कोरबा: केंद्र सरकार ने विकास से पिछड़े गांवों को नई दिशा देने के लिए आदर्श ग्राम योजना चलाई, जिसके तहत सांसदों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई की इन गांवों को गोद लेकर वहां विकास के पहिए को नया आकार दें. आने वाले दिनों में प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव होने हैं, जिसे देखते हुए ETV भारत की टीम इन आदर्श गांवों में पहुंच रही है और वहां के हालातों से रूबरू हो रही है.
2014 में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत चिन्हित कोरबा के ग्राम पंचायत तिलकेजा में विकास के दावे अब भी अधूरे हैं. ग्राम पंचायत तिलकेजा को दिवंगत सांसद बंशीलाल महतो ने गोद लिया था. दरअसल यह पंचायत सांसद महतो के पैतृक गांव के पास था इसलिये ही उन्होंने इसे गोद लिया था.
वहीं लोग यह जरूर मानते हैं कि काम हुए हैं, लेकिन आदर्श ग्राम के तहत चिन्हित गांव में जिस स्तर के काम किए जाने थे, वैसा काम अब भी नहीं हो पाया है. मुख्य सड़क और भवन निर्माण को छोड़ दिया जाए तो लोग अब भी बिजली, पानी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं. ग्रामीणों को पेंशन भी समय से नहीं मिल रहा है.
किसानों को बोर खनन का इंतजार
आदर्श ग्राम की परिकल्पना को साकार करने के लिए गांव में किसानों की सहायता के उद्देश्य से एक किसान सूचना केंद्र स्थापित किया गया था, लेकिन इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल सका. बीते 4 साल में गांव के कुल 941 किसानों में से केवल 4 किसानों को ही बोर खनन योजना का लाभ मिला है. शेष किसान अब भी इस इंतजार में है कि उनके खेतों में पानी कैसे पहुंचेंगा.
गांव में मौजूद सुविधाएं
- सामुदायिक संवाद भवन (निर्माण राशि-25 लाख रुपए)
- पीडीएस भवन (निर्माण राशि- 08 लाख रुपए)
- आंगनबाड़ी भवन (निर्माण राशि- 06 लाख रुपए)
- 07 में से छह पुलिया बनें
गांव के अधूरे काम
- केंद्रीय विद्यालय की स्थापना (प्रस्तावित)
- गौरा-सहुना-नया तालाब की मरम्मत (आवांटित राशि- 12 लाख 75 हजार रुपए)
- जिला सहकारी बैंक भवन (प्रस्तावित)
- नाली निर्माण (आवांटित राशि- डेढ़ लाख रुपए)
- 80 फीट चौड़ी सीसी रोड (आवांटित राशि- 3.57 करोड़)
- बस स्टैंड तक 260 मीटर सीसी रोड
- धीवर मोहल्ला में 200 मीटर सीसी रोड
नल तो लगा, लेकिन नहीं मिला पानी!
गांव में नल के कनेक्शन तो लगे, लेकिन पानी नहीं पहुंचा. नल-जल योजना के तहत लाखों की लागत से आदर्श ग्राम में घर-घर पानी पहुंचाने के लिए काम कराया गया. इसके अंतर्गत ग्रामवासियों को 150 कनेक्शन दिए गए. जिसकी लागत 40 लाख रुपये थी. घरों तक कनेक्शन तो पहुंचा दिए गए, लेकिन टंकी में पानी ही नहीं चढ़ सका. सीपेज, पाइप में लीकेज जैसी समस्याओं के कारण योजना ठप पड़ गई. जिसकी वजह से आदर्श ग्राम के लोग पेयजल जैसी समस्या से जूझ रहे हैं.
कृषि सूचना केंद्र का भी नहीं मिला लाभ
आदर्श ग्राम में किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए कृषि सूचना केंद्र की स्थापना की गई. तिलकेजा मे कुल 941 पंजीकृत किसान हैं. गांव का कुल क्षेत्रफल 1082.67 हेक्टेयर है, जिसमें से कृषि क्षेत्र 924.7 हेक्टेयर है. इसमें से महज 8.21 हेक्टेयर खेत ही सिंचित हैं, जबकि 781.63 हेक्टेयर खेत अब भी असिंचित श्रेणी में आते हैं.