कोरबा: जिले में नकली सोना को असली बताकर गोल्ड लोन हासिल करने वाले गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है. आरोपियों ने बैंक से 14 लाख 39 हजार रुपये की ठगी की है. पहले आरोपियों ने नकली सोने के बदले बैंक से लोन के आवेदन किया. आरोपियों के इस खेल में नकली जेवरात को असली प्रमाणित करने वाला ज्वैलर शामिल है. मामले का खुलासा तब हुआ जब बैंक ने अपने अधिकृत ज्वैलर से इसकी जांच कराई. पूरा मामला इंडियन ओवरसीज बैंक का है. बैंक की शिकायत पर पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि एक आरोपी अब भी फरार है.
नकली गोल्ड को असली बताकर की धोखाधड़ी
पुलिस के मुताबिक महामाया ज्वैलरी शॉप का संचालन अनूप मजूमदार इस धोखाधड़ी का सरगना है. उसने श्यामलेंदू और पोड़ीबहार के श्यामल दास और सुलता दास के साथ मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया. और करीब 14 लाख 39 हजार रुपये की रकम गोल्ड लोन के नाम पर बैंक से ले ली. आरोपियों ने 24 जुलाई 2017 से लेकर 19 सितंबर 2017 तक अलग-अलग तिथि में गोल्ड लोन लिया. लोन में मिली रकम में लगभग 10 लाख अनूप के खाता में ट्रांसफर और जमा किया गया था.
बैंक के सत्यापन के दौरान हुआ खुलासा
यह मामला तब सामने आया जब बैंक में जमा सोने का सत्यापन बैंक के आभूषण मूल्यांकनकर्ता मुरारीलाल से 1 दिसंबर 2018 को कराया गया. जिस पर उन्होंने सोने को नकली बताया. नकली सोना होने की जानकारी मिलते ही इंडियन ओवरसीज बैंक के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक एन देवी सिंह ने पुलिस से शिकायत की. जिसके बाद पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई.
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रामपुर चौकी प्रभारी एसआई राजेश चंद्रवंशी ने जांच में पाया कि आरोपियों ने एक राय होकर नकली सोने से असली नोट पाने के लिए यह साजिश रची. जिसके तहत आरोपियों ने नकली सोना जमा कर 14 लाख 39 हजार रुपए की ठगी की थी. अब तक इस केस में पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि 1 आरोपी अब भी फरार है.