ETV Bharat / state

कोरबा: बच्चियों की मौत के मामले में परिजनों का आरोप, रेत उत्खनन है हादसे की वजह

शुक्रवार को मिट्टी के टीले में दबने से बच्चियों की मौत के मामले में कई सवाल उठ रहे हैं. अब मामले में रेत उत्खनन को रेत ढहने की वजह बताया जा रहा है. परिजनों का आरोप है कि सही समय पर रेत माफिया पर कार्रवाई होती तो हादसा नहीं होता.

Family members accuse the administration
बच्चियों की मौत का मामला
author img

By

Published : Oct 11, 2020, 1:04 PM IST

कोरबा: शुक्रवार की शाम उरगा थाने के गांव बारीडीह में मिट्टी धसकने से तीन बच्चियों की दबकर मौत हो गई थी. आरोप है कि तात्कालिक तौर पर पुलिस ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए मनरेगा के तहत निर्माणाधीन तालाब की मिट्टी अचानक ढहने को इसका कारण बताया था. जबकि वास्तव में जिस जगह पर बच्चियां मृत पाई गई हैं, वहां बीते 1 साल के दौरान मनरेगा के तहत किसी भी तरह के तालाब का निर्माण फिलहाल जारी नहीं है. तालाब की खुदाई का केस 1 साल पुरानी बात है. दरअसल जहां बच्चियां दबी हैं, ठीक उसी जगह से रात भर ट्रैक्टर के जरिए अवैध रेत का उत्खनन हो रहा था.

बच्चियों की मौत का मामला

ग्रामीणों के साथ ही परिजन अब पुलिस पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं कि समय रहते यदि पुलिस ने अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ ठोस कार्रवाई की होती तो, आज बच्चियों की जान बच जाती. घटना के तुरंत बाद पुलिस के साथ ही टीआई लखन पटेल भी मौके पर पहुंचे थे. पटेल ने घटना की जानकारी तो साझा की, लेकिन जैसे ही उनसे उस स्थान पर बने गड्ढे का कारण पूछा गया, वह कैमरे से नजर चुराते हुए सामने से हट गए. उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा कुछ नहीं बताऊंगा.

एनजीटी के निर्देशों का उल्लंघन

बारीडीह गांव में लंबे समय से रेत का अवैध उत्खनन बदस्तूर जारी है. बरसात के मौसम में 15 जून से लेकर 15 अक्टूबर तक की अवधि में एनजीटी के सख्त निर्देश के कारण रेत का उत्खनन पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाता है. आरोप है कि अब इस अवधि में खनिज माफिया राजनीतिक संरक्षण में पुलिस और प्रशासन के शह पर जमकर अवैध उत्खनन करते हैं.

मिट्टी के नीचे दबकर तीन बच्चियों की मौत, ग्रामीणों ने लगाया रेत उत्खनन का आरोप

टीला ढहने से बच्चियों की मौत

जिस जगह पर बच्चियों की दबने से मौत हुई वहां खनिज रेत माफिया ने रेत खोदकर टीला निर्मित कर दिया था. जिसके नीचे बच्चियां खेल रही थीं. दुर्भाग्यवश यह टीला ऊपर से ढह गया. जिसके नीचे दबने से बच्चियों की मौत हो गई.

परिजन ने लगाए आरोप

तीनों बालिकाएं एक ही परिवार की हैं. इनके चाचा रामकुमार धनवार का कहना है कि हम गरीब हैं, इसलिए इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी कोई नेता हमारे घर तक हालचाल पूछने तक नहीं आया. उन्होंने कहा कि गांव में ट्रैक्टर के जरिए रात भर अवैध उत्खनन हो रहा था. इसकी सूचना कई दफा पुलिस को दी. पुलिस वाले मौके पर आए और देखकर वापस लौट गए. कोई कार्रवाई नहीं की. यदि समय रहते कार्रवाई की गई होती तो आज बच्चियों की जान नहीं गई होती.

कोरबा: शुक्रवार की शाम उरगा थाने के गांव बारीडीह में मिट्टी धसकने से तीन बच्चियों की दबकर मौत हो गई थी. आरोप है कि तात्कालिक तौर पर पुलिस ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए मनरेगा के तहत निर्माणाधीन तालाब की मिट्टी अचानक ढहने को इसका कारण बताया था. जबकि वास्तव में जिस जगह पर बच्चियां मृत पाई गई हैं, वहां बीते 1 साल के दौरान मनरेगा के तहत किसी भी तरह के तालाब का निर्माण फिलहाल जारी नहीं है. तालाब की खुदाई का केस 1 साल पुरानी बात है. दरअसल जहां बच्चियां दबी हैं, ठीक उसी जगह से रात भर ट्रैक्टर के जरिए अवैध रेत का उत्खनन हो रहा था.

बच्चियों की मौत का मामला

ग्रामीणों के साथ ही परिजन अब पुलिस पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं कि समय रहते यदि पुलिस ने अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ ठोस कार्रवाई की होती तो, आज बच्चियों की जान बच जाती. घटना के तुरंत बाद पुलिस के साथ ही टीआई लखन पटेल भी मौके पर पहुंचे थे. पटेल ने घटना की जानकारी तो साझा की, लेकिन जैसे ही उनसे उस स्थान पर बने गड्ढे का कारण पूछा गया, वह कैमरे से नजर चुराते हुए सामने से हट गए. उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा कुछ नहीं बताऊंगा.

एनजीटी के निर्देशों का उल्लंघन

बारीडीह गांव में लंबे समय से रेत का अवैध उत्खनन बदस्तूर जारी है. बरसात के मौसम में 15 जून से लेकर 15 अक्टूबर तक की अवधि में एनजीटी के सख्त निर्देश के कारण रेत का उत्खनन पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाता है. आरोप है कि अब इस अवधि में खनिज माफिया राजनीतिक संरक्षण में पुलिस और प्रशासन के शह पर जमकर अवैध उत्खनन करते हैं.

मिट्टी के नीचे दबकर तीन बच्चियों की मौत, ग्रामीणों ने लगाया रेत उत्खनन का आरोप

टीला ढहने से बच्चियों की मौत

जिस जगह पर बच्चियों की दबने से मौत हुई वहां खनिज रेत माफिया ने रेत खोदकर टीला निर्मित कर दिया था. जिसके नीचे बच्चियां खेल रही थीं. दुर्भाग्यवश यह टीला ऊपर से ढह गया. जिसके नीचे दबने से बच्चियों की मौत हो गई.

परिजन ने लगाए आरोप

तीनों बालिकाएं एक ही परिवार की हैं. इनके चाचा रामकुमार धनवार का कहना है कि हम गरीब हैं, इसलिए इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी कोई नेता हमारे घर तक हालचाल पूछने तक नहीं आया. उन्होंने कहा कि गांव में ट्रैक्टर के जरिए रात भर अवैध उत्खनन हो रहा था. इसकी सूचना कई दफा पुलिस को दी. पुलिस वाले मौके पर आए और देखकर वापस लौट गए. कोई कार्रवाई नहीं की. यदि समय रहते कार्रवाई की गई होती तो आज बच्चियों की जान नहीं गई होती.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.