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ठगों ने गोल्ड लोन के नाम पर की बैंक से धोखाधड़ी, नकली सोना देकर 14.39 लाख रुपये ठगे

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Published : Dec 3, 2019, 9:00 PM IST

Updated : Dec 3, 2019, 10:30 PM IST

कोरबा पुलिस ने गोल्ड लोन के नाम पर फ्रॉड करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने नकली सोने को असली बताकर 14 लाख से ज्यादा का लोन लिया और बैंक को चूना लगाया.

नकली सोना देकर गोल्ड लोन लेने वाले गिरोह का खुलासा
नकली सोना देकर गोल्ड लोन लेने वाले गिरोह का खुलासा

कोरबा: जिले में नकली सोना को असली बताकर गोल्ड लोन हासिल करने वाले गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है. आरोपियों ने बैंक से 14 लाख 39 हजार रुपये की ठगी की है. पहले आरोपियों ने नकली सोने के बदले बैंक से लोन के आवेदन किया. आरोपियों के इस खेल में नकली जेवरात को असली प्रमाणित करने वाला ज्वैलर शामिल है. मामले का खुलासा तब हुआ जब बैंक ने अपने अधिकृत ज्वैलर से इसकी जांच कराई. पूरा मामला इंडियन ओवरसीज बैंक का है. बैंक की शिकायत पर पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि एक आरोपी अब भी फरार है.

ठगों ने गोल्ड लोन के नाम पर की बैंक से धोखाधड़ी

नकली गोल्ड को असली बताकर की धोखाधड़ी

पुलिस के मुताबिक महामाया ज्वैलरी शॉप का संचालन अनूप मजूमदार इस धोखाधड़ी का सरगना है. उसने श्यामलेंदू और पोड़ीबहार के श्यामल दास और सुलता दास के साथ मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया. और करीब 14 लाख 39 हजार रुपये की रकम गोल्ड लोन के नाम पर बैंक से ले ली. आरोपियों ने 24 जुलाई 2017 से लेकर 19 सितंबर 2017 तक अलग-अलग तिथि में गोल्ड लोन लिया. लोन में मिली रकम में लगभग 10 लाख अनूप के खाता में ट्रांसफर और जमा किया गया था.

बैंक के सत्यापन के दौरान हुआ खुलासा

यह मामला तब सामने आया जब बैंक में जमा सोने का सत्यापन बैंक के आभूषण मूल्यांकनकर्ता मुरारीलाल से 1 दिसंबर 2018 को कराया गया. जिस पर उन्होंने सोने को नकली बताया. नकली सोना होने की जानकारी मिलते ही इंडियन ओवरसीज बैंक के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक एन देवी सिंह ने पुलिस से शिकायत की. जिसके बाद पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई.

पढ़े: कोरबा : ग्रामीणों से मारपीट करने वाले बीजेपी नेता के खिलाफ मामला दर्ज

रामपुर चौकी प्रभारी एसआई राजेश चंद्रवंशी ने जांच में पाया कि आरोपियों ने एक राय होकर नकली सोने से असली नोट पाने के लिए यह साजिश रची. जिसके तहत आरोपियों ने नकली सोना जमा कर 14 लाख 39 हजार रुपए की ठगी की थी. अब तक इस केस में पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि 1 आरोपी अब भी फरार है.

कोरबा: जिले में नकली सोना को असली बताकर गोल्ड लोन हासिल करने वाले गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है. आरोपियों ने बैंक से 14 लाख 39 हजार रुपये की ठगी की है. पहले आरोपियों ने नकली सोने के बदले बैंक से लोन के आवेदन किया. आरोपियों के इस खेल में नकली जेवरात को असली प्रमाणित करने वाला ज्वैलर शामिल है. मामले का खुलासा तब हुआ जब बैंक ने अपने अधिकृत ज्वैलर से इसकी जांच कराई. पूरा मामला इंडियन ओवरसीज बैंक का है. बैंक की शिकायत पर पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि एक आरोपी अब भी फरार है.

ठगों ने गोल्ड लोन के नाम पर की बैंक से धोखाधड़ी

नकली गोल्ड को असली बताकर की धोखाधड़ी

पुलिस के मुताबिक महामाया ज्वैलरी शॉप का संचालन अनूप मजूमदार इस धोखाधड़ी का सरगना है. उसने श्यामलेंदू और पोड़ीबहार के श्यामल दास और सुलता दास के साथ मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया. और करीब 14 लाख 39 हजार रुपये की रकम गोल्ड लोन के नाम पर बैंक से ले ली. आरोपियों ने 24 जुलाई 2017 से लेकर 19 सितंबर 2017 तक अलग-अलग तिथि में गोल्ड लोन लिया. लोन में मिली रकम में लगभग 10 लाख अनूप के खाता में ट्रांसफर और जमा किया गया था.

बैंक के सत्यापन के दौरान हुआ खुलासा

यह मामला तब सामने आया जब बैंक में जमा सोने का सत्यापन बैंक के आभूषण मूल्यांकनकर्ता मुरारीलाल से 1 दिसंबर 2018 को कराया गया. जिस पर उन्होंने सोने को नकली बताया. नकली सोना होने की जानकारी मिलते ही इंडियन ओवरसीज बैंक के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक एन देवी सिंह ने पुलिस से शिकायत की. जिसके बाद पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई.

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रामपुर चौकी प्रभारी एसआई राजेश चंद्रवंशी ने जांच में पाया कि आरोपियों ने एक राय होकर नकली सोने से असली नोट पाने के लिए यह साजिश रची. जिसके तहत आरोपियों ने नकली सोना जमा कर 14 लाख 39 हजार रुपए की ठगी की थी. अब तक इस केस में पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि 1 आरोपी अब भी फरार है.

Intro:कोरबा। जिला पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो नकली सोना को असली बताकर निहारिका स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक से 14 लाख 39 हजार रुपए लोन आहरण कर हेराफेरी की वारदात को अंजाम दिया गया था। मामले में नकली सोना को असली बताने वाले जौहरी सहित कुल 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था जिसमें 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। जबकि एक आरोपी अभी भी फरार है जिसकी सरगर्मी से खोजबीन की जा रही है।Body:दरअसल यह सारा घटनाक्रम 24 जुलाई 2017 से 19 सितंबर 2017 के मध्य अलग-अलग तिथि में सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था। आभूषण के मूल्यांकनकर्ता सराफा कारोबारी महामाया ज्वेलर्स के संचालक अनूप मजूमदार ने गोल्ड लोन लेने वाले श्यामलेन्दु मृधा , श्यामल दास और सुलता दास के द्वारा ऋण लेते समय जिस सोना को बैंक में प्रस्तुत किया गया उसे असली बताकर प्रमाणित कर दिया। सोने के एवज में गोल्ड लोन प्राप्त करते ही बैंक खाते में आए रकम को ज्वेलर अनूप मजूमदार के खाता में 10 लाख 19 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिया गया। Conclusion:यह मामला तब प्रकाश में आया जब बैंक में जमा सोना का सत्यापन बैंक द्वारा आभूषण मूल्यांकनकर्ता मुरारीलाल से 1 दिसंबर 2018 को कराया गया जिस पर उन्होंने सोना को नकली बताया। नकली सोना होने की जानकारी मिलते ही इंडियन ओवरसीज बैंक के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक एन देवी सिंह क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर के द्वारा स्थानीय शाखा प्रबंधक नंदकिशोर बोद्रा के माध्यम से रामपुर पुलिस चौकी में 12 दिसंबर को लिखित शिकायत कराई गई।
रामपुर चौकी प्रभारी एसआई राजेश चंद्रवंशी ने जांच में तेजी लाई। जांच में पाया गया कि आरोपियों द्वारा एकराय होकर नकली सोना से असली नोट अर्जित करने तथा बैंक को हानि पहुंचाने के आशय से षडयंत्र पूर्वक नकली सोना जमा कर 14 लाख 39 हजार रुपए की ठगी किया गया था। मामले में पुलिस ने ठगी का अपराध दर्ज कर आरोपीयों को जिला भेज दिया गया है।

बाइट-राजेश चंद्रवंशी, रामपुर चौकी प्रभारी
Last Updated : Dec 3, 2019, 10:30 PM IST
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