिस और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टरों ने किसी तरह मामले को शांत कराया. परिजन बच्चे की मौत डॉक्टर की लापरवाही से होने की शिकायत कर रहे हैं.

डिलीवरी के बाद नवजात की मौत

नर्सिंग होम में रविवार को दर्री रोड कोरबा के रहने वाले अधिवक्ता विक्रम जायसवाल की बहन डॉ. प्रीति कौशिक को डिलीवरी के लिए भर्ती कराया गया. परिजनों का आरोप है कि नॉर्मल डिलीवरी में दिक्कत हो रही थी, इसलिए ऑपरेशन की तैयारी की जा रही थी. इस बीच नवजात की मौत हो गई.

पढ़ें- SPECIAL: इंद्रप्रस्थ में समस्याओं का अंबार, खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे रहवासी


परिजनों ने डॉक्टर्स पर मर्डर का लगाया आरोप

सोमवार की शाम को विक्रम का भाई विजय जायसवाल दिल्ली से पहुंचा. परिवार के सभी लोग अस्पताल पहुंच कर बच्चे की मौत के लिए डॉक्टर को जिम्मेदार ठहराने लगे. इसे लेकर डॉ. रोहित बंछोर और उनकी पत्नी के साथ परिजनों का विवाद होने लगा. परिजनों ने डॉक्टर्स पर बच्चे को मार डालने का आरोप लगाया, जिसके बाद परिजनों और डॉक्टर के बीच हाथापाई भी हुई.

अस्पताल की तरफ से पुलिस को दी गई सूचना

तनाव बढ़ने पर इस घटना की सूचना अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को दी. मौके पर CSP राहुल शर्मा और रामपुर चौकी प्रभारी राजेश जांगड़े पहुंचे. दोनों पक्षों को समझाइश दी गई. विक्रम जायसवाल ने बताया कि उसकी बहन प्रीति डेंटल चिकित्सक है. जिनके साथ अस्पताल की नर्सों ने गलत तरह से व्यवहार करते हुए उचित इलाज नहीं किया. उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स बार-बार अपने कथन बदल रहे हैं. इस मामले में नवजीवन प्रसुतिगृह के संचालक डॉ. रोहित बंछोर से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.

Last Updated : Aug 18, 2020, 1:29 PM IST
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