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खबर का असर : सीटी स्कैन मशीन की होगी सरकारी खरीदी, 50 वेंटिलेटर भी मिलेंगे

कोरबा जिले में मौजूद सीटी स्कैन मशीनों के खराब होने की बात को प्रशासन के साथ राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने भी संज्ञान में लिया है. अधिकारियों की बैठक लेकर राजस्व मंत्री ने सीटी स्कैन मशीन की सरकारी खरीदी करने की बात कही है. उन्होंने जिले के लिए 50 वेंटिलेटर के जल्द खरीदे जाने का आश्वासन दिलाया.

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ETV भारत की खबर का असर
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Published : Apr 19, 2021, 1:17 PM IST

Updated : Apr 19, 2021, 2:11 PM IST

कोरबा: जिले में ETV भारत की खबर का एक बार फिर असर हुआ है. कोरोना संक्रमण के भीषण काल में इसके इलाज के लिए आवश्यक सीटी स्कैन जैसी बुनियादी सुविधा, जिले में उपलब्ध नहीं होने की खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. सीटी स्कैन मशीनों के खराब होने की बात को प्रशासन के साथ राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने भी संज्ञान में लिया है. उन्होंने सीटी स्कैन मशीन की सरकारी खरीदी करने की बात कही है. इसके साथ ही जिले के लिए 50 वेंटिलेटर के जल्द से जल्द खरीदने का भी आश्वासन दिया. राजस्व मंत्री ने यह भी कहा है कि जिले में जल्द ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति भी की जा रही है. इसकी भी कमी नहीं होगी.

ETV भारत की खबर का असर

फिलहाल दो स्थानों पर सुविधा, दोनों ही खराब
वर्तमान में सीटी स्कैन की सुविधा ट्रामा सेंटर के साथ जिले के NKH अस्पताल में है. लेकिन इन दोनों स्थानों पर वर्तमान में मशीनें खराब पड़ी हैं. फिलहाल जिले में कहीं भी सीटी स्कैन की सुविधा नहीं है. ट्रामा सेंटर में सरकारी तो NKH में निजी तौर पर सीटी स्कैन की सुविधा जिले वासियों को मिलती थी. लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ने के बाद पिछले कुछ समय से दोनों ही जगहों पर लगी मशीनें खराब हो चुकी हैं. जिन्हें अब तक सुधारा भी नहीं जा सका है. इस विषय में ETV भारत ने प्रमुखता से खबर को दिखाया था. जिसके बाद प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधि सक्रिय हुए हैं.

जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी

राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने जिले में सीटी स्कैन मशीन के सरकारी खरीदी के साथ ही 50 वेंटिलेटर की खरीदी की बात कही है. उन्होंने जल्द ही इसकी खरीदी कर जिले में सुविधा उपलब्ध कराए जाने की बात का जिक्र किया, लेकिन सरकारी खरीदी की प्रक्रिया में कितने दिन लगेंगे और सुविधा किस दिन से जिले वासियों को मिलने लगेगी?
यह अब भी स्पष्ट नहीं है. जबकि वर्तमान में इसकी आवश्यकता जिलेवासियों को सबसे ज्यादा है. जिले में अब औसतन हर दिन 800 से 900 की संख्या में नए कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं.

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कोरबा के कोविड अस्पताल
भगवान भरोसे संक्रमितसंक्रमण फैलने के बाद व्यवस्था दुरुस्त होने के बजाय और बिगड़ गयी है. अब तक जिला अस्पताल परिसर में स्थित ट्रामा सेंटर में कोरोना संक्रमित मरीजों का सीटी स्कैन किया जाता था. हफ्तेभर पहले ही ट्रामा सेंटर को प्रशासन ने अधिग्रहित कर लिया है. अब यह कोविड अस्पताल के तौर पर संचालित हो रहा है. लेकिन यहां सीटी स्कैन की मशीन खराब है. जिसके कारण संक्रमित मरीजों का सीटी स्कैन नहीं हो पा रहा है. जिले में ट्रामा सेंटर इकलौती ऐसी संस्था है जहां सीटी स्कैन की सरकारी सुविधा उपलब्ध थी.

कोरबा जिला अस्पताल का राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने किया निरीक्षण

निजी अस्पताल में भी मशीन खराब
ट्रामा में सरकारी सुविधा के अलावा निजी तौर पर शहर के NKH अस्पताल में सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध थी. यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का सीटी स्कैन किया जाता रहा है. लेकिन पिछले लगभग 2 हफ्तों से संक्रमितों की संख्या में इजाफा होने के बाद आश्चर्यजनक रूप से यहां की मशीन भी खराब हो गई है. कोरोना संक्रमित मरीज किसी तरह यहां पहुंच तो रहे हैं, लेकिन उन्हें बैरंग लौटना पड़ रहा है.


कोरोना के इलाज में इसलिए जरूरी है सीटी स्कैन
कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए अब तक किए जा रहे जांच में स्वैब का सैंपल लिया जाता है. इससे मरीज के कोरोना पॉजिटिव होने का पता चलता है. कई बार रिपोर्ट नेगेटिव भी आ जाती है. ऐसे में फेफड़े में कितना इन्फेक्शन फैला है? कोरोना मरीज को सांस लेने में दिक्कत की वजह फेफड़े में इंफेक्शन ही है, इसका पता नहीं चलने से मरीज की हालत और गंभीर हो जाती है. जबकि सीटी स्कैन से इन्हीं सभी बातों का तुरंत पता चल जाता है. जिससे मरीज का इलाज करने में आसानी होती है. कई बार मरीज की रिपोर्ट निगेटिव हो और मरीज में कोरोना के लक्ष्ण हो, तब भी सीटी स्कैन से लक्षण की पुष्टि होती है.

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कोरबा स्वास्थ्य विभाग
साल भर इंतजार क्यों किया गया ?कोरोना ने 1 साल पहले दस्तक दी थी. पहले चरण में भी जिले में लॉकडाउन लगाया गया था. कई मरीजों की स्थिति चिंताजनक थी. इस दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने की बात कही गई थी, तब भी वेंटिलेटर खरीदने की बात हुई थी, तब भी सीटी स्कैन की सुविधा इन्हीं दो स्थानों पर मिल रही थी. लेकिन अब जब संक्रमण बढ़ गया और इसकी जरूरत से जिला पूरी तरह से महरूम गया. तब जरूरत पड़ने पर कुआं खोदने जैसा काम हो रहा है. बड़ा सवाल यह है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए साल भर का समय मिला था, तो क्या अब सीटी स्कैन जैसी मूलभूत आवश्यकता के लिए संक्रमण बढ़ने का सरकार इंतजार कर रही थी?

कोरबा: जिले में ETV भारत की खबर का एक बार फिर असर हुआ है. कोरोना संक्रमण के भीषण काल में इसके इलाज के लिए आवश्यक सीटी स्कैन जैसी बुनियादी सुविधा, जिले में उपलब्ध नहीं होने की खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. सीटी स्कैन मशीनों के खराब होने की बात को प्रशासन के साथ राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने भी संज्ञान में लिया है. उन्होंने सीटी स्कैन मशीन की सरकारी खरीदी करने की बात कही है. इसके साथ ही जिले के लिए 50 वेंटिलेटर के जल्द से जल्द खरीदने का भी आश्वासन दिया. राजस्व मंत्री ने यह भी कहा है कि जिले में जल्द ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति भी की जा रही है. इसकी भी कमी नहीं होगी.

ETV भारत की खबर का असर

फिलहाल दो स्थानों पर सुविधा, दोनों ही खराब
वर्तमान में सीटी स्कैन की सुविधा ट्रामा सेंटर के साथ जिले के NKH अस्पताल में है. लेकिन इन दोनों स्थानों पर वर्तमान में मशीनें खराब पड़ी हैं. फिलहाल जिले में कहीं भी सीटी स्कैन की सुविधा नहीं है. ट्रामा सेंटर में सरकारी तो NKH में निजी तौर पर सीटी स्कैन की सुविधा जिले वासियों को मिलती थी. लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ने के बाद पिछले कुछ समय से दोनों ही जगहों पर लगी मशीनें खराब हो चुकी हैं. जिन्हें अब तक सुधारा भी नहीं जा सका है. इस विषय में ETV भारत ने प्रमुखता से खबर को दिखाया था. जिसके बाद प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधि सक्रिय हुए हैं.

जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी

राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने जिले में सीटी स्कैन मशीन के सरकारी खरीदी के साथ ही 50 वेंटिलेटर की खरीदी की बात कही है. उन्होंने जल्द ही इसकी खरीदी कर जिले में सुविधा उपलब्ध कराए जाने की बात का जिक्र किया, लेकिन सरकारी खरीदी की प्रक्रिया में कितने दिन लगेंगे और सुविधा किस दिन से जिले वासियों को मिलने लगेगी?
यह अब भी स्पष्ट नहीं है. जबकि वर्तमान में इसकी आवश्यकता जिलेवासियों को सबसे ज्यादा है. जिले में अब औसतन हर दिन 800 से 900 की संख्या में नए कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं.

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कोरबा के कोविड अस्पताल
भगवान भरोसे संक्रमितसंक्रमण फैलने के बाद व्यवस्था दुरुस्त होने के बजाय और बिगड़ गयी है. अब तक जिला अस्पताल परिसर में स्थित ट्रामा सेंटर में कोरोना संक्रमित मरीजों का सीटी स्कैन किया जाता था. हफ्तेभर पहले ही ट्रामा सेंटर को प्रशासन ने अधिग्रहित कर लिया है. अब यह कोविड अस्पताल के तौर पर संचालित हो रहा है. लेकिन यहां सीटी स्कैन की मशीन खराब है. जिसके कारण संक्रमित मरीजों का सीटी स्कैन नहीं हो पा रहा है. जिले में ट्रामा सेंटर इकलौती ऐसी संस्था है जहां सीटी स्कैन की सरकारी सुविधा उपलब्ध थी.

कोरबा जिला अस्पताल का राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने किया निरीक्षण

निजी अस्पताल में भी मशीन खराब
ट्रामा में सरकारी सुविधा के अलावा निजी तौर पर शहर के NKH अस्पताल में सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध थी. यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का सीटी स्कैन किया जाता रहा है. लेकिन पिछले लगभग 2 हफ्तों से संक्रमितों की संख्या में इजाफा होने के बाद आश्चर्यजनक रूप से यहां की मशीन भी खराब हो गई है. कोरोना संक्रमित मरीज किसी तरह यहां पहुंच तो रहे हैं, लेकिन उन्हें बैरंग लौटना पड़ रहा है.


कोरोना के इलाज में इसलिए जरूरी है सीटी स्कैन
कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए अब तक किए जा रहे जांच में स्वैब का सैंपल लिया जाता है. इससे मरीज के कोरोना पॉजिटिव होने का पता चलता है. कई बार रिपोर्ट नेगेटिव भी आ जाती है. ऐसे में फेफड़े में कितना इन्फेक्शन फैला है? कोरोना मरीज को सांस लेने में दिक्कत की वजह फेफड़े में इंफेक्शन ही है, इसका पता नहीं चलने से मरीज की हालत और गंभीर हो जाती है. जबकि सीटी स्कैन से इन्हीं सभी बातों का तुरंत पता चल जाता है. जिससे मरीज का इलाज करने में आसानी होती है. कई बार मरीज की रिपोर्ट निगेटिव हो और मरीज में कोरोना के लक्ष्ण हो, तब भी सीटी स्कैन से लक्षण की पुष्टि होती है.

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कोरबा स्वास्थ्य विभाग
साल भर इंतजार क्यों किया गया ?कोरोना ने 1 साल पहले दस्तक दी थी. पहले चरण में भी जिले में लॉकडाउन लगाया गया था. कई मरीजों की स्थिति चिंताजनक थी. इस दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने की बात कही गई थी, तब भी वेंटिलेटर खरीदने की बात हुई थी, तब भी सीटी स्कैन की सुविधा इन्हीं दो स्थानों पर मिल रही थी. लेकिन अब जब संक्रमण बढ़ गया और इसकी जरूरत से जिला पूरी तरह से महरूम गया. तब जरूरत पड़ने पर कुआं खोदने जैसा काम हो रहा है. बड़ा सवाल यह है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए साल भर का समय मिला था, तो क्या अब सीटी स्कैन जैसी मूलभूत आवश्यकता के लिए संक्रमण बढ़ने का सरकार इंतजार कर रही थी?
Last Updated : Apr 19, 2021, 2:11 PM IST
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